मनुष्य एक सामाजिक पशु है ऐसा कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी। परिवार, साथी, पड़ोसी,जान-पहचान वाले आदि हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं ।
टिंडर क्या है?
यह एक लोकेशन बेस्ड
सर्च मोबाइल ऐप है। यहाँ
स्वाईप कर के दूसरे
उपयोगकर्ताओं की तस्वीरों को
चुना जा सकता है।
जो तस्वीर आपकी तस्वीर के
साथ 'मैच' होती उसे
दाईं ओर स्वाईप कर
के चुना जा सकता
है। यह एक निजी
ऐप है जिसकी कोई
जाँच पड़ताल आपकी अनुमति के
बिना नहीं हो सकती
है।
इस ऐप पर आपकी
एक सुंदर प्रोफाइल फोटो के अलावा
आपकी 'बायो' भी एक प्रमुख
भूमिका निभाती है। आप कितने
उम्दा तरीके से अपने बारे
में व्यक्त कर पाते हैं
जो कि सामने वाले
को आपसे जुड़ने के
लिए बाध्य करे इस बात
का ऐसे ऐप्स पर
बड़ा महत्व है।
टिंडर का उपयोग इस प्रकार करें:
1. लाॅग
इन करना ऐप का
उपयोग का पहला चरण
है।
2. प्रोफाइल
आइकन पर जाकर फिर
आप अपनी तस्वीर लगाएँ।
3. ऐप
सेटिंग में गियर के
आइकन के द्वारा इसमें
बदलाव भी ला सकती
हैं।
4.डिस्कवरी
सेटिंग से लोकेशन का
चयन करें। उम्र, रूचि, दूरी आदि से
जुड़ी सूचना दें। ऐप की
रेंज (सीमा निर्धारण) अपनी
ज़रूरत के हिसाब से
करें।
5.यहाँ
'नोटिफिकेशन' व 'संपर्क करें'
का सेक्शन भी होता है।
यह उपयोगकर्ताओं की सुविधा व
मार्गदर्शन के लिए होता
है।
6. प्रोफाइल
को एडिट करने की
सुविधा भी टिंडर पर
उपलब्ध है। 'एडिट इन्फो'
पर जा कर इस
ऑप्शन का लाभ उठा
सकते हैं।
7. मैच
करवाने की प्रक्रिया सबसे
महत्वपूर्ण है। यही हमें
लोगों से जोड़ता है।
एक उपयोगकर्ता की ऐप सेटिंग
के अनुसार उसे अन्य प्रोफाइल
दिखते हैं। 'लाइक' 'सुपर लाइक' 'रिजेक्ट'
की सुविधा उपलब्ध है। बाईं ओर
स्वाईप करके या '×' पर
क्लिक कर के अनचाहे
या नापसंद प्रोफाइल्स टाले (रिजेक्ट किए) जा सकते
हैं। आप मैसेज़ या
संदेश उसके आईकन पर
जा कर भेज सकते
हैं जैसे ही आपकी
प्रोफाइल मैच होगी। इससे
सामनेवाले की प्रोफाइल से
जुड़ने में मदद मिलेगी।
बायो टिंडर प्रोफाइल का एक महत्वपूर्ण अंग है-
यहाँ
हम अपनी जानकारी देते
हैं अपने अंदाज़ में।क्यूँ
कोई आपसे जुड़ना चाहेगा,यह बायो पढ़
के कुछ क्षण में
निर्धारित होता है। आईये
जाने बायो के महत्व
के बारे में:
सैन
डियागो की 21 वर्षीय लाॅरेन की प्रोफाइल पर
लिखी गई बायो काफी
लोकप्रिय हुई। दुर्घटना में
एक हाथ गंवा चुकी
लाॅरेन ने नकारात्मक रवैया
को न अपना कर
सोशल मीडिया को अपने उबरने
का एक जरिया बनाया।
मजाकिया तरीके से अपनी चतुराई
का भी परिचय उन्होंने
अपने 'बायो' में दिया। इस
तरह से बेशुमार प्रशंसा
व आकर्षण उनकी झोली में
आई।
उपरोक्त
उदाहरण यह सिद्ध करता
है कि बायो लिखने
की भी एक कला
होती है, विशेषकर महिलाओं
के लिए। अपनी आंतरिक
व बाह्य सौंदर्य को लोगों की
नज़रों में शब्दों के
माध्यम से लाना किसी
कला से कम नहीं।
ऑफिस
या फैमिली के बारे में
ज्यादा लिखना कभी-कभी बायो
को अनाकर्षक बनाता है।
इन बिन्दुओं का ध्यान रखना
चाहिए बायो लिखते वक्त
:
. इस
बात का ध्यान रखें
कि बायो बहुत लम्बा
न हो। कम शब्दों
में प्रभावशाली तरीके से अपनी बात
रखना यहाँ कारगर साबित
होगा। 500 शब्दों के अंदर ही
बात को समेटने पर
पढ़ने वाले को बातों
को समझना बोझिल नहीं लगेगा।
.जो
लिखें वो सच हो।
तथ्यों से भटकना या
