Kya Pregnent mahilaye Corona ki vaccine le sakti hai - क्या गर्भवती महिलाएं कोरोना के लिए टीका लगवा सकती हैं ?

गर्भावस्था में टीकाकरण 

गर्भावस्था किसी भी महिला के जीवन का एक सुनहरा पड़ाव है।गर्भावस्था के समय महिलाओं में रोग-प्रतिरोधक क्षमता कुछ कम हो जाती है। इससे मां और शिशु को संक्रमण हो सकता है और उसके कई गंभीर परिणाम देखने को मिल सकते हैं । मां और शिशु को इन संक्रमण से बचने का सबसे सरल तरीका "टीकाकरण" है। MMR (खसरा, मम्प्स व रूबेला),हेपेटाइटिस-बी, टिटनेस जैसे कई टीके है जो गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को लगाए जाते है

लेकिन कोरोना वैक्सीन के टीकाकरण में अभी गर्भवत महिलाओं को शामिल नहीं किया गया है




गर्भवती महिलाओं को कोविड  वैक्सीन में शामिल नहीं किया गया 

जब भी को नया वैक्सीन तैया किया जाता है तो उस आम जनता के बीच लाने से पहल कई परीक्षण किए जाते है कुछ जानवरों पर भी इसका असर देख जाता है फिर व्यक्तियों के एक छोटे समूह पर परीक्षण किया जाता है वैक्सीन के परीक्षण में कई बार दो से तीन साल भी लग जाते है

लेकिन कोरोना ने जहा पूरी दुनिया में कोहरा मच रखा है इस बीच कोरोना के लिए वैक्सीन आना एक बहु अच्छी खबर है लेकिन समय की बाध्यता को देखते हुए गर्भवत महिलाओं और बच्चों पर इस वैक्सीन का परीक्षण नहीं किया जा सकाऔर वैक्सीन के कुछ साइड इफेक्ट भी हो सकते है इसलिए भारत सरकार एवं स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी गर्भवती महिलाओं,स्तनपान कराने वाल महिलाओं और 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के समूह को टीकाकरण में शामिल नहीं किया है क्योंकि महिलाओं की इम्यूनिटी क्षमत भी गर्भावस्था के दौरान कम होती है किसी एक समूह को टीकाकरण में शामिल न करना कुछ कारणों से सही भी है

गर्भवती महिलाओं को कोविड  वैक्सीन में शामिल न करने की वजह आंकड़ों की कमी बताया गया है और यह भी कहा गया है कि इन वैक्सीन के गर्भवती महिलाओं के लिए हानिकारक होने के भी अभ को प्रमाण नहीं है


कोरोना वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स

टीकाकरण शुरू होने के बाद से जिन लोगों को भी कोरोना की यह वैक्सीन लगाई गई है उन्होंने इसके साइड इफेक्ट्स के बारे में बताया है. लोगों का कहना है कि इस वैक्सीन को लगाने के बाद उन्हें कमजोरी इंजेक्शन साइट दर्द, सरदर्द, थकान, मायगेलिया (मांसपेशियों में दर्द), असहजता, पाइरेक्सिया (बुखार), ठंड लगना, जी मिचलाना जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

जब महिलाओं के  शरीर में वैक्सीन पहुंचती है और अपना काम करना शुरू करती है तो महिलाओं का इम्यून सिस्टम तेज और तीव्र प्रतिक्रिया देता है। इसलिए महिलाओं में इस वैक्सीन के साइड इफेक्ट ज्यादा देखने को मिलते है

और गर्भावस्था के दौरान थोड़ा भी  साइड इफेक्ट मां और शिशु के लिए घातक साबित हो सकता है इससे गर्भपात होने और बच्च का समय से पूर्व जन्म भी हो सकता है


इसके अतिरिक्त ऐसी गर्भवत महिलाएं जिन्हे उच्च रक्तचाप, मधुमेह, अस्थमा, फुफ्फुसीय, यकृत या गुर्दे की बीमारी, साथ ही पुराने संक्रमण  है उन पर इस वैक्सीन से होने वाल साइड इफेक्ट्स के और घातक परिणाम देखने को मिल सके है

इसलिए जहा तक हो सके गर्भवत महिलाओं को कोसोना वैक्सीन के लिए गर्भावस्था पूरा होने का इंतज़ार करना चाहिए इस दौरान उन्हें अपनी इम्यूनिटी बढ़ाने पर विशेष ध्यान देना चाहिए और अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए साथ ही कोवीड के लिए बताई जाने वाल गाइड लाइंस का पालन करना चाहिए



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