कोरोना इंफेक्शन से नवजात शिशु का कैसे बचाव करें -
आज हमारा देश एक गहन संकट की स्थिति में है ऐसे में जहां हमारी टीम, डॉक्टर, पुलिस, सफाईकर्मी अपना कर्तव्य निभाने में अपना खून-पसीना एक करने की तरफ अग्रसर है वहां हमारी जनता की लापरवाही, ने हालात को बद से बदतर बना दिया है और ऐसी स्थिति में बिगड़ती हुई स्थिति का प्रभाव न केवल बड़े लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है बल्कि इसके प्रभाव से नवजात शिशु भी प्रभावित हो रहे हैं,
ऐसे में हमारी जिम्मेदारी उनका बचाव करना है क्योंकि बच्चे आने वाले भविष्य की नींव है और हमारे देश का नेतृत्व कर देश को ऊंचाइयों तक पहुंचने में कामयाब बनाएंगे लेकिन बिगड़ी हुई भारत की स्थिति ने देश की नींव को हिला कर रख दिया है ऐसे में हमारी जिम्मेदारी और अधिक बढ़ जाती है क्योंकि यह वायरस छूने से फैलता है और तेजी से हमारे शरीर को इफेक्ट करता है और ऐसे में बच्चों का कैसे बचाव करें सबसे बड़ा प्रश्न यह उपस्थित होता है,
और साथ ही यह भी जानना अति आवश्यक है कि क्या कोरोना वैक्सीन बच्चों के बचाव के लिए उपयोगी हो सकती है या ऐसे कौन से उपाय है जिससे हमारे देश की भावी पीढ़ी को बचाया जा सकता है और बच्चों में कौन-से लक्षण इस ओर संकेत करते हैं कि उसको कोरोना वायरस है,
बच्चों में कोरोना वायरस के लक्षण -
1. बुखार या ठंड लगना
2. बहती नाक, उल्टी, दस्त,
3. खांसी, मांसपेशियों में दर्द,
4. गले में खराश, सिर दर्द,
5. सांस लेने में तकलीफ, थकान इत्यादि लक्षण बताते हैं कि बच्चों को कोरोनावायरस है कभी कभी बच्चों के लक्षण हल्के और ठंडे जैसे होते हैं।
कोविड 19 से बच्चे कैसे प्रभावित होते हैं -
1. 1 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में बड़े बच्चों की तुलना में कोविड 19 के साथ गंभीर बीमारियों का खतरा अधिक रहता है यह उनकी परिपक्व प्रतिरक्षा प्रणाली और छोटे वायुमार्ग के कारण होने की संभावना है जो श्वसन वायु मार्ग के संक्रमण के साथ श्वसन मुद्दों को विकसित करने की अधिक संभावना रखते हैं।
2. जब कोई बीमार व्यक्ति नवजात शिशु के संपर्क में आता है तो बच्चे वायरस से संक्रमित हो सकते हैं।
नवजात शिशु को कोरोना वायरस से कैसे बचाएं -
ऐसा प्रतीत होता है कि कोरोनावायरस से संक्रमित महिला दुर्लभ मामलों में अपने बच्चे को यह बीमारी दे सकती है पैदा होने के कुछ समय बाद ही शिशु संक्रमित हो सकते हैं इसलिए गर्भवती महिलाओं को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए अधिक सावधानी बरतनी चाहिए,
अगर कोई आपको या आपके बच्चे से मिलने के लिए कहता है तो आप स्थिति को विनम्रता से स्वीकार कर सकते है। तथा आप वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए भी बातचीत कर सकते हो,
इसके अलावा अगर परिवार के किसी सदस्य को कोविड 19 के लक्षण है तो उससे बचाव का सबसे अच्छा तरीका उसे अलग रखें - जैसे कि स्तनपान कराना है।
अपने नवजात शिशु को अधिक से अधिक स्तनपान कराएं
क्योंकि वह उसकी प्रतिरक्षा और संक्रमण के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करता है शोध बताते हैं कि स्तनपान करने वाले बच्चे पर वायरस का प्रभाव बहुत कम पड़ता है और यदि आपको कोरोना वायरस के साथ सकारात्मक परीक्षण किया जाता है तो आप मास्क पहनकर स्तनपान करा सकते हैं क्योंकि आपके एंटीबॉडी छोटे से संक्रमण को बचाने में मदद करेंगे।
साथ ही यह सिफारिश भी की जाती है कि आप कपड़े का मास्क पहने और नवजात शिशु से उचित दूरी बनाए रखें और बच्चे को छूने से पहले हाथ अच्छी तरह साफ करें और बच्चे का पालना बिस्तर पर रखना ठीक है।
नवजात शिशु या छोटे बच्चों को मास्क क्यों नहीं पहनना चाहिए -
2 वर्ष से कम बच्चों को मास्क इसलिए नहीं पहनना चाहिए क्योंकि -
1. उनके पास छोटे वायुमार्ग है इसलिए मास्क के जरिए उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो सकती है।
2. यदि उन्हें सांस लेने में दिक्कत होती है और वो मास्क उतारने में असमर्थ है तो उसका दम घुट सकता है।
