क्यों होते हैं कम उम्र में बाल सफेद
कम उम्र या छोटी उम्र में बाल सफेद होने के कारण को समझने के लिए सबसे पहले हमें अपने बालों की वृद्धि की क्रियाविधि को समझना बहुत जरूरी है उसके बाद असमय बालों का सफेद होना या प्रीमेच्योर हेयर ग्रीन इसे समझना हमारे लिए काफी आसान होगा
बालों की वृद्धि के तीन मुख्य चरण
1. एनाजन्
यह बालों की वृद्धि की पहली स्टेप या प्रथम चरण होता है | इस चरण में बालों की तीव्र गति से वृद्धि होती है | बालों की लंबाई तेज गति से बढ़ती है | लगभग 1 सेंटीमीटर प्रत्येक 28 दिन की दर से बाल लंबाई में बढ़ते हैं | हम कह सकते हैं कि यह बालों के लिए बेहद सक्रिय चरण होता है |
2. कैटाजन
बालों के जीवन चक्र का यह दूसरा चरण होता है | और किसी भी व्यक्ति के पूरे बालों के 3% गाल इस अवस्था में रहते हैं |यह अवस्था 2 से 3 सप्ताह की अवधि तक रहती है | इस चरण में बालों की वृद्धि रुक जाती है |
3. टीलोजन
यह बालों के जीवन काल की आखिरी स्टेप या आखिरी चरण है | किसी भी व्यक्ति के कुल बालों के छह से 8% बाल अवस्था में होते हैं | यह अवस्था लगभग 100 दिन तक रहती है | इस अवस्था में बाल पूरी तरह से स्थिर अवस्था में रहते हैं |
इन 3 स्टेप को समझने के बाद इस बात को समझना आसान हो जाता है कि अगर किसी व्यक्ति के बाल
ऐनाजन चरण में अधिक समय तक रहते हैं, तो उसके बालों की लंबाई जल्दी बढ़ती है | और बाल स्वस्थ होते हैं | वहीं दूसरी तरफ टीलोजन के दो से तीन सप्ताह के सामान्य समय से अधिक बढ़ जाने पर बालों से संबंधित समस्याएं जैसे कि बाल सफेद होना, बालों का झड़ना आदि बढ़ जाती है |
कहां से मिलता है बालों को रंग
हमारे प्रत्येक बाल की जड़, जिसे हम फॉलिकल कहते हैं, वहां पर कुछ पिगमेंट सेल्स पाई जाती है | यह पिगमेंट सेल एक विशेष प्रकार का पदार्थ बनाती है | जिसे मेलेनिन कहते हैं |
मेलेनिन हमारे बालों और हमारी त्वचा के रंग के लिए जिम्मेदार होता है | अलग-अलग लोगों में त्वचा और बालों का अलग-अलग रंग मेलेनिन की गुणवत्ता और उसके रंग पर निर्भर करता है |
मेलेनिन के कारण ही कुछ लोगों के बालों का रंग गहरा काला, भूरा, हल्का भूरा पाया जाता है |
जैसे जैसे हमारी उम्र बढ़ती है ,बालों की जड़ में पाए जाने वाली यह पिगमेंट सेल्स, धीरे-धीरे खत्म होने लगती हैं | जिसकी वजह से मेलेनिन के बनने की प्रक्रिया भी कम हो जाती है | और इसीलिए उम्र बढ़ने के साथ-साथ बाल सफेद होने लगते हैं |
कम उम्र में बाल सफेद होने के कारण
1. अनुवांशिकता
किसी भी व्यक्ति में बाल किस उम्र में सफेद होंगे, यह उसकी अनुवांशिकता पर भी निर्भर करता है | जिस उम्र में माता-पिता के बाल सफेद होते हैं | लगभग उसी उम्र में उनकी संतान के बालों के सफेद होने की भी आशंका रहती है |
2. विटामिन B12 की कमी
विटामिन B12 स्वस्थ लाल रक्त कोशिकाओं और स्वस्थ बालों की कोशिकाओं के लिए जिम्मेदार होता है | जब हमारा शरीर इस विटामिन B12 को अवशोषित करने में सफल नहीं हो पाता , या अगर हमारे भोजन में विटामिन B12 की कमी हो, इन परिस्थितियों में बाल कम उम्र में ही सफेद होने लगते हैं |
3. पोषण की कमी
तेजी से बदल रहे आधुनिक वातावरण और जीवन शैली में अधिकतर हमारे खानपान में पोषक तत्वों की कमी पाई जाती है | अत्यधिक जंक फूड, पैक्ड फूड खाने की आदतों के कारण शरीर को सही मात्रा में पोषक तत्व नहीं मिल पाते ,और इस वजह से बाल सफेद होने लगते हैं |
4. इलेक्ट्रिक हेयर स्टाइल
