Kya Pregnancy mein Vaccination safe hai?- क्या कोविड-19 वैक्सीन गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षित है ?

 क्या कोविड-19 वैक्सीन गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षित है ?

 गर्भवती महिलाओं को कोविड-19 वैक्सीन लगवाना सुरक्षित होगा या नहीं? इस विषय पर अभी तक सरकार या फिर मेडिकल डिपार्टमेंट की तरफ से कोई भी स्पष्ट गाइडलाइंस जारी नहीं की गई है | कोविड-19 वैक्सीन की डोज  , उम्र के आधार पर आम जनता को उपलब्ध करवाई जा रही है |

 हाल ही में सरकार द्वारा जारी आदेश के अनुसार भारत में 1 मई 2021 से 18 वर्ष के ऊपर की आयु का कोई भी व्यक्ति कोविड-19 वैक्सीन लगवा सकता है | देश में लगातार बढ़ रहे कोरोनावायरस के चलते यह देखने में आ रहा है किसके लक्षण और स्वास्थ्य पर असर दोनों ही काफी नए नए रूप में सामने आते हैं | कुछ व्यक्तियों में कोरोनावायरस संक्रमण काफी घातक सिद्ध होता है | वहीं दूसरी तरफ कुछ लोगों में कोरोनावायरस संक्रमण के बहुत ही सामान्य से लक्षण देखने को मिलते हैं |




 गर्भवती महिलाओं पर कोरोनावायरस का क्या असर हो सकता है ?

गर्भवती महिलाओं में एंटीबॉडी इसकी मात्रा की सामान्य महिला की तुलना में ज्यादा होती है | क्योंकि गर्भस्थ शिशु को किसी भी प्रकार के संक्रमण से बचाने के लिए गर्भवती महिला का प्रतिरक्षा तंत्र यानी कि इम्यूनिटी सिस्टम शरीर स्वयं ही एंटीबॉडीज का उत्पादन करता है| यह एंटीबॉडीज गर्भनाल (अंबिलिकल कॉर्ड) के रास्ते रक्त के माध्यम से गर्भस्थ शिशु तक पहुंचते हैं | इसलिए यह कहा जा सकता है कि सामान्य संक्रमण से बचाव के लिए गर्भवती महिला का शरीर स्वयं को प्राकृतिक तरीके से अपने आप ही ज्यादा सुरक्षित कर लेता है | यही एंटीबॉडीज बच्चे के जन्म के बाद मां के स्तनपान के माध्यम से बच्चे के शरीर तक पहुंचते हैं|  अगर कोरोनावायरस के बारे में बात की जाए तो वर्तमान परिस्थितियों के चलते यह देखने में रहा है कि कोरोनावायरस का असर अलग-अलग व्यक्तियों में अलग-अलग तरीके से हो रहा है | अगर कोई गर्भवती महिला कोरोनावायरस से संक्रमित हो जाती है, तो उसके लिए भी खतरा उतना ही है, जितना अन्य किसी सामान्य व्यक्ति के लिए होता है | लेकिन गर्भस्थ शिशु पर इसका कितना असर होगा इस पर कुछ निश्चित तौर पर नहीं कहा जा सकता |

कोरोना संक्रमण के नए लक्षणों में उल्टी, डायरिया  तेज बुखार आना और फेफड़ों में ऑक्सीजन की कमी हो जाना | यह कुछ ऐसे लक्षण देखने को मिल रहे हैं जो कि गर्भावस्था में किसी भी महिला के लिए काफी हानिकारक साबित हो सकते हैं | उल्टी और डायरिया होने से जहां शिशु को मिलने वाले पोषण पर प्रभाव पड़ सकता है, वही ऑक्सीजन की कमी होने की स्थिति में गर्भवती महिला और उसके होने वाले शिशु की जान को खतरा रहता है |


गर्भवती होने की स्थिति में अंतिम 3 महीनों के दौरान अगर कोई महिला कोरोना वायरस से संक्रमित होती है तो ऑक्सीजन की कमी होना उसके लिए एक सामान्य परिस्थिति हो सकती है | क्योंकि गर्भस्थ शिशु का आकार बढ़ जाने की वजह से शरीर के बाकी अंगों जैसे कि फेफड़ों पर दबाव पड़ता है | और इस स्थिति में एक सामान्य गर्भवती महिला भी कभी-कभी सांस लेने में तकलीफ महसूस करती है | इसलिए कहा जा सकता है कि, कोरोना संक्रमण किसी भी गर्भवती स्त्री के लिए काफी नुकसानदायक है|

इसके अलावा गर्भवती होने की स्थिति में सामान्यतः महिलाओं को यूरिन इन्फेक्शन होना एक आम बात होती है| इसका मतलब यह है कि गर्भवती महिलाओं का शरीर कुछ प्रकार के संक्रमण के लिए काफी अनुकूल हो जाता है | और इस परिस्थिति में अगर कोरोनावायरस के प्रभाव में उनका शरीर आता है तो वह संक्रमण बढ़ सकता है | 

गर्भवती होने की स्थिति में कुछ ऐसी दवाएं हैं जो हम महिलाओं को नहीं दे सकते | क्योंकि उनका बुरा असर उनके होने वाले बच्चे पर पड़ सकता है | इसीलिए गर्भवती होने के वक्त महिलाओं को अपने आप को संक्रमण से बचाए रखने के उपाय करने की सलाह दी जाती है |


 कोविड-19 वैक्सीन गर्भवती महिलाओं के लिए कितना सुरक्षित है ?


