Tinder क्या है?
यह एक ऑनलाइन डेटिंग स्थल है, जहाँ दुनिया के किसी भी कोने में बैठे हम किसी से भी जुड़ सकते है, उनसे बातें कर सकते है, और अगर सब सही रहे तो दोस्ती कर सकते है। यह स्थल दूरियों को कम करता है। जैसा की हम सब अलग – अलग जगह रहते है, कोई दुनिया के इस कोने में तो कोई ना जाने किस ही कोने में। पर उनसे मिलने का, बातें करने का, उनके तथा उनके शहर के बारे में उनका क्या नजरिया है और भी बहुत कुछ जानने का मन तो सबका ही करता है, पर हम हर जगह जा तो नही सकते ना, तो यह ऐप हमारी दूरियाँ कम करता है, हम एक दुनिया के एक कोने में बैठ हम दूसरे कोने में बैठे किसी से भी बातें कर सकते है।
इस्तेमाल कैसे करे ?
सर्वप्रथम हमें इस स्थल पर हमें एक खाता खोलना पड़ता है, अपनी जानकारी देनी पड़ती है और फिर खाता खोलने के बाद आप अपने जैसे लोगों से जुड़ जाते है।
इस खाते में हमें अपनी मौलिक जानकारी देनी होती है, अपनी तस्वीरें लगानी होती है, हमारी पसंद – नापसंद की चीजें भी बतानी होती है, जिससे हमें आसानी होती है हमारे जैसे ही लोगों को ढूंढने में।
गलत इस्तेमाल है कोई ?
हम सभी जानते है कि ऑनलाइन डेटिंग क्या है और क्यों इस्तेमाल किया जाता है, परन्तु काफी लोग बस अपने मजे के लिये इसका इस्तेमाल करते है, सेक्स चैट शुरु करने को कोशिश करते है, अनुपयुक्त तस्वीरें भेजते तथा माँगते रहते है, और ना जाने क्या – क्या ही। बिना यह ख्याल लाये की सामने वाले को कैसा लग रहा होगा। कुछ लोगों ने तो इसे व्यापार भी बना दिया है, एक तस्वीर के बदले कुछ पैसे ले लेते है, कुछ समय बात करनी हो तो पैसे बढ़ा भी देते है, और ताज्जुब की बात तो ये है कि यह हाल सिर्फ एक जगह नहीं, हर जगह ही है। और यह नकली प्यार सा व्यापार चल भी काफी जोरो – शोरो से रहा है।
ऑनलाइन डेटिंग हम जानते ही क्यूँ है?
¤ क्योंकि, कभी - कभी जिनके हम हर रोज मिलते है उनसे हम कई बार आकर्षित नहीं हो पाते, या फिर वो आकर्षण इतना नहीं होता कि थोड़े से ज्यादा समय उनके साथ बिताया जाये या दोस्ती से ज्यादा हमारा रिश्ता बढ़ पाये।
¤ क्योंकि, कई बार ऐसा भी होता है कि जिससे हम रोज मिलते है, वो हमें पसंद भी होते है पर उसे हम इजहार नहीं कर पाते क्योंकि हमें डर होता है उनका हमारे मुँह पर करते इंकार का।
¤ क्योंकि हम में हिम्मत नहीं होती कि अपनी दिल की बात अपनी जुबान तक ला अपने प्यार से अपने प्यार का इजहार कर पाये, तो हम ऑनलाइन डेटिंग का सहारा लेते है।
¤ कई बार बस समय काटने के लिये। नये – नये लोगों से मिल, उनसे बात कर उन्हें जानने के लिये, उनकी बातों को समझने के लिये, उनके आस – पास होती नयी अनसुनी कहानियाँ सुनने के लिये।
यह भाग काफी अच्छा होता है, कई बार जानने वालों से भी बात करने का मन नहीं होता, या यूँ कहे की कोई बात होती नहीं है करने को उन पुराने लोगो से, तो ऑनलाइन डेटिंग के सहारे हम लोगों से नयी कहानियाँ, नये राज से मिल पाते है। उन्हें अपनी कहानियों से रुबरु करा पाते है। और इन सब के दौरान समय भी कट जाता है और कुछ पुराने पन्ने फिर से ताजा हो जाते है।
¤ और कई बार बहुत से लोग बस दुसरों को परेशान करने को आते है, सिर्फ अपने मजे के लिये। उनके लिये यह प्यार या दोस्त ढूंढने का स्थल नहीं, सेक्स पार्टनर ढूंढने का एक आसान रास्ता होता है। उन्हें फर्क नहीं पड़ता के सामने वाला वहाँ क्यूँ है, या उसे यह बातें करनी है भी या नही, ये तुच्छ से बहुत लोग बस लगे रहते है अपने कार्य में, जाने क्या ही खुशी मिलती हैं उन्हें इसमें पर वो लगे ही रहते है।
पर क्या यह सुरक्षित है?
¤ हाँ, कंपनी तो यही कहती है। इसलिये ही तो सबसे पहले खाता बनवा कर सारी जानकारी ली भी जाती है। ताकि अगर कुछ गलत हों तो उन्हें आगाह कर दिया जाये।
¤ अकसर कुछ लोग आते है, ढेर सारी बातें करते है अगर बातें और इंसान पसंद आये तो मिलता भी है।
सब सही रहा तो दोस्ती आगे बढ़ती पर अगर नहीं तो दोनों ही अपने – अपने रास्ते चले जाते है, और नये लोगों से मिलने का अपना सफर जारी रखते है।
¤ पर कुछ लोग परेशानी भी बन जाते है। कई बार शुरुआत में कुछ लोग और उनकी बातें हमें पसंद आती है पर धीरे-धीरे उनकी बातें और वो दोनों ही दिल से उतर जाते है।
तो बेहतर यहीं होती है कि उनसे बातें कम हो जाये, कुछ लोग तो समझ जाते है परन्तु कुछ लोगो के समझ में यह बात आती ही नहीं के नहीं ठीक है दोनों के लिए और फिर वो अपने अलग - अलग रंगों से रुबरु कराने लग जाते है। जो परत बिछाये बैठे थे, उन परतों को तेजी से उडाने लग जाते है।।
Unmatch कैसे करे?
- ¤ ऐप पर: उस व्यक्ति के साथ वाली चैट खोलें > ऊपरी दाहिनी तरफ आपको एक आइकॉन दिखेगा, उसे दबाये > और फिर “अन – मैच”
- उसके बाद वहाँ लिखा आयेगा कि यह क्रिया हमेशा के लिये है, अब वो व्यक्ति आपको यहाँ दोबारा नहीं दिखेगा।
- जो बातें दोनों के बीच हुयी थीं वो दोनों के लिये ही गायब हो जायेंगे। हाँ ऐप पर तो नहीं ही दिखेगा, पर क्या जहन से वो व्यक्ति निकल जाता है हमेशा के लिये ?
- सच कहे तो नहीं। चाहे लिंग कोई सा हो, वो अपनी छाप सामने वाले पर छोड़ ही जाता है, जहां से “अन – मैचिंग” हमेशा के लिये कभी नहीं होती है।
अब सवाल ये है कि जो पहले पसंद आया वो बाद में नापसंद कैसे और क्यों हो जाता है?
इसे काफी सारे कारण हो सकते है, जैसे कि, कोई अनुपयुक्त बातें करने की कोशिश कर रहा है, उसके इरादे सही नहीं है, अनुपयुक्त तस्वीरें भेज रहा है, या फिर कोई नकली खाता बना कर बस फालतू की बातें शुरू करने की कोशिश कर रहा है, तो ऐसे में सबसे अच्छा यहीं है कि हम उनसे संपर्क ही कर दे।
वैसे देखा जाये तो इस सवाल का ऐसा कोई खास जवाब तो नहीं है। हम पहली नजर में किसी से भी आकर्षित हो जाते है, चाहे कोई इंसान हो चाहे कोई वस्तु, हमें अपनी तरफ खींचते ही है, पर जैसे - जैसे परत उतरती है, उनकी तस्वीरों से अलग हो उनकी सोच, उनके विचार, उनके बात करने का तरीका, उनकी जिंदगी को लेकर, लोगो को लेकर उनका नजरिया सामने आता है, उनकी हकीकत सामने आती है, तो वो आकर्षण कम होता नजर आता है और एक पल ऐसा आता है कि वो आकर्षण खत्म ही हो जाता है, जो कि लाजमी भी है।
अब ऐसा जरुरी तो नहीं है कि पहली मुलाकात या बात-चीत में हम किसी के लिये जैसा महसूस करते है वैसा हर दम ही करते रहे। मना सामने वाला अच्छा है, पर हमारे लिए नहीं है ना, और पसंद बदलती है इसमें कोई दो राय नहीं और हम है तो इंसान ही, जब हमारी धरती ही बदलाव का नियम का पालन करती है तो हम तं फिर भी इंसान है और दोनों पक्षों की बेहतरी भी इसी में ही है वो अपना संपर्क कम ही कर दे, जिंदगी में आगे बढ़े और दोनों ही सुकून से रहे और अपनी जिंदगी व्यतीत करे।।