Mukhyamantri Rajshree Yojna kya hoti hai? - मुख्यमंत्री राजश्री योजना kya hai?

 


मुख्यमंत्री राजश्री योजना


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राजस्थान सरकार द्वारा 1 जून 2016 को राज्य की बेटियों की सुरक्षा और उनके विकास के लिए मुख्यमंत्री राजश्री योजना की शुरुआत की गई थी| जिसे राज श्री स्कीम 2020 के नाम से भी जाना जाता है|

इस योजना का मुख्य उद्देश्य बालिकाओं का संरक्षण करना है |लोग बेटियों को घर की लक्ष्मी मानते इसके बावजूद समाज में बालिकाओं की संख्या लगातार कम हो रही है| कुछ राज्यों में स्थिति और भी ज्यादा खतरनाक है|इसी वजह से बेटियों के जन्म को प्रोत्साहित करने के लिए राजस्थान सरकार ने इस योजना की शुरुआत की है |इस योजना के माध्यम से सरकार बालिकाओं को शिक्षित व सशक्त बनाने की ओर अग्रसर है |इसका मुख्य उद्देश्य बालिकाओं के जन्म दर बढ़ाना ,बालिकाओं को अच्छी परवरिश उपलब्ध कराना और उन्हें अच्छी शिक्षा मुहैया कराना है |बेटी के जन्म से लेकर 12वीं तक बेटी की पढ़ाई स्वास्थ्य व अच्छी सेहत के लिए अभिभावकों ₹50000 तक की आर्थिक राशि प्रदान की जाती है|

कई चरणों में मिलती है आर्थिक सहायता-

• बेटी के जन्म के समय ₹2500

• प्रथम वर्ष का टीकाकरण पूर्ण होने पर ₹2500

• राजकीय विद्यालय की कक्षा 1 में प्रवेश करने पर

4000 रुपए

• राजकीय विद्यालय कक्षा 6 में प्रवेश लेने का ₹5000

• राजकीय विद्यालय की कक्षा दसवीं मैं प्रवेश लेने पर ₹11000

•राजकीय विद्यालय की कक्षा 12वीं पास करने पर ₹25000

कौन कौन ले सकता है लाभ-

अलग-अलग प्रसव पर जनमी अधिकतम 2 बालिकाएं एवं एक ही प्रसव में जितनी भी बालिकाए जन्मी है उनको योजना का लाभ मिलेगा| इसका मतलब केवल दो ही लड़कियों को योजना का पूरा लाभ मिलेगा| मगर यदि दो से अधिक प्रसव होने पर यदि बालिका होती है ,तो इस योजना की सबसे खास बात यह है कि पहली दो किस्त हर उस बालिका को मिलेगी जिसका जन्म किसी सरकारी अस्पताल एवं जननी सुरक्षा योजना के साथ पंजीकृत निजी चिकित्सा संस्थान में हुआ हो |

आवश्यक दस्तावेज-

मुख्यमंत्री राजश्री योजना का लाभ लेने के लिए दस्तावेजों मैं प्रसूता का आधार कार्ड ,भामाशाह कार्ड एवं भामाशाह कार्ड से जुड़ी हुई बैंक खाते का विवरण जमा होता है| इसके अलावा माता पिता के पते का प्रमाण पत्र, बच्ची के जन्म का प्रमाण पत्र भी जरूरी होता है|

क्या राजस्थान के बाहर निवासी इस योजना का लाभ ले सकते हैं-

मुख्यमंत्री राजश्री योजना केवल राजस्थान सरकार द्वारा राजस्थान के लोगों के लिए ही जारी की गई है| इसलिए ऐसी प्रसूताएं जो राजस्थान की मूल निवासी है और उनका प्रसव राजस्थान के किसी जननी सुरक्षा योजना के अंतर्गत  हुआ है ,तो इस योजना का लाभ ले सकते हैं |विशेष केस में यदि महिला राजस्थान की मूल निवासी है मगर उनका संस्थागत प्रसव राज्य के बाहर हुआ है, मगर उन्होंने जननी सुरक्षा योजना का परिलाभ राजस्थान में प्राप्त किया है, तो ऐसे केस में बालिका के जीवित होने का जन्म प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने पर मुख्यमंत्री राजश्री योजना का लाभ लिया जा सकता है|

राशि प्राप्त करने के लिए कैसे करें आवेदन-

मुख्यमंत्री राजश्री योजना के तहत आवेदन  आपको सीधा सरकारी अस्पताल या जेएसवाय पंजीकृत ĺ पंजीकृत चिकित्सा संस्था से संपर्क करना होगा |इसके अलावा तहसील के स्वास्थ्य अधिकारी ,कलेक्टर कार्यालय ,जिला परिषद ग्राम पंचायत में भी जाकर संपर्क किया जा सकता है| लाभ प्राप्त करने के लिए गर्भवती महिला प्रसव पूर्व जांच, एएनसी जांच के दौरान भामाशाह कार्ड एवं भामाशाह कार्ड से जुड़ा हुआ बैंक खाते का विवरण निकटतम आंगनवाड़ी केंद्र पर या आशा बहनजी अथवा राजकीय चिकित्सा  संस्थान में उपलब्ध कराएं |योजना के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए अपने जिले में कार्यक्रम अधिकारी महिला अधिकारी है मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से संपर्क किया जा सकता है |इस योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन की सुविधा पहले उपलब्ध नहीं थी मगर अब ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है|