कोविड-19 वैक्सीन के प्रथम चरण के ट्रायल के दौरान यह पाया गया कि इस वैक्सीन को गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षित माना जा रहा था | लेकिन वैक्सीन लगवाने के बाद कुछ साइड इफेक्ट भी देखने को मिले जैसे की 

 -मांसपेशियों में दर्द

 -इंजेक्शन लगने वाली जगह पर सूजन

 -तेज बुखार 

-सिरदर्द 

- 10 से 20% लोगों में खून का थक्का जमना

 इन सभी साइड इफेक्ट के कारण कई बार गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य पर कोविड-19 वैक्सीन का नकारात्मक प्रभाव देखने को मिला | तेज बुखार और अन्य लक्षणों की वजह से गर्भ में पल रहे शिशु के लिए कई बार खतरा भी हो सकता है| जैसे कि समय से पूर्व प्रसव जिसे हम प्रीमेच्योर डिलीवरी कहते हैं | या फिर खून का थक्का बनने की स्थिति में गर्भनाल में थक्का बनने का खतरा जिससे गर्भ में पल रहे शिशु को रक्त का प्रवाह रुक सकता है | और ऑक्सीजन की कमी होने से उसकी मृत्यु भी हो सकती है| लेकिन प्रत्येक गर्भवती महिला में यह लक्षण देखने को मिलेंगे यह जरूरी नहीं है | कई बार यह लक्षण महिला के शारीरिक स्वास्थ्य की परिस्थितियों पर भी निर्भर करते हैं |

जैसे कि अगर कोई गर्भवती महिला पहले से ही डायबिटीज से ग्रसित है तो उसमें संक्रमण होने का खतरा एक स्वस्थ गर्भवती महिला की तुलना में ज्यादा होता है |


रिसर्च क्या कहती है ?

यूके में 90,000 गर्भवती महिलाओं पर कोविड-19 के कुछ वैक्सीन का प्रयोग किया गया | और उस प्रयोग के बाद यह पाया गया कि यह विशेष कोरोना वैक्सीन उनके लिए पूर्णतया सुरक्षित है |

इन महिलाओं में इस वैक्सीन के बाद कोई ऐसे लक्षण देखने को नहीं मिले | जिससे उनके गर्भस्थ शिशु पर या उनके स्वयं के स्वास्थ्य पर कोई विपरीत असर पड़ा हो | लेकिन ऐसा सिर्फ कुछ विशेष वैक्सीन ब्रांड की डोज के बाद ही देखा गया |

सारांश 

इन सब आंकड़ों को देखने के बाद आप यह कहा जा सकता है, अगर किसी गर्भवती महिला को कोविड-19 का वैक्सीन लगवाना है | तो इससे पूर्व उसे अपने डॉक्टर से सही और उचित परामर्श लेने की आवश्यकता है | सर्वप्रथम अपनी शारीरिक जांच करवाएं किसी भी प्रकार की जटिलता होने पर या गर्भवती महिला को गर्व के अलावा कोई और शारीरिक स्थिति कोई बीमारी है कोई गंभीर रोग जैसे कि अस्थमा ,डायबिटीज ,ह्रदय रोग, थैलेसीमिया जैसी कोई भी बीमारी होने की स्थिति में वैक्सीन लगवाना है | या नहीं इसकी जानकारी अपने डॉक्टर से लेना जरूरी है | सरकार के द्वारा सिर्फ उम्र के आधार पर वैक्सीन लगवाने  के आदेशों के अनुसार यह निर्णय किसी भी गर्भवती महिला को नहीं लेना चाहिए |

अगर हम भारत की बात करें तो भारत देश में 18 वर्ष से ऊपर के सभी लोगों को वैक्सीन 1 मई 2021 से लगवाया जा सकता है |इससे पूर्व 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को वैक्सीन लगवाने की आज्ञा थी| सामान्यतया 20 से लेकर 40 वर्ष तक की उम्र की महिलाएं गर्भवती होती है |इसका मतलब यह है की इस उम्र की महिलाओं को वैक्सीन लगवाने के बाद क्या प्रभाव सामने आए हैं उसके बारे में अभी तक मेडिकल डिपार्टमेंट को भी पूरी तरह से जानकारी नहीं है | क्योंकि जो भी रिसर्च और वैक्सीन के प्रयोग किए गए थे वह कुछ प्रतिशत  लोगों के ऊपर किए गए हैं |और यह आवश्यक नहीं कि उसके जो परिणाम उन महिलाओं में आए वह अन्य लोगों में भी आए इसलिए यही सलाह दी जाती है कि गर्भवती महिलाएं अगर व्यक्ति कोविड-19 का वैक्सीन लगवाना चाहे तो अपने डॉक्टर की सलाह के बाद ही लगवाएं |

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