दिग्भ्रमित करना तर्कसंगत नहीं।
ऐसा इसलिए है क्योंकि बातचीत
होने पर सच्चाई सामने
आने पर रिश्ता प्रभावित
हो सकता है। झूठ
या दिखावट का दामन दीर्घकालिक
नहीं होता।
.बायो
को में अपनी रूचि
व कोई उपलब्धि का
वर्णन करना तर्कसंगत है।
इससे आपका व्यक्तित्व प्रभावशाली
रूप से इंगित हो
पाएगा।
. बायो
लिखते समय व्याकरण का
ध्यान रखना आवश्यक है।
शब्दों की शुद्धता का
विशेष ख्याल रख कर वाक्यों
का निर्माण करें क्योंकि प्रथम
प्रभाव मानसपटल पर इन वाक्यों
के द्वारा ही पड़ेगा।
.ज्यादा
घुमावदार बातें ना करें। सीधी
व सटीक बातें को
सराहना अधिक मिलती है।
. अपनी
चतुराई व कलात्मकता का
परिचय दें जिससे दूसरे
उपयोगकर्ताओं के द्वारा आपके
प्रोफाइल पर 'राईट' स्वाईप
की भरमार मिले।
.अमूमन
एक परिहास युक्त व संक्षिप्त बायो
सराहनीय होता है।
महिलाओं
की टिंडर पर उपस्थिति :
महिलाओं
की हिस्सेदारी की बात करें
तो कहीं कहीं अनुपात
महिला पुरुष का 50 50 का आयेगा। पर
महिलाओं की तुलना में
पुरूष ज्यादा आसानी से दाईं ओर
स्वाईप कर देते हैं।
25 से 34 आयु वर्ग वाली
महिलाओं की संख्या 25% के
आसपास है जबकि 18 से
24 वर्ष की युवतियों का
35% के करीब का योगदान
है।
क्या
महिलाओं के लिए सुरक्षित
है सोशल मीडिया के
माध्यम से प्रेम अथवा
साथी की तलाश?
यह एक महत्वपूर्ण प्रश्न
है। जहाँ आम जीवन
में 'विश्वसनीयता' व 'टिकाऊपन' एक
रिश्ते में मुश्किल से
मिल पाते हैं वहाँ
सोशल मीडिया के जरिए किसी
से भावनात्मक संबंध जोड़ने की बात किसी
चुनौती से कम नहीं
है।
आइये
देखते हैं महिलाओं को
ऐसे डेटिंग ऐप्स पर किन
मुश्किलों का सामना करना
पड़ता है:
.लड़कियों
को विकृत मानसिकता वाले लोगों का
डर हमेशा सताता है। खुद की
प्रोफाइल फोटो डालना भी
कभी-कभी उनके लिए
परेशानी का सबब बन
जाता है।
.कभी-कभी डिजिटल प्लेटफॉर्म
पर निजी जानकारियों की
चोरियाँ भी होती है।
.महिलाएं
'स्टाॅकिंग' की समस्या से
भी परेशान रहती हैं। कई
वारदात मनचलों के दुस्साहस का
ब्यौरा देते हैं।
.'फेक
प्रोफाइल' यानी अपनी वास्तविक
पहचान छुपा कर दुनिया
के सामने कुछ और ही
बयां करना, ऐसी करतूत भी
खूब की जाती है।
इससे छले जाने पर
भावनात्मक ठेस पहुँचती है।
सोचिए आप किसी से
सोशल मीडिया के जरिए आकर्षित
हो, भावनात्मक रूप से करीब
आ गए परन्तु वो
व्यक्ति एक मुखौटा ओढ़े
खड़ा है तो इससे
आपकी किसी पर विश्वास
करने की क्षमता पर
कितनी क्षति पहुँचेगी!
.कभी-कभी व्यक्ति सामने
से मिल भी ले,
फिर उस रिश्ते को
शारीरिक संबंधों तक ही रख
कर महिला का शोषण भी
होता है।
अतः
किसी से भी जुड़ना
हो तो भावनाओं को
नियंत्रित कर सावधानी व
सतर्कता का दामन न
छोड़ें।
टिंडर
की उपयोगिता क्या है :
अपने प्रोफाइल को
आकर्षक बनाने के लिए बायो
और प्रोफाइल फोटो पर विशेष
ध्यान देना चाहिए। बायो
में युक्त परिहास, सकारात्मक विचार, सहजता आकर्षक लगते हैं। कुछ
बिन्दुओं को ध्यान में
रख कर टिंडर की
प्रोफाइल को रोचक व
लोकप्रिय बनाया जा सकता है।
बात करें अगर महिलाओं
की तो सोशल मीडिया
और डेटिंग ऐप्स के जमाने
में महिलाओं को सीमित न
रह कर सतर्क रहने
की आवश्यकता है। थोड़ी सावधानी
और कलात्मकता सोशल मीडिया व
डेटिंग ऐप्स के साथ
उनके अनुभव को रोचक व
यादगार बनाएगी।
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