इस योजना का स्पेशल क्राइटेरिया

• इस योजना का लाभ केवल उन्हीं लड़कियों का मिलेगा, जो सरकारी अस्पताल में या जननी सुरक्षा योजना के अंतर्गत रजिस्टर्ड हॉस्पिटल मे जन्म लेती है| घर में प्रसव होने पर बच्चियां इस योजना के लाभ से वंचित रह जाती है|

•अगर किसी अभिभावक की दो से अधिक लड़की हैं तो वह इस योजना के अंतर्गत लाभ प्राप्त कर सकते हैं| पहली दो किश्त का लाभ तीसरी बालिका को भी मिलेगा |लेकिन आगे की किस्तें उसे नहीं मिलेगी|

किसी भी परिवार में सारी किस्त का लाभ उन्हें ही मिलेगा जिनके परिवार में अधिकतम 2 बालिका जीवित होगी|

•यदि किसी कारणवश किसी बालिका की मृत्यु हो जाती है, पर उससे पहले दो किस्तो  का लाभ मिल चुका है, जब ऐसी स्थिति में अगर उन माता-पिता के अगली संतान लड़की होगी तो उसे सारी किश्तें यानी पूरी योजना का लाभ मिलेगा|

•अगर बच्चे की माता की मृत्यु प्रसव के दौरान या बाद में हो जाती है तो दी जाने वाली राशि पिता के अकाउंट में ट्रांसफर की जाती है| अगर माता-पिता दोनों की मृत्यु हो जाती है तो जो भी अधिकारिक रूप से बच्चे के अभिभावक होंगे उनके अकाउंट में सरकार द्वारा वित्तीय सहायता ट्रांसफर की जाती है|

•योजना के अंतर्गत पहले भामाशाह कार्ड और आधार कार्ड अनिवार्य नहीं था, मगर 15 मई 2017 के बाद संशोधन किया गया और इसके लिए मिलने वाली आर्थिक सहायता भामाशाह कार्ड के जरिए ही सीधे बैंक अकाउंट में जाती है| यदि आपके पास भामाशाह कार्ड नहीं है तो पहले इसके लिए पंजीकरण करवाना होगा| इसका आवेदन निकटतम ई मित्र केंद्र में होता है|

•पहली एवं दूसरी किस्त का पंजीकरण एक साथ प्रसव के पहले आंगनवाड़ी में होता है| उसके लिए दो बार अप्रत्यक्ष रूप से आवेदन करने की आवश्यकता नहीं होती है| इसके साथ ही ऑनलाइन सभी जानकारियां अंकित करनी होती है|

मुख्यमंत्री राजश्री योजना के लिए कैसे करें आवेदन-

पहली किस्त हेतु आवेदन- योजना के लिए प्रसव के पहले ही महिला को अपना नाम आंगनबाड़ी में जाकर लिखवाना होता है| जहां उस बच्चे के लिए एक यूनिक आईडी बनाई जाती है |प्रसव के बाद पहली किस्त चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा सारी जांच पड़ताल के बाद लाभार्थी को दी जाती है|

दूसरी किस्त हेतु आवेदन- जन्म के 1 साल के बाद सभी टीकाकरण पूर्ण होने पर टीकाकरण कार्ड या शिशु कार्ड को ऑनलाइन अपलोड करने के बाद योजना की दूसरी किस्त लाभार्थी के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर हो जाती है|

तीसरी किस्त- तीसरी किस्त बालिका के पहली कक्षा में प्रवेश के बाद मिलेगा |इसके लिए निकटतम ई -मित्र केंद्र में जाकर ऑनलाइन फॉर्म जमा कराना होता है| इस फॉर्म के साथ बच्ची का स्कूल में प्रवेश का प्रमाण पत्र और माता-पिता की केवल दो संतान है इसका एक एफिडेविट लगाना होता है|

चौथी पांचवी एवं छटी किस्त- इन सभी किस्तों के लिए भी आवेदक को ई-मित्र केंद्र में जाना कर आवेदन देना होता है या ऑनलाइन प्रक्रिया के द्वारा आवेदन दिया जाता है |जहां उन्हें स्कूल में प्रवेश का प्रमाण पत्र भी समिलित  करना होगा| छठी किस्त 12वीं के पास करने के बाद मिलती है जिसके लिए बच्ची की फाइनल परीक्षा का रिजल्ट फार्म के साथ अपलोड करना अनिवार्य है|

अब तक इस योजना के अंतर्गत   लगभग 395 करोड़ के ऊपर लड़कियों  लाभ मिल चुका है| राजस्थान में बाल विवाह को कम करने तथा लड़कियों की शिक्षा को बढ़ाने के लिए यह योजना लाई  गई थी| सरकार की सोच थी कि इस योजना के आने के बाद लोग लड़कियों को बोझ नहीं समझेंगे और अपनी सोच को बदलेंगे क्योंकि उनकी बच्ची की जिम्मेदारी समय-समय पर सरकार उठाएगी और वित्तीय सहायता भी देगी


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