डिम्बग्रंथि के सिस्ट के बारे में सब कुछ इसके कारण, प्रकार लक्षण और उपचार -
हमारी लापरवाही, असंतुलित आहार और अस्त व्यस्त दिनचर्या, साथ ही जिम्मेदारियो का बोझ अधिकतर हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है फिर भी हम अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक नहीं होते जिस कारण हमारा शरीर अनेक बीमारियों का शिकार हो जाता है और हमारा जीवन खतरे में पड़ जाता है और अधिकतर यह समस्या पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक दिखाई देती है,
महिलाएं अपने स्वास्थ्य के प्रति ध्यान नहीं देती और न ही नियमित दिनचर्या के हिसाब से खान पान का, जिस कारण उन्हें अनेक समस्याओं से गुजरना होता है और आज अधिकतर महिलाओं में ओवेरियन कैंसर की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है लेकिन भाग-दौड़ भरी जिंदगी में महिलाओं के ऊपर जिम्मेदारियों का बोझ अधिक रहता है जिस कारण वह अपने स्वास्थ्य की ओर ध्यान नहीं दे पाती है ,
इसलिए सबसे पहले यह जानना अति आवश्यक हो गया है कि ओवेरियन सिस्ट क्या है इसके कारण,लक्षण और किस प्रकार हम इस बीमारी से छुटकारा पा सकते हैं तो सबसे पहले -
ओवेरियन सिस्ट क्या है -
हर बीमारी यूं अचानक नहीं आती उसके पीछे कोई न कोई कारण छुपा होता है जिस प्रकार हर तथ्य के पीछे उसका कारण और हर सवाल का जवाब होता है उसी प्रकार हर बीमारी का कारण,लक्षण व उपचार होता है लेकिन ओवेरियन सिस्ट क्या है इसके बारे में हमें सबसे पहले पता होना चाहिए तो
यह अंडाशयों में बनने वाले सिस्ट होते है जो एक थैली में भरे हुए तरल प्रदार्थ यानि एक गांठ की तरह होते हैं। जो कि अंडाशय सिस्ट और ओवरी में गांठ के नाम से भी जाने जाते है। महिलाओं में दो अंडाशय होते हैं - जो गर्भाशय के दोनों तरफ होते है। यह बादाम के आकर के जैसे होते हैं,
मासिक धर्म के दौरान प्रतिमाह इस थैली के आकार की एक संरचना उभर कर आती है जो फॉलिकल के नाम से जानी जाती है।
इन फॉलिकल्स से एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन नामक हार्मोन
निकलते हैं, जो ओवरी से मैच्योर अंडे की निकासी मे सहायक होते है कुछ मामलों में देखा गया है कि मासिक
धर्म की निश्रित अवधि खत्म हो जाने के बाद भी फॉलिकल का आकार बढ़ता जाता है,
जिसे ओवेरियन सिस्ट कहा जाता है,
ओवेरियन सिस्ट के कारण - ओवेरियन सिस्ट के कारण निम्नलिखित हैं जिनके कारण महिलाएं अपने जीवन का सबसे बड़ा सुख संतान प्राप्ति का योग खो देती है
- 1. फंक्शनल आवेरियन सिस्ट - यह प्रत्येक महिला के अंदर गर्भावस्था के दौरान पाई जाती है। जिसके कारण महिलाओं को गर्भ में बच्चे के लिए कोई परेशानी नहीं होती है। यह दो प्रकार की होती है- फॉलिक्युलर सिस्ट और ल्युटियम सिस्ट।फॉलिकुलर सिस्ट- ओवरी में तरल पदार्थ युक्त थैली जिसमे अंडे मौजूद होते है, उसे फॉलिकल कहा जाता है।हालांकि हर माह ये थैली फट जाती है और अंडे इससे बाहर निकल जाते हैं। लेकिन जब स्थिति ऐसी हो कि यह थैली फटने में असमर्थ हो तो अंडाशय में मौजूद तरल पदार्थ सिस्ट या गांठ का रूप ले लेता है।जिसके कारण अधिकतर महिलाओं को ओवेरियन सिस्ट नामक बीमारी होती है,
- कॉपर्स ल्यूटियम सिस्ट- आमतौर पर देखा जाता है कि यह सिस्ट फॉलिकल निकलने के बाद स्वयं ही समाप्त हो जाते हैं।लेकिन जब किसी कारण यह समाप्त नहीं हो पाते हैं, तो इसमें अधिक तरल जमा हो जाता है और जिसके कारण कॉपर्स ल्यूटियम सिस्ट बनने का कारण बन जाता है।यह भी एक प्रकार का सिस्ट होता है जिसके कारण आपको यह बीमारी होती है,
- पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम - हालांकि महिलाओं में पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम या पीसीओएस एक हार्मोनल समस्या है। और अधिकतर इस बीमारी में ओवरी के अंदर छोटी-छोटी गांठे या सिस्ट बन जाते है। और पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम बहुत ही खतरनाक समस्या है और अगर इसका सही समय पर इलाज नहीं किया गया तो यह बांझपन का कारण बन सकती है। पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम होने पर महिलाओ का असामान्य तरीके से वजन बढ़ने लगता है,जिसके कारण महिलाओं को बांझपन की समस्या हो सकती है यह भी ओवेरियन सिस्ट होने का एक कारण होता है,
