Covid 19 and sexual health of women?
कोरोना का प्रभाव जीवन के हर दौर में देखने को मिल रहा है। बड़े बूढ़े बच्चे सब इससे प्रभावित हैं। घर की चारदीवारी के अंदर भी कोरोना ने हमें डर के साए में रहने को मजबूर कर दिया है। जीवन शैली में काफी बदलाव आ चुका है। कोरोना वायरस सन 2019 में चीन के वुहान शहर से दुनिया भर में फैल गया इससे संक्रमित लोगों की संख्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। गौरतलब है कि हर देश की सरकार इसे नियंत्रण में लाने के लिए प्रयासरत है, जिससे कुछ हद तक डर को काबू किया गया है। बुनियादी स्तर पर इसका प्रभाव आज घर घर देखा जा सकता है।
आज इस आर्टिकल के जरिए हम ये जानेंगे कि किस प्रकार महिलाओं के स्वास्थ्य, विशेषकर महिलाओं के सेक्सुअल हेल्थ पर कोविड का क्या प्रभाव हो रहा है। हम यहां महिलाओं के स्वास्थ्य से जुड़े पहलुओं पर भी चर्चा करेंगे।
संक्रमण की आशंका से दूर रहने के लिए देश की सीमाओं को सील कर दिया गया था, शारीरिक दूरी बनाने, हाथों की स्वच्छता और लॉकडाउन जैसे उपायों के माध्यम से कोरोना के प्रभाव को कम करने की कोशिश की जा रही थी। तो ऐसे परिवर्तनों का असर महिलाओं के यौन और प्रजनन संबंधी अधिकारों पर भी पड़ा है।
महिलाओं के यौन और प्रजनन स्वास्थ्य संबंधी अधिकार की मूलतः महिलाओं की कामुकता और प्रजनन पर आधारित हैं। इनके अनुसार बिना किसी हिंसा,दबाव या भेदभाव के महिलाओं को स्वतंत्र रूप से जीने और अपने अधिकारों का निर्वहन करने की स्वतंत्रता है। सन 1995 में आयोजित महिलाओं पर जो बीजिंग में सम्मेलन हुआ था वहां महिलाओं पर यातना, अमानवीय व्यवहार ,अपमानजनक रवैया आदि के विरुद्ध आवाज उठाई गई थी। इस सम्मेलन में महिला की दुर्दशा, न्याय, निवारण आदि पहलुओं पर गौर किया गया था। आज विश्व में चार में से एक महिला अंतरंग साथी हिंसा से पीड़ित हैं। विकसित देश हो या विकासशील देश, महिलाओं पर शारीरिक, भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक हिंसा के कई किस्से मिलते हैं।आज भी पितृसत्तात्मक मानदंड के कारण महिलाओं को विपरीत परिस्थितियों से गुजरना होता है।
उपर्युक्त बताई गई परिस्थितियों के मद्देनजर हम जानेंगे कि कोविड-19 महामारी किस तरह महिलाओं के सेक्सुअल हेल्थ पर नकारात्मक प्रभाव डाल रही है।हाल की एक रिपोर्ट की बात करें तो इस महामारी के समय महिलाओं पर हो रही यौन हिंसा या अंतरंग साथी हिंसा में वृद्धि देखी गई है। इसके लिए कुछ हद तक लॉकडाउन या फिर घर की दहलीज तक ही सीमित के रहने की स्थिति को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।महिलाओं की आवाजाही रुकने के कारण कभी-कभी वह खुद को कठिन परिस्थितियों से नहीं बचा पाती हैं।
एक शोध के अनुसार महिलाओं पर हो रहे यौन शोषण कोविड-19 के दौरान बढ़ रहें हैं। रिपोर्ट बताती है कि यूएस यूके जैसे देशों में अंतरंग शादी हिंसा की वृद्धि होने का आंकड़ा मिला है।
डब्ल्यूएचओ के निर्देश बताते हैं कि स्थिति चाहे कितनी ही गंभीर हो या महामारी से हम जूझ रहे हों, हमें महिलाओं की पसंद और अधिकारों का ख्याल रखना चाहिए। हालांकि कुछ देशों में परिस्थितियां और नीतियां महिलाओं के पक्ष में नहीं थी जिसके कारण भी महिलाओं को महामारी के दौरान सेक्सुअल हेल्थ पर गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ा।
क्यों जरूरी है महिलाओं की सेक्सुअल हेल्थ?
