दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में सबसे अच्छा मानसिक स्वास्थ्य केंद्र -
व्यक्ति का मस्तिष्क उसका आधार स्तंभ होता है जहां से हमारे शरीर को मार्गदर्शन मिलता है और उसके अनुरूप हमारा शरीर सुचारू रूप से कार्य करता है लेकिन 100 में से 50% व्यक्ति मानसिक रोगी है जिनका मस्तिष्क तनावग्रस्त या किसी बीमारी के कारण अपना संतुलन खो देता हैं या उनमें जन्मजात कोई बीमारी होती है जिससे उनका मस्तिष्क अशांत रहता है और उन्हें मानसिक स्वास्थ्य केंद्र में देखभाल के लिए भेजा जाता है,
क्योंकि व्यक्ति का मस्तिष्क उसकी जीविका चलाने में या उसके शरीर की सभी शारीरिक गतिविधियों का संचालन करने में उसे कामयाब बनाता है है और हम अपनी सफलता की ओर कदम बढ़ाते हैं।
लेकिन ऐसे कौन-से कारण है जिससे व्यक्ति मानसिक रूप से बीमार होता है या उसकी इस हालत में देखभाल कैसी करनी चाहिए तथा दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में कौन कौन से स्वास्थ्य केंद्रों में सारी सुविधाएं उपलब्ध है यह जानना अति आवश्यक है और व्यक्ति मानसिक रूप से बीमार क्यों होता है क्या लक्षण है ऐसे यह सभी जानना अति आवश्यक है क्योंकि व्यक्ति का इलाज तभी बेहतर ढंग से किया जा सकता है जब उसकी बीमारी या ऐसा क्यों हुआ, ऐसे क्या कारण है इसके बारे में पता हो। तो सर्वप्रथम -
मानसिक रोग क्या है -
जब एक व्यक्ति ठीक से चल नहीं पाता, उसका अपनी भावनाओं और व्यवहार पर काबू नहीं रहता, तो ऐसी हालात को मानसिक रोग कहते हैं मानसिक रोगी आसानी से अपनी बात किसी को समझ नहीं पाता, और उसे रोजमर्रा के काम करने में भी मुश्किल आती है,
इस बारे में लखनऊ के केजीएमयू के मनोचिकित्सा विभाग के विशेषज्ञ डॉ विवेक अग्रवाल बताते हैं कि "मानसिक रोग के लक्षण हर व्यक्ति में अलग अलग हो सकते हैं ये इस बात पर निर्भर करता है कि उसे कौन सी मानसिक बीमारी है मानसिक रोग हर उम्र के व्यक्ति, बड़े बच्चे, महिलाओं में से किसी को भी हो सकता है और इसका ठीक से इलाज कराया जाए तो व्यक्ति ठीक भी हो सकता है। और वह एक अच्छी व खुशहाल जिंदगी जी सकता है।"
मानसिक रोग कई प्रकार के होते हैं जैसे तनाव, गुस्सा, चिड़चिड़ापन ये सब इसी के अंतर्गत आते हैं।
मानसिक रोग के लक्षण -
मानसिक बीमारी के संकेत और लक्षण विकार, परिस्थितियों और अन्य कुछ कारणों के आधार पर भिन्न हो सकते हैं जिनमें शामिल हैं -
1. भ्रमित सोच या ध्यान केंद्रित करने में असमर्थता।
2. उदास या कमजोर महसूस करना,
3. चिंता या भय की भावना
4. मित्रों, परिवार, और गतिविधियों से पीछे हटना
5. अपराधबोध की चरम सीमा
6. उच्च और चढ़ाव की गंभीर मनोदशा
7. दैनिक मुद्दों या तनाव से निपटने में असमर्थ
8. महत्वपूर्ण थकान, कम ऊर्जा या नींद की समस्या
9. आत्मघाती विचार
10. वास्तविकता, व्यामोह और मतिभ्रम से अलगाव
11. शराब या नशीली दवाओं का दुरुपयोग
12. खाने की आदतों में बदलाव
13. अत्याधिक क्रोध, शत्रुता या हिंसा इत्यादि लक्षण है।
मानसिक रोग के प्रकार -
1. डिप्रेशन - एक अक्षम बीमारी जिसके कारण जीवन की गुणवत्ता में कमी और सामान्य कामकाज में कमी जैसी समस्याएं होती हैं उदासी को दुखी, दुखी महसूस करने या उदासीनता के रूप में वर्णित किया जाता है यह व्यापक रूप से मूड - डिसऑर्डर से संबंधित है जिसमें उदासी, हानि,क्रोध या निराशा की भावनाएं सप्ताह या उससे अधिक समय तक रोजमर्रा की जिंदगी में बाधा डालती है सामान्य लक्षणों में जलन, बेचैनी, आशा हीनता की भावना, नींद न आना आदि शामिल हैं।
2. सिजोफ्रेनिया - यह एक मानसिक विकार है जो वास्तविक और वास्तविक न होने के बीच के अंतर को बताने में मुश्किल बनाता है इसमें व्यक्ति के लिए स्पष्ट रूप से सोचना भी मुश्किल हो जाता है लक्षण आमतौर पर युवा व्यक्ति में शुरू होते हैं और लगभग 0.03 से0.07% तक लोग इससे प्रभावित रहते हैं।
लक्षण - यह लक्षण महीने व सालो में धीरे धीरे विकसित होते हैं -
चिड़चिड़ेपन की भावना,
ध्यान केंद्रित करने में परेशानी
विचित्र व्यवहार
भाव का अभाव इत्यादि।
कारण -
1. आनुवांशिक और पर्यावरणीय कारकों का एक संयोजन सिजोफ्रेनिया के विकास में एक प्रमुख भूमिका निभाता है।