फैशन के इस दौर में कई बार अपने आप को खूबसूरत दिखाने और पहनावे के हिसाब से अपने हेयर स्टाइल बनाने के प्रयोग में हम लोग कई बार हेयर स्ट्रेटनर, हेयर कर्लर इत्यादि उपकरणों का उपयोग करते हैं | इनका उपयोग करने की वजह से बालों की अंदरूनी नमी खत्म हो जाती है | और बाल रूखे होकर झड़ने लगते हैं | और सफेद होने लगते हैं |
5. केमिकल युक्त शैंपू का उपयोग
कई तरह के अलग-अलग शैंपू, तेल और अन्य हेयर प्रोडक्ट का उपयोग जिनमें बालों को नुकसान करने वाले कई तरह के केमिकल मौजूद होते हैं | इनका उपयोग करने से बालों के कम उम्र में सफेद होने की समस्या आम बात है |
कई बार ऐसा भी होता है कि कुछ भी बाल सफेद होते हैं | और ऐसी स्थिति में कई व्यक्ति हेयर डाई का उपयोग करते हैं | इन हेयर कलर और हेयर डाई में हानिकारक रसायन मौजूद होते हैं | जिसकी वजह से धीरे-धीरे उनके अन्य बाल भी सफेद होने लगते हैं | और कम उम्र में ही उन्हें सफेद बालों की समस्या से जूझना पड़ता है |
6. तनाव
तनाव भी बालों के असमय सफेद होने का एक प्रमुख कारण है | हमारी बदलती जीवन शैली में जहां काम का तनाव बढ़ा है | कम उम्र में ही सफलता पाने की होड़ , घरेलू और व्यावसायिक जीवन में बढ़ रहे तनाव, के कारण युवाओं के कम उम्र में ही बाल सफेद होने लग जाते हैं |इससे बचने के लिए हमें तनाव मुक्त जीवन जीना बहुत आवश्यक है |
7. फॉलिक एसिड की कमी
भरपूर पोषण ,विटामिन , मिनरल युक्त भोजन ना करने की स्थिति में शरीर में फोलिक एसिड की कमी हो जाती है | फॉलिक एसिड और आयरन दोनों ही शरीर में एक संतुलित मात्रा में होना आवश्यक होता है | इनमें से किसी भी तत्व की कमी होने की वजह से बाल कम उम्र में ही सफेद होने लगते हैं |
8. थायराइड हार्मोन असंतुलन
थायराइड ग्रंथि से निकलने वाले T3 और t4 हमारे शरीर में पाए जाने वाले ऐसे हार्मोन है जो सीधे-सीधे वालों की वृद्धि और उनके रंग को प्रभावित करते हैं | क्योंकि T3 और T4 दोनों ही हार्मोन मेलानोजेनेसिस की प्रक्रिया को तेज करते हैं | मेलानोजेनेसिस यानी की बालों की जड़ में मेलेनिन के बनने की प्रक्रिया | अगर थायराइड ग्रंथि की कार्यप्रणाली में किसी भी प्रकार का असंतुलन आता है , तो व्यक्ति के अंदर या तो थायराइड हार्मोन बढ़ जाता है या फिर कम हो जाता है | और इन दोनों ही स्थितियों में इसका प्रभाव सीधे-सीधे बालों पर पड़ता है | जिससे बाल बहुत ही कम उम्र में सफेद होने वाली समस्या जल्दी से हो जाती है |
9. कीमोथेरेपी और एंटीमलेरियल ड्रग्स
कई बार किसी विशेष मेडिकल परिस्थिति में कीमोथेरेपीटिक दवाईयों या फिर एंटीमलेरियल दवाइयों का प्रयोग किया जाता है |यह दोनों दवाइयां मेलनेजेनेसिस की प्रक्रिया को धीमा कर देती है | जिससे बाल कम उम्र में ही सफेद होने लगते हैं |
सारांश
कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि ,कम उम्र में बाल सफेद होना कहीं ना कहीं हमारी खराब जीवनशैली का ही एक नतीजा है | अगर हम चाहे तो सही दिनचर्या, सही खानपान ,और सही आदतों को अपना कर इस समस्या को दूर रख सकते हैं |
स्मोकिंग, अल्कोहल, अल्ट्रावायलेट किरणों के प्रभाव में आना | यह भी कुछ ऐसे कारण है जो किसी ना किसी तरीके से कम उम्र में बालों के जल्दी सफेद होने के लिए जिम्मेदार होते हैं | अगर हम चाहे तो थोड़ी सी समझदारी रखकर अपनी सुंदरता और अपने हेल्थ दोनों को संतुलित बना कर रख सकते हैं |
अनुवांशिकता जैसे कारणों को नियंत्रित करना तो हमारे हाथ में नहीं है | लेकिन फिर भी अत्यधिक केमिकल युक्त हेयर प्रोडक्ट की जगह अगर हम अपने पारंपरिक उत्पाद जैसे कि रीठा, आंवला शिकाकाई इनका प्रयोग बालों के लिए करें, तो एक हद तक कम उम्र में बालों के सफेद होने को रोका जा सकता है |