उम्र के हर पड़ाव के साथ महिलाओं को अनेक बदलाव का सामना करना पड़ता है।हर महीने उन्हें पीरियड जैसी प्रक्रिया से गुजरना होता है।समय के साथ गर्भधारण और आगे चलकर मेनोपॉज आदि प्रक्रिया से एक महिला का शरीर गुजरता है।अधिक तनाव और कष्ट में रहने से उनके शरीर पर नकारात्मक प्रभाव होता है। उनकी सेक्सुअल हेल्थ से जुड़ा मुद्दा अत्यंत आवश्यक है। महिलाओं के लिए भी ये ज़रूरी है कि शारीरिक कष्टों के बारे में खुलकर वो बात करें।
कोविड में महिलाओं का स्वास्थ्य और उससे जुड़े संकट के मुख्य कारण:
सबसे पहला कारण जिसके कारण महिलाओं के हेल्थ पर प्रभाव पड़ा है वह है तनाव जो कि अपर्याप्त धन और संसाधन की समस्या से उपजा है।
महामारी के दौर में हर जगह कठिनाई देखी जा रही है।कहा जा रहा है कि पति-पत्नी में हुआ अनबन की महिलाओं के स्वास्थ्य पर असर करता है। वित्तीय अभाव में हुई पति-पत्नी की अधिक निर्भरता उन दोनों के संबंधों में तनाव पैदा कर रही है, जिसका नतीजा अंतरंग साथी हिंसा के रूप में महिलाओं को भुगतना पड़ रहा है।
कहा जा रहा है कि कोविड का नकारात्मक माहौल महिलाओं पर हो रही घरेलू हिंसा में भी बढ़ोतरी कर रहा है। हिंसा के कारण प्रजनन और स्वास्थ संबंधी सेवाओं में कमी, महिलाओं के लिए परिस्थिति को प्रतिकूल बना रही है।
एक रिपोर्ट की माने तो कोविड-19 में अनचाहे गर्भधारण में वृद्धि हुई है। गर्भनिरोधक गोलियां, कंडोम या गर्भनिरोधक सेवाओं की कमी के कारण महिलाओं के सेक्सुअल हेल्थ पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।
महामारी के दौरान विकट परिस्थिति से निपटने के लिए हमें कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए ।तो आइए देखें सावधानी बरतने के लिए हमें क्या करना होगा :
- हमें स्वास्थ्य मंत्रालय एवं डब्ल्यूएचओ के द्वारा दिए गए दिशा निर्देशों का अवश्य पालन करना चाहिए।
- अच्छा खान-पान व शरीर को आराम मिलने पर समस्याएं थोड़ी दूर रहती है ।
- महिलाओं के लिए यह अति आवश्यक है कि वह खाना समय पर खाएं और भरपूर नींद लें।
- अच्छा स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए हाइजीन को मेंटेन करना अत्यंत आवश्यक है।
- कॉविड के दौर में सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखना हमारी जिम्मेदारी बनती है।
- शरीर की इम्युनिटी बढ़ाने के लिए हमें फूड सप्लीमेंट चिकित्सकों की सलाह पर लेनी चाहिए ।कभी विटामिन की गोलियां तो कभी आयुर्वेदिक दवा भी उचित परामर्श से ली जा सकती है।
खाने में हरी सब्जियां, फल, ब्राउन राइस, ओट्स, दाल आदि को अवश्य शामिल करें ।
कोशिश करें कि घर पर बना खाना ही खाए जो साफ सुथरे तरीके से बनाया गया हो।
अधिक रेड मीट, मक्खन, डेयरी प्रोडक्ट खाने से हमें बचना चाहिए।
धूम्रपान और शराब पर भी नियंत्रण रखना चाहिए।
जब भी बाहर टिफिन का खाना खाए तो खाने को गर्म कर कर खाने की कोशिश की जानी चाहिए ।
शारीरिक और मानसिक तंदुरुस्ती के लिए यह जरूरी है कि रोज योग ध्यान या व्यायाम किया जाए।
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा दिए गए निर्देशों पर नजर रखे और अफवाहों से दूर रहें।
औषधि, काढ़ा आदि का परामर्श लेकर सेवन अवश्य करें।
आखिर यौन हिंसा से बचने के लिए क्या करें? निम्नलिखित बिंदुओं पर ध्यान देकर महिलाओं की सेक्सुअल हेल्थ को तवज्जो दी जा सकती है:
महिलाएं अपने पार्टनर से बात अपनी तकलीफों को उनसे साझा करें।
कष्ट होने पर मूक ना बनी रहें।
अपने पार्टनर को महिलाओं के सेक्सुअल हेल्थ और उनकी जरूरतों के बारे में बताएं ।
शारीरिक तकलीफ होने पर अपनी स्थिति को ना छुपाय।
अपने पार्टनर को अपनी जरूरतों के बारे में बताएं।
सेक्सुअल लाइफ को इंटरेस्टिंग बनाने की कोशिश करें। अपने साथी से इसके बारें में बात करें।
हमारे हृदय में प्रश्न यह भी उठता है आखिर महिलाओं पर हो रही हिंसा को रोकने के लिए सरकारी तौर पर क्या किया जा रहा है? महिलाओं पर हो रहे यौन हिंसा को रोकने के लिए और उनके स्वास्थ का ध्यान रखते हुए सरकार जागरूकता फैलाने की कोशिश कर रही है। विभिन्न सार्वजनिक स्थलों जैसे मीडिया प्लेटफॉर्म आदि पर अभियान आयोजित किए जाते हैं ताकि लोगों में महिलाओं के प्रजनन और स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता फैले। महिलाओं का प्रजनन और स्वास्थ्य संबंधी अधिकारों का हनन होने पर दंडित करने का भी प्रावधान है।
समाज में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है कि महिलाओं का अच्छा स्वास्थ्य एक अत्यंत महत्वपूर्ण विषय है। कोविड जैसी महामारी ने घरेलू महिलाओं की स्थिति और कठिन बना दी है। हमें एक जागरूक नागरिक के तौर पर कोशिश करनी चाहिए कि उन्हें मूलभूत सेवाओं से वंचित ना होना पड़े।महिलाओं का इन समस्याओं से घिरा होना समाज के विकास के लिए कहीं से उचित नहीं है।