2. यदि आप बीमारी के साथ परिवार के सदस्य हैं तो आप में सिजोफ्रेनिया होने की अधिक संभावना है।
उपचार - एंटीसाइकोटिक दवाओं को सिजोफ्रेनिया के उपचार के लिए एक अच्छा विकल्प माना जाता है क्योंकि ये मस्तिष्क में रसायनों के संतुलन को बदलते हैं और लक्षणों को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। यह जीवन भर की बीमारी है।
3.ओसीडी - ओब्सेसिव कम्पल्सिव डिसऑर्डर एक प्रकार का चिंता विकार है जिसमें लोगों को अवांछित और दोहराए जाने वाले विचार, भावनाएं, या व्यवहार होता है जो उन्हें कुछ करने के लिए प्रेरित महसूस करते हैं कि यह दरवाजा बंद है इत्यादि।यह व्यक्ति के जीवन को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है।
कारण - कई अध्ययनों से पता चलता है कि ओसीडी वाले रोगियों में मस्तिष्क संबंधी असमानताएं है लेकिन अधिक शोध की आवश्यकता है माना जाता है यह सिर की चोट से संबंधित होती है।
लक्षण - अत्याधिक गिनती
कीटाणुओं का अधिक भय, क्रिया की जांच और पुनरावृत्ति इत्यादि लक्षण है।
उपचार - ओसीडी का आमतौर पर इलाज दवा और चिकित्सा उपचार के माध्यम से किया जा सकता है इसके लिए आमतौर पर बनाई जाने वाली पहली दवा एंटीडिप्रेसेंट का एक प्रकार है जिसे चयनात्मक सेरोटोनिन
रीपटेक इनहिबिटर कहा जाता है।
4. टॉरेंट सिडौ्म - यह एक ऐसी स्थिति है जो लोगों को बार बार त्वरित आंदोलनों या ध्वनि को बनाने का कारण बनती है इसके लक्षण बहुत मामूली होते हैं।उनका इलाज दवाइयों के दुष्प्रभावों के कारण नहीं किया जाता है
टॉरेंट सिंड्रोम के लक्षण छोटे छोटे आंदोलनों से लेकर निरंतर आंदोलन और ध्वनियों तक हो सकते हैं उन्हें नियंत्रित नहीं किया जा सकता जैसे -
1. जंपिंग, हाथ का जोड़, लात इत्यादि।
मानसिक रोगी के उपचार के लिए कौन कौन से स्वास्थ्य केंद्र में सुविधाएं उपलब्ध हैं या दिल्ली सरकार की तरफ से क्या उपाय किए गए हैं -
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अधिसूचना/पत्र व्यवहार के अनुसार इस संबंध में सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं जिनमें निम्न शामिल हैं -
1. राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण की स्थापना
2. राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण निधि
3. मानसिक स्वास्थ्य समीक्षा का संविधान
4. राज्य सरकार द्वारा नियमों का निर्धारण इत्यादि।
दिल्ली सरकार मानसिक रूप से बीमार रोगियों के इलाज और देखभाल के लिए सर्वोच्च संभव मानसिक स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कर रही हैं
इहबास राज्य मानसिक स्वास्थ्य संस्थान के अलावा RML, LHMT, GB pant, AIIMS सहित कई केंद्रीय और राज्य सरकारों के अंतर्गत अस्पताल है जहां पर मानसिक स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हैं इसके अलावा निजी क्षेत्र में लाइसेंस प्राप्त नर्सिंग होम या अस्पतालों में भी सुविधाएं दी जा रही है।
इहबास दिल्ली में NMHP के तहत दिल्ली के पांच जिलों में समुदाय आउटरीच क्लीनिक के साथ साथ मोबाइल मानसिक स्वास्थ्य इकाई और मानसिक रूप से बीमार बेघर लोगों के लिए जामा मस्जिद में सेवाएं चला रहा है।
इसके अलावा दिल्ली में बेस्ट मेंटल स्वास्थ्य सेंटर में सबसे पहले
1. विद्यासागर इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंसेज नेहरू नगर, दिल्ली
2. मानव व्यवहार और संबंध विज्ञान संस्थान
3. सुकून स्वास्थ्य, गुरूग्राम।
4. एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के साथ मरीजों की उत्कृष्ट देखभाल के लिए मनोचिकित्सा और नशा मुक्ति केन्द्र के क्षेत्र में अपनी सेवाएं प्रदान करता है मनोरोग और नशा मुक्ति का नेतृत्व डॉ मीनाक्षी मनचंदा के पास है जिन्हें पीजीआईएमएस रोहतक,एम्स और लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज में काम करने का बहुमूल्य अनुभव है। विभाग मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं वाले सभी रोगियों के लिए विशिष्ट क्लीनिक के साथ साथ सुविधाजनक इन-पेशेंट और आउट पेशेंट सेवाएं प्रदान करता है।