Covid ke doraan Dimaag ko positive kaise rakhein- कोविड-19 के दौरान दिमाग को पॉजिटिव कैसे रखें

 


कोविड-19 के दौरान दिमाग को पॉजिटिव कैसे रखें


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कहते हैं बुरे समय का असर इंसान के शरीर के बजाय मन और मस्तिष्क पर ज्यादा पड़ता है |कोविड-19 की महामारी ने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से हम सभी  लोगों के जीवन को प्रभावित किया है| लाखों लोगों की जान गई है ,किसी को जिवन भर का दुख मिला तो किसी को शारिरीक रुप से छति | 

स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव, आर्थिक मंदी, प्रवासी संकट ,घरेलू हिंसा ,मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं आदि ऐसी कई समस्याएं थी जिनका लोगों के जनजीवन पर काफी असर पड़ा| मगर महामारी के इस दौर में एक महत्वपूर्ण बात की चर्चा ना के बराबर की गई और वह महत्वपूर्ण बात है लोगों का गिरता मानसिक स्वास्थ्य|

 स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों की बात माने तो इस महामारी से ग्रसित हो चुके लोगों में से लगभग 50% से अधिक मरीजों में अवसाद और उदासी के लक्षण देखे गए हैं |डब्ल्यूएचओ द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार किसी भी महामारी के बाद लोगों में आया डिप्रेशन इस समय सबसे ज्यादा है |स्वास्थ्य व्यवस्था की कमी की पूर्ति करने के लिए आर्थिक उन्नति के दरवाजे बंद कर दिए गए थे |कई देशों में संपूर्ण तालाबंदी की अवस्था थी |डब्ल्यूएचओ द्वारा 130 देशों में किए गए सर्वेक्षण में पाया कि 93% देशों में मानसिक स्वास्थ्य स्नायु तंत्र और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी आपस में गंभीर रुकावटो  का सामना करना पड़ा |इन देशों में ऐसी सेवाओं की आपूर्ति में बढ़ोतरी की पूरी शिद्दत से जरूरत महसूस की गई है| इतना ही नहीं 67 प्रतिशत देशों को मनोचिकित्सा और परामर्श  सेवा में किसी न किसी तरह की बाधा का सामना करना पड़ा था |यहां तक कि एक समय मानसिक स्वास्थ्य को सुचारू करने के लिए नियमित दवाइयों का भी अभाव हो गया था|

कैसे जाने कि आप मानसिक अस्वस्थता का सामना कर रहे हैं-

कुछ सामान्य चेतावनी पूर्व संकेत जो मानसिक स्वास्थ्य से दूसरे व्यक्ति के स्वभाव में आप आसानी से महसूस कर सकते हैं

1- चिड़चिड़ापन तनाव और मन में अशांति महसूस करना

2- लोगों की भीड़ से दूरी बनाए रखना और सहारा समय अकेले बिताने की कोशिश करना, ताकि सामाजिक मेलजोल से दूर रहा जा सके

3- मन में हर समय आराम करने की भावना आना स्वयं को बहुत अधिक थका हुआ महसूस करना|

4- खुद के बारे में उदासीन या बुरा महसूस करना|

5- भोजन करने में रुचि नहीं होना |

6- शारीरिक लक्षणों में पसीना, शरीर का कांपना, चक्कर आना, दिल की धड़कन बढ़ जाना|

7- मन में स्वयं को नुकसान पहुंचाने के विचार लगातार आते रहना|

8- स्वयं को आशा ही निराशाजनक और असहाय महसूस करना|

9- पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस, एकाकीपन ,कंपल्सिव डिसऑर्डर आदि गहरे अवसाद के लक्षण हैं|

तनाव से कैसे बाहर आए-

1- सकारात्मक सोच के व्यक्तियों के साथ समय बिताएं- यदि आप आप में या आपके किसी करीबी व्यक्ति में तनाव या अवसाद के लक्षण नजर आ रहे हो तो, ऐसे लोगों के साथ अधिक समय बिताएं जो सकारात्मक सोच के हो |साथ ही सकारात्मक रूप से सामाजिक रूप से सक्रिय हो |क्योंकि यदि व्यक्ति सकारात्मक सोच और सामाजिक रूप से सक्रिय होगा तो वह ऐसे लोगों के साथ कई गुना बेहतर तरीके से डील कर सकता है|

2-दूसरों की सहायता करने की ओर अग्रसर रहें- तनाव या डिप्रेशन का शिकार व्यक्ति कई बार खुद के लिए भी असहाय महसूस करता है |मगर यदि आपके पास कोई जरूरतमंद व्यक्ति आए जिसकी आप मदद कर सकते हैं तो आपको कोशिश करनी चाहिए कि आप उसकी हर संभव मदद कर सके |इस तरह किसी और की मदद करने से आपको खुशी महसूस होगी और यह खुशी आपके दिमाग को स्वस्थ रखने में सहायक होगी|

3- जीवन से तनाव को दूर करने की कोशिश करें- आप जितनी जल्दी हो सके अपने जीवन से तनाव को दूर करने की कोशिश करें |क्योंकि तनाव के चलते हम शारीरिक और मानसिक रुप से बीमार हो जाते हैं| तनाव से छुटकारा पाने के लिए जिंदगी में समय प्रबंधन की बहुत आवश्यकता होती है |जब भी आप तनाव महसूस करें कोई ऐसा कार्य करें जिससे कि आपका ध्यान तनाव से दूर हट जाए | जैसे की व्यायाम करना ,खेलना ,टहलना

4- हमेशा मन को शांत रखें- मन की शांति तनाव को दूर करने और मस्तिष्क को स्वस्थ रखने के लिए बेहद आवश्यक होती है |जीवन में शांति बनाए रखने के लिए ध्यान और योग करें |ध्यान आपको मानसिक रूप से शांत करता है |आपकी एकाग्रता बढ़ाता है| लगातार योगाभ्यास करने से आपका दिमाग और शरीर दोनों स्वस्थ रहने लगते हैं| इसके चलते आपके जीवन में आपको ज्यादा तकलीफों का सामना नहीं करना पड़ता|

5- जरूरत पड़ने पर मदद भी ले- जीवन में दूसरों की मदद करना जितनी जरूरी है उतना ही जरूरत पड़ने पर किसी दूसरे की मदद लेना जरूरी है |कई बार हम परेशानियों से स्वता ही नहीं हल पाते हैं |ऐसे में बिना संकोच कीए हमें दूसरों की मदद लेनी चाहिए |इससे हम उस परेशानी से तो बाहर आएंगे ही सही और उस परेशानी के कारण उत्पन्न होने वाला मानसिक तनाव भी आसानी से दूर हो जाता है|

6- मन को जो सुकून पहुंचाएं वह काम करें- आपने महसूस किया होगा जब हम तनाव में होते हैं, तो कोई ऐसा कार्य किया जाए जो हमें खुशी प्रदान करता है तो वह तनाव स्वता ही दूर हो जाता है| यह तो आप खुद भी जानते होंगे कि ऐसी कौन-कौन सी चीजें हैं जिनसे आपको बेहद सुकून महसूस होता है |जब भी आप तनाव में हो तो आप हॉट शावर ले सकते हैं या फिर अपने पसंदीदा गाने ,आध्यात्मिक भजन भी सुने जा सकते हैं| यदि आपके घर में बच्चे हैं या कोई पालतू जानवर है तो उनके साथ समय बताना भी तनाव को दूर करता है |आप स्वयं निर्धारित करें कि किस कार्य को करने से आपका तनाव दूर होता है |तो उस कार्य को करने के लिए रोजाना अपने day-to-day लाइफ में समय जरूर निकालें ताकि आपकी जिंदगी से तनाव कम हो सके|

7- अपने मस्तिष्क को हर तरह की चीज के लिए तैयार करें- सचेतन मन यानी माइंडफूलनेस तकनीक से आप अपने मन के अंदर चल रही उलझनो से खुद बाहर निकल सकते हैं| इस तकनीक में आप बाहरी दुनिया में चल रही चीजें और अपने मन में चल रही बातों का समावेश करते हैं |माइंडफूलनेस की मदद से आप अपने मूड में आ रहे बदलाव के प्रति सचेत हो जाते हैं और स्वयं को उस आने वाले बदलाव के लिए तैयार कर लेते हैं |लगभग 100 में से 80 लोगों के लिए यह तकनीक काफी कारगर साबित होती है मगर सभी लोगों के लिए यह तस्वीर इतनी मददगार नहीं होती|

8- प्राकृतिक चीजों के बीच रहे- जब ज्यादा तनावपूर्ण स्थिति बन जाए तो अपने दिमाग को शांत करने के लिए हरे भरे वातावरण जैसे कि पार्क या ग्रामीण इलाके में जाएं| यह सब करना संभव नहीं हो तो अपने घर में लगे छोटे से बगीचे मैं ही बैठकर उस हरियाली का आनंद उठाएं |वैज्ञानिक शोध में यह बात सामने आई है कि डिप्रेशन को कम करने में हरा रंग काफी मददगार साबित होता है|

9- खुशबू की मदद - तनाव दूर करने में खुशबू काफी हद तक मददगार साबित हो सकती है |अपने नहाने के पानी में गुलाब ,नींबू ,चमेली आदि की खुशबू वाला तेल मिलाए| इसके अलावा आप नहाने की पानी में थोड़ा सा नमक या गुलाब की पंखुड़ियां डाल दें तो ऐसा स्नान करना भी  मन  के तनाव को दूर करता है| तनाव के कारण कभी-कभी सर दर्द होने लगता है तो ऐसे में सिर और बालों पर उंगलियों से हल्के हल्के हाथों से मसाज करें |मसाज करने वाले तेल में भी ब्राह्मी या भृंगराज का तेल मिलाया जा सकता है|

10- प्राकृतिक चीजों का रखें ध्यान- कोरोना काल में हम सब घर में कैद है| तो इस दौरान हमारे शरीर को सूर्य की रोशनी नहीं मिल पा रही है |सूर्य की रोशनी में मौजूद विटामिन डी मस्तिष्क और शरीर दोनों के लिए बहुत ही आवश्यक होता है विटामिन डी से मूड को बेहतर करने वाला एंडोर्फिन और सेरोटीनीन नामक केमिकल रिलीज होता है| कुछ समय सूर्य की रोशनी में जरूर बीताएं |इसके अलावा समय-समय पर पानी पीने की आदत डालें |पानी पीने के लिए आप अलार्म या रिमाइंडर भी लगा सकते हैं| कम पानी पीना भी मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है|


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