3. वे संभवत मास्क को हटाने की कोशिश करेंगे और ऐसे में उनको बार बार चेहरा छूना होगा यह वायरस को फैलाने और संक्रमण फैलाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
4. कुछ होममेड मास्क में ऐसे टुकड़े हो सकते हैं जो एक बच्चा चूस सकता है जैसे इलास्टिक बैंड।
इसलिए 2 वर्ष से कम बच्चों को मास्क न पहनने की सलाह दी जाती है।
22 अक्टूबर 2020 के अनुसार,अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स द्वारा बच्चों और कोविड 19 पर रिपोर्ट में लगभग 11% रोगी बच्चे हैं।
कोरोना महामारी से मरने वालों में केवल 3 किशोर शामिल हैं - एक बेल्जियम की 12 साल की लड़की, लंदन का 13 साल का लड़का, तथा चीन में 14 साल का एक लड़का तथा हाल ही में की गई रिसर्च के बाथ पुष्टि की गई है कि बच्चों में कोरोना वायरस के मामले लक्षण ही नजर आते हैं, जिसमें बुखार, खांसी, गले में जलन इत्यादि लक्षण है।
ब्रिटेन की साउथैम्पटन यूनिवर्सिटी में बाल रोग के विशेषज्ञ ग्राहम रॉबर्ट्स कहते हैं कि कोविड 19 बच्चों के फेफड़े में न जाकर ऊपरी हिस्से यानी मुंह नाक गले तक सीमित रहता है जिसके कारण उन्हें खांसी की अधिक शिकायत रहती है। बहुत ही कम बच्चों में सांस लेने में दिक्कत जैसी समस्या देखने को मिलती हैं।
और कुछ उपाय है जिससे इस संक्रमण से बच्चों का बचाव किया जा सकता है -
1. शारीरिक दूरी बनाए रखें - बच्चे जितने अधिक बड़ों के संपर्क में आते हैं उतना ही अधिक उन्हें संक्रमण फैलने की संभावना अधिक रहती है इसलिए -
बच्चों को अपने घर से बाहर दूसरे बच्चे से 6 फीट की दूरी पर रखना चाहिए।
बच्चों के बार बार हाथ धुलवाए।
2. नकाब पहने - बच्चों को बाहर जाते समय ऐसा मास्क पहनकर बाहर भेजना चाहिए जो बच्चों के मुंह और नाक को अच्छी तरह से कवर करता हो।
3. हाथ स्वच्छता - बच्चों को बाहर खेलने के बाद घर में आते समय और खाना खाने से पहले हाथ को अच्छी तरह साफ करवाना चाहिए क्योंकि हाथों के माध्यम से कीटाणु बच्चों के अंदर प्रवेश करते हैं। इसलिए कम से कम 20 सेकंड के लिए अपने हाथों को साबुन से अच्छी तरह धोएं,
खांसी या छींक आने पर अपने मुंह या नाक को कोहनी से ढक ले।
4. चेहरे पर हाथ रखे - माता पिता को चाहिए कि बच्चों को जितना हो सके उन्हें अपने नाक मुंह छूने से बचाएं और अगर बच्चा खिलौना उठाता है तो उसके हाथ व्यस्त रहेंगे लेकिन माता पिता को ध्यान रखना चाहिए कि बच्चा उस खिलौने को मुंह में न दे और उस खिलौने को अच्छी तरह साफ करने के बाद ही दूसरी बार बच्चे को उस खिलौने को दो।
5. चीजों को साफ रखें - जो चीजें बच्चा अधिक छूता है जैसे टॉयज, टेबल, बैट, मोबाइल, इत्यादि चीजें को साफ करते रहे क्योंकि यह वस्तुएं बच्चों के संपर्क में अधिक रहती है।
6. अपने घर को साफ व कीटाणु रहित रखें ।
7. सामाजिक दूरी का अभ्यास कराएं ।
आदि उपाय आपको और आपके बच्चे को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने में कामयाब बनाएं।
क्या कोरोना वैक्सीन बच्चों के लिए फायदेमंद है -
Plizer/Bio N Tech covid 19 वैक्सीन 16 वर्ष और उससे अधिक उम्र के बच्चों के लिए उपलब्ध है कई कंपनियों ने 12 वर्ष से कम बच्चों के लिए वैक्सीन क्लिनिक परीक्षण में शामिल करना शुरू कर दिया है और छोटे बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन फायदेमंद है या नहीं उस पर पढ़ाई शुरू कर दी है। लेकिन उससे पहले गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं को इस वैक्सीन से दूर रखा गया है और अभी भी इसके परिणाम को आने में साल लग सकते हैं इसलिए कोई अनुमान प्रमाण नहीं है कि कोरोना वैक्सीन बच्चों के लिए फायदेमंद है या नहीं।
अतः सबसे ज्यादा ध्यान एक नवजात शिशु का मां से अधिक कोई नहीं रख सकता इसलिए मां को अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है साथ ही अपना भी ध्यान रखने की जरूरत है क्योंकि मां स्वस्थ है तो बच्चा भी स्वस्थ हैं और बच्चे भावी पीढ़ी का भविष्य है।