- ओवेरियन सिस्ट के लक्षण -
हमारी लापरवाही और स्वास्थ्य के प्रति अनेदेखापन एक बड़ी समस्या उपस्थित कर देता है जिस कारण हम अपने अंदर की बीमारियों का एहसास नहीं कर पाते हैं हालांकि कभी कभी ऐसा होता है कि कुछ बीमारियों के लक्षण दिखाई नहीं देते फिर भी अगर
आपके पेट में दर्द, विशेष रूप से संभोग के दौरान, पेट या श्रोणि के भीतर दर्द दर्दनाक दर्द हो या
गर्भाशय रक्तस्राव, मासिक धर्म की अवधि की शुरुआत
या अंत के बाद या उसके बाद दर्द हो
पेट में भारीपन, दबाव, सूजन, या सूजन महसूस हो
पेशाब करते समय परेशानी या निकटवर्ती श्रोणि
शरीर रचना पर दबाव के कारण आंत्र आंदोलनों में
कठिनाई में परिवर्तन हो साथ ही यदि आपको थकान, सिरदर्द जैसे संवैधानिक लक्षण उलटी अथवा मितली
• वजन बढ़ना इत्यादि लक्षण दिखाई दे या महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और लापरवाही बिल्कुल भी नहीं बरतें,
साथ ही कभी कभी देखा जाता है कि अन्य लक्षण सिस्ट के कारण पर निर्भर होते हैं जैसे -
यदि सिस्ट का कारण पॉलीसिस्टिक डिम्बग्रंथि सिंड्रोम
(पीसीओएस) होता हैं तो उसके लक्षण में चेहरे के बाल
या शरीर के बाल, मुँहासे, मोटापे और बांझपन में वृद्धि
हो सकती है, और
यदि इसका कारण एंडोमेट्रोसिस है, तो अवधि भारी हो सकती है, और दर्दनाक संभोग हो सकता है। साथ ही कभी कभी यदि प्रजनन क्षमता पर पीसीओएस से संबंधित नहीं होने वाले सिस्ट का प्रभाव अस्पष्ट होता है जिसके लक्षण हमें ज्ञात नहीं होते लेकिन यदि इनमें से कोई लक्षण आपको दिखाई दे तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें,
ओवेरियन सिस्ट के प्रकार - ओवेरियन सिस्ट कई प्रकार के होते हैं जैसे -
.
- 1. चॉकलेट सिस्ट -
एंडोमेट्रियोसिस से पीड़ित होने की स्थिति में महिलाओं के हर मासिक चक्र के दौरान ओवरी में खून जमा हो जाता है। जो आगे जाकर चॉकलेट सिस्ट का कारण बनता है। चॉकलेट सिस्ट होने पर मासिक धर्म के समय महिलाओं को काफी दर्द होता है तथा गर्भाधारण में भी शिकायत आती है। लेकिन डॉक्टर कहते हैं इस स्थिति में लेप्रोस्कोपिक सर्जरी इस समस्या से निपटने के लिए यह इसका सबसे
बढ़िया इलाज है।
सिस्टाडेनोमास सिस्ट - यह भी ओवेरियन सिस्ट का एक प्रकार है
ये सिस्ट अंडाशय के अंदर नहीं बल्कि बाहरी सतह पर
मौजूद होते हैं। हालांकि इस तरह के सिस्ट से कैंसर होने का खतरा नहीं होता है।फिर भी सावधानी बरतनी चाहिए,
.
एंडोमेट्रियोमा सिस्ट - इसमें महिलाओं के गर्भाशय के अंदर बनने वाले टिश्यू का लिंक कभी कभी गर्भाशय के बाहर भी हो जाता है। और यह टिश्यू ओवरी से जुड़े होते हैं जिसके कारण सिस्ट बनते हैं। यह भी ओवेरियन सिस्ट का एक प्रकार है
- डर्मोइड सिस्ट -
ओवेरियन सिस्ट का यह भी एक प्रकार है जिसमें थैली के
भीतर बाल, वसा और अन्य टिश्यू मौजूद होते हैं। जब
ओवरी में अधिक मात्रा में छोटे छोटे सिस्ट बनने लगते हैं
तब ओवरी का आकार बड़ा होने लगता है। इसे ही पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम या डर्मोइड सिस्ट कहते
हैं।
ओवेरियन सिस्ट का इलाज - जिस प्रकार भूख का इलाज खाना है, गरीब को मजदूरी चाहिए और अमीर को पैसा ठीक उसी प्रकार हर बीमारी का इलाज है भले ही उसके तरीके अलग हो पर हर बीमारी का इलाज संभव है जैसे कि
ओवरी में सिस्ट का इलाज महिलाओं की आयु, सिस्ट के प्रकार, आकार और लक्षणों पर निर्भर करता है।
हालांकि डॉक्टरों का कहना है कि कुछ हफ्तों या महीनों के बाद ज़्यादातर सिस्ट गायब हो जाते हैं। और अगर कोई लक्षण नहीं दिखाई देते है तो और अगर अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में केवल एक साधारण छोटी गांठ नज़र आती है, तो डाक्टर कुछ समय तक इंतजार करने की या और फिर दुबारा से जांच करने की सलाह देते है।
लेकिन जब कभी यह सिस्ट अपने आप ठीक नहीं होते है तो इन सिस्ट को हटाया और निकाला जाता है। ओवेरियन सिस्ट के उपचार के लिए डॉक्टर अक्सर कुछ सलाह देते हैