हम ब्रेस्ट कैंसर की बीमारी के बारे में बात करने जा रहे हैं, तो क्या है ब्रेस्ट कैंसर, के से होता है ये? इस कैंसर क्या इलाज है? और सबसे महत्वपूर्ण बात की क्या इसका इलाज संभव है ? तो आइए शुरू करते है
- कैंसर तब होता है जब सेल नियंत्रण से बाहर बढ़ने लगता है, वे आसपास के टिश्यू पर हमला करने या शरीर के माध्यम से यह सब फै लाने में सक्षम होते हैं, जैसे बड़ी संख्या में ट्यूमर भी कहा जाता है।
भारत की मटहला इस कैंसर से सबसे ज्यादा प्रभावित है, लेककन ब्रेस्ट कैंसर से महिलाओं में अन्य प्रकार के कैंसर का खतरा भी बढ़ रहा है और स्तन (ब्रेस्ट) कैंसर भारत में महिलाओं की मौत का प्रमुख कारर् बनता जा रहा है, अनुपात के अनुसार, भारत में आठ में से एक मटहला ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित है । इनमें से करीब 70 फीसदी मटहला मरीजों को कीमोथेरेपी का लाभ नहीं मिला है, लेककन 30 फीसदी महिलाओं
को कीमोथेरेपी से फायदा हुआ है। लेकिन सूत्रों का कहना है कि 50 से 60 प्रतिशत महिलाओं को कीमोथेरेपी की जरूरत नहीं होती, क्योंकि इसके अलावा हार्मोनल थेरेपी के जरिए भी कैंसर की बीमारी को ठीक किया जा सकता है।
- उपचार के ववलभन्न प्रकार और इसकी लागत:-
ब्रेस्ट कैंसर का सबसे व्यापक रूप से मान्यता प्राप्त प्रकार Obstructive ductal Carcinoma और Intensive lobular Carcinoma है। ब्रेस्ट कैंसर के कुछ अलग-अलग सामान्य प्रकार हैं, उदाहरर् के शलए, वपगमेंट एशलमेंट, द आउटर मेरो , म्यूकस मेमेब्रेन , (डीसीआईएस) में डक्टल काशसणनोमा एक स्तन रोग है जो ब्रेस्ट कैंसर का संकेत हो सकता है। ब्रेस्ट कैं सर वृद्धि कोशशकाएां के वल नशलकाओां की परत में होती हैं और ब्रेस्ट में ववशभन्न टटशूमें नहीां फै लती हैं।
WHO ने ब्रेस्ट कैंसर के इलाज के शलए 2019 में एक नई दवा लेने की घोषर्ा की थी। इससे न केवल भारत बल्कि दुनिया भर की महिलाओं को मदद मिलेगी और उनके शलए इलाज के शलए कम लागत पर सस्ता ईलाज शमलना सांभव हो सके गा । और दवा का नाम ट्रास्टुजुम्बा (Trastuzumab) है। यह एक बायोसमान दवा है, जिसका मतलब है कि यह जीवित स्रोतों जैसी कोशिकाओं से बना है न कक ककसी रसायन से, उसकी कीमत भी सामान्य दवा की तुलना में 65 प्रतिशत कम है , एक मीडिया ररपोटट के मुताबिक फस्ट स्टेज के कैंसर से लडने में यह दवा काफी कारगर है। साथ ही साथ कुछ केस में देखा गया है कि एडवांस स्टेज के ब्रेस्ट कैंसर में भी यह दवा काफी उपयोगी साबित हुई है। WHO के डायरेक्टर जनरल टेड्रोस घेब्रेयेसस का कहना है, WHO की दवा ट्रैस्टिजमाब दुनिया भर की महिलाओं के शलए गुड न्यूज है क्योंकि गरीब देशों में महंगी दवाइयों के कारर् इलाज काफी महंगा है। किफायती और असरदार
इलाज हर मटहला का अधिकार है।‘ और इसके अलावा प्रोटोन थेरेपी ब्रेस्ट कैंसर के शलए एक बेहद सटीक उपचार है जो ववककरर् को सीिे ट्यूमर में बताता है और बंद हो जाता है। आसपास के स्वस्थ टिशू और अंगों के बकरे का खतरा कम हो जाता है, और छोटे और लम्बे समय के साइड इफेक्ट का खतरा काफी कम हो जाता है।
आजकल की महिलाओं को इस बीमारी के और दसू रे लक्षणों को भी अनदेखा नहीं करना चाहहए, क्योंकक इस बीमारी के और भी लक्षण होते है , कई जगह से ये खबरें आती है इस बीमारी के मरीज विश्वास की चपेट में आ जाते है, ऐसे में मरीज को देसी दवा और झाड़ फूंक से बचना चाहिए और समय पर अपनी बीमारी का उपचार करना चाहिए।
- उन्ननत(Advancement) और अनुसांिान(research):-
हम ब्रेस्ट कें सर को रोक तो नही सकते लेकिन थोड़ी सी जागरूकता अपना कर इससे होने वाले असमय मौत को टाल जरूर सकते है , जब ये रोग हमे पूरी तरह जकड़ ले इससे पहले यटद हमने इसके आरांशभक लक्षण का पता लगा शलया तो इलाज काफी आसान हो जाता है और लगभग 70 से 80 प्रतिशत लोग ठीक हो सकते है।
देखा जाए तो भारत में महिलाओं का मतलब परिवार होता है और आप समझ सकते है अगर किसी 40 साल की मटहला को ब्रेस्ट कैंसर हो गया तो उसके बच्चों की शिक्षा से लेकर परिवार की क्या हालत होगी, धच ांता का ववषय तो यह है कि पिछले कुछ सालों में भारत में कैंसर की चपेट अनुमानित आयु में और भी गिरावट आ चुकी है और लगभग 45 प्रतिशत ब्रेस्ट कैंसर के रोगी 50 वर्ष से कम आयु की पाई गई है, यह जस्ट धथ बेहद धच ांतनीय और निराशाजनक है, तो जाहिर सी बात है इस मामले में झझझक को छोड कर आगे बढ़ने की आवश्यकता है, इसशलए कैंसर के सामान्य लक्षणों पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है। ब्रेस्ट कैंसर का जल्दी पता लगाने का सबसे अच्छा तरीका हैंकक स्तन सजगता कायणक्रम जजसमे शशक्षा, परीक्षा ओर मैमोग्राफी जहां जांच उपकरण शाशमल ककए जाते हैं, इसके अलावा हमारी जीवनशैली में भी सुिार एक महत्वपूर्ण बात हैंइससे हम न केवल कैंसर बजल्क आने वाले दसू रे भी रोगों से अपना बचाव कर सकते है।
- इसी के साथ हम बात कर लेते है हमारे बॉलीवुड इंडस्ट्री के कुछ सेलिब्रिटी की जो कैंसर पीड़ित रह चुके हैं और कुछ इस घातक बीमारी से आज भी लड रहे है, जैसे कि सोनाली बेंद्रे , अनुराग बसु, मनीषा कोइराला ये कुछ नाम ऐसे जो आज भी इस बबमारी से लड रहे है , और कुछ सेशलबब्रटी जैसे इरफान खान और ऋवष कपूर दोनों ही कें सर पीड़ित थे हाल ही में जिनका इस कैंसर जैसी घातक बीमारी के चलते निधन हो गया।
- 2020 अपडेट के अनुसार कैंसर के इलाज के शलए हमारे भारत में टॉप बेस्ट 10 हॉस्पिटल है , जैसे की इन्द्रप्रस्थ अपोलो टदल्ली, टाटा मेमोरियल सेंटर, नानावत , फोटटणस जैसे और हॉस्पिटल है जहां आप जा कर अपनी बीमारी के आरांशभक लक्षण से अपना इलाज अच्छे से करवा सकते है।
यहां कुछ छोटी सी जानकारी मैं आप लोगों के बीच लाना चाहती थी की के से हम और हमारे भारत की महिलाएं इस बीमारी से लड सकते है , क्योंकि ब्रेस्ट और उनसे संबंधित समस्याओं पर अधिकतर महिलाएं खुल कर बात नही करती है और ब्रेस्ट कैंसर का शिकार हो जाती है ऐसे में घर के पुरुष वगण को भी जागरूक रहने की आवश्यकता है कि वे घर की महिलाओं का अच्छे से इलाज करवाए उनकी समस्या को समझें और याद रखने की ‘सावधानी ही बचाव है’ आप भी जान गए और दसू रो को भी प्रेरित कीजिए , अन्यथा ध्यान न देने पर आपके साथ साथ आपका पूरा परिवार दखु ी होगा।