माझी कन्या भाग्यश्री योजना
1 अप्रैल 2016 को महाराष्ट्र सरकार द्वारा महाराष्ट्र में लड़कियों के घटते अनुपात को सुधार करने को महिला शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए माझी कन्या भाग्यश्री योजना का शुभारंभ किया गया |इस योजना का मुख्य उद्देश्य लड़कियों की भ्रूण हत्या को रोक कर उन्हें आगे पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना है | ताकी सरकार की इस योजना का लाभ उठाकर लोगो मे लिंग निर्धारण नहीं करते हुए लड़कियों को जन्म लेने देने कि सकारात्मक सोच का वीकास करना है |सरकार चाहती है कि इस योजना के माध्यम से बेटियों का भविष्य उज्जवल बनाया जा सके| महाराष्ट्र राज्य के निवासियों के लिए जारी इस योजना के अंतर्गत राज्य के जो माता या पिता लड़की के जन्म होने के बाद 1 वर्ष के भीतर नसबंदी करा लेते हैं, तो उन्हें बालिका के लिए बालिका के नाम पर ₹50000 की धनराशि बैंक अकाउंट में प्राप्त होती है| इस योजना की खास बात यह है कि यदि माता-पिता ने दूसरी बेटी के जन्म के बाद परिवार नियोजन को अपनाने का निर्णय लेकर नसबंदी कराई हे तो दोनों लड़कियों के नाम पर 25000 -₹25000 बैंक में जमा होंगे|
माझी कन्या भाग्यश्री स्कीम 2021 के लाभ-
• एक ही परिवार की दो बेटियां इस योजना का लाभ उठा सकती हैं|
• इस स्कीम के तहत रुपए ट्रांसफर करने के लिए लाभार्थी लड़की व उसकी मां के नाम पर नेशनल बैंक में ज्वाइंट अकाउंट खोला जाता है| दोनों को इस स्कीम के तहत 1 लाख रुपए का दुर्घटना बीमा और ₹5000 की ओवरड्राफ्ट सुविधा भी मिलती है| यह ओवरड्राफ्ट का उपयोग लड़की की शिक्षा के लिए ही किया जा सकता है|
• इस योजना के अनुसार यदि माता या पिता दोनों में से किसी ने एक ही बच्ची के जन्म के पश्चात नसबंदी कराने का निर्णय ले लिया ,तो बच्ची को ₹50000 की राशि सरकार द्वारा देय होती है|
• यदि दो लड़कियों के जन्म के पश्चात फैमिली प्लानिंग कराई जाती है ,तो सरकार द्वारा दोनों लड़कियों के खाते में ₹25000 जमा किए जाते हैं एक्सीडेंटल बीमा दोनों बेटियों के साथ माता का भी होता है|
• इस योजना के अंतर्गत राज्य सरकार के द्वारा प्राप्त होने वाली राशि का उपयोग केवल लड़की की उच्च शिक्षा के लिए किया जा सकता है|
• इस योजना के अनुसार लड़कियों के माता या पिता को एक लड़की के पैदा होने के बाद 1 वर्ष के अंदर अंदर या दूसरी लड़की पैदा होने के 6 महीने के अंदर ही नसबंदी कराना अनिवार्य होता है|
• महाराष्ट्र के अधिक से अधिक परिवार इस योजना का लाभ उठा सके इसलिए सरकार द्वारा परिवार की वार्षिक आय सीमा को ₹100000 से बढ़ाकर ₹750000 कर दिया है|
कौन कर सकता है आवेदन-
•इस योजना के लिए आवेदन करने हेतु आवेदक महाराष्ट्र का स्थाई मूलनिवासी होना चाहिए|
•एक परिवार की केवल दो लड़कियां ही माझी कन्या भाग्यश्री भाग्यश्री योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं|
• यदि माता-पिता को तीसरी संतान हो जाती है, तो पहले से जन्मी दोनों लड़कियों को इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा |फिर चाहे तीसरी संतान लड़की ही क्यों ना हो |यदि सरकार की तरफ से कुछ राशि अप्रूव कर दी गई है तो उस राशि का भुगतान रोक दिया जाएगा|
• बाल सुधार गृह और अनाथ आश्रम में रह रही बच्चियों को भी इस योजना का पूरा पूरा लाभ मिलेगा|
• इस योजना की शुरुआत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग और बीपीएल श्रेणी के लोगों के लिए की गई थी|
• सरकार की इस योजना का लाभ अधिक से अधिक परिवार उठा सके इसलिए सरकार ने इस योजना का कवरेज अब बढ़ा दिया है| पहले जहां माता-पिता की वार्षिक आय ₹100000 थी, उसे बढ़ाकर माता-पिता की वार्षिक आय ₹750000 से ज्यादा ना हो का क्राइटेरिया निर्धारित किया है|
योजना में लगने वाले आवश्यक दस्तावेज-
•इस योजना के लिए योग्य आवेदक का आधार कार्ड
• माता या लड़की के नाम पर खुला हुआ बैंक अकाउंट का पासबुक
• महाराष्ट्र का मूल निवासी होने का प्रमाण पत्र
• परिवारिक आय का प्रमाण पत्र
• माता या पिता दोनों में से किसी एक का मोबाइल नंबर
• माता और बालिका दोनों की पासपोर्ट साइज फोटो
योजना में लाभ पाने के लिए कैसे करें आवेदन-
महाराष्ट्र राज्य के इच्छुक लाभार्थी जो इस योजना के तहत लाभ पाने हेतु आवेदन करना चाहते हैं ,तो उन्हें महाराष्ट्र शासन की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर माझी कन्या भाग्यश्री योजना की एप्लीकेशन फॉर्म पीडीएफ को डाउनलोड करना होगा |आवेदन फॉर्म डाउनलोड करने के बाद आपको फार्म में चाही गई सारी जानकारी जैसे- बालिका का नाम, पता ,माता पिता का नाम ,बालिका की जन्मतिथि, मोबाइल नंबर आदि सभी कुछ सही-सही भरनी होगी |इस जानकारी को भरने के बाद आपको अपने सभी दस्तावेजों को फॉर्म के साथ अटैच कर नजदीकी महिला और बाल विकास कार्यालय में जमा कराना है |वहां से अप्रूवल होने के बाद आपका माझी कन्या भाग्यश्री योजना में आवेदन पूर्ण हो जाएगा|
योजना में प्राप्त होने वाली राशि-
यह योजना अन्य सरकारी योजना की तरह उलझी हुई नहीं है |इसमें एक बेटी के जन्म के बाद कराइ गइ नसबंदी ₹50000 एकमुश्त और दो बेटी के होने के बाद कराई गई नसबंदी पर दोनों के खाते में ₹25000 एकमुश्त जमा हो जाते हैं|
भुगतान राशि की प्राप्ति-
लड़की के 18 वर्ष की पूर्ण होने पर राशि प्राप्त करने की हकदार होगी |लड़की के 18 वर्ष पूर्ण होने के पहले इस योजना में जमा राशि का कोई भी भाग उपयोग में नहीं आ सकता है|इस योजना के अंतर्गत लड़की को परिपक्वता के समय ब्याज का पैसा नहीं मिलता है |पहली बार जब कन्या 6 साल की होती है तब उसे ब्याज का पूरा पैसा मिलता है और जब लड़की 12 साल की हो जाती है तब उसे ब्याज का पूरा पैसा मिल जाता है| इस योजना का पूरा लाभ प्राप्त करने के लिए लड़की कम से कम 10 वीं पास होनी चाहिए और 18 वर्ष की उम्र तक अविवाहित रहनी चाहिए| यदि 18 वर्ष की आयु पूर्ण होने के पहले लड़की का विवाह कर दिया जाता है तो वह इस योजना का लाभ नही ले सकती है|
योजना का बैकवर्ड पहलु-
महाराष्ट्र सरकार ने अपनी महत्वकांक्षी योजना लड़कियों की उन्नति के लिए माझी कन्या भाग्यश्री योजना कि बड़े जोर शोर से शुरुआत की थी |इसका मुख्य उद्देश्य लिंग निर्धारण और स्त्री भ्रूण हत्या को रोकना, राज्य में बाल लिंगानुपात का सुधार और महिला शिक्षा का समर्थन करना है |सरकार की यह योजना माता-पिता ,दादा-दादी और ग्राम पंचायत के लिए व्यापक स्तर पर समर्थन की बात करती है |मगर इस योजना में परिवार नियोजन की जरूरत पर जोर है |साथ ही लड़कियों के लालन-पालन और उचित पोषण के लिए परिवार को प्रोत्साहन राशि का प्रावधान है |कुल मिलाकर यह योजना समाज में बालिका की स्थिति को मजबूत करने की एक कोशिश है |लेकिन इंडिया स्पेंड की जांच में पता चला है कि सरकार की अधूरी प्रतिबद्धताओं से यह योजना ठीक तरह से काम नहीं कर रही है और लड़कियों को पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है|
सूचना के अधिकार के तहत 2 महीने के भीतर प्राप्त हुए 38 उत्तर से पता चलता है कि नवीनतम सरकारी आंकड़ों में भारत के सबसे अमीर राज्य के 36 जिलों में सरकार की इतनी महत्वकांक्षी योजना माझी कन्या भाग्यश्री योजना से किसी को भी लाभ नहीं मिला है| इतने बड़े स्तर पर इस योजना के असफल होने का मुख्य कारण शायद वह मानदंड है ,जिसे पूरा करना किसी भी परिवार के लिए कठीन या मुश्किल हो जाता है |
एक परिवार के मुखिया के शब्दों में -"जब हमने माझी कन्या भाग्यश्री योजना के लिए आवेदन किया तो सरकारी अधिकारियों को हमारी बात समझाना की महिलाओं ने परिवार नियोजन करा लिया है और उनके कोई बेटा नहीं है ,बड़ा ही मुश्किल काम होता है| कई बार बीमा की राशि मिलने में भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है|
कइ बार माता-पिता लड़की के होने के बाद ही नसबंदी कराना चाहते हैं,मगर समाज की रीती और परिवार के बुजुर्गों के दबाव के कारण यह कराना आसान नहीं होता है |ऐसे में कन्या इस लाभ से वंचित रह जाती है| सरकार को इस योजना को सफल बनाने के लिए अपने मानदंड बदलने होंगे |साथ ही गांव में
अपने स्वास्थ्य कर्मियों की मदद से परिवार नियोजन के फायदे बता कर लोगों को परिवार नियोजन कराने के लिए प्रोत्साहित करना होगा | आम जनता इस महत्वकांक्षी योजना की जानकारी पहुंचाना भी सरकार की जिम्मेदारी है |तभी सरकार की इतनी महत्वपूर्ण और महत्वकांक्षी योजना बड़े स्तर पर सफल हो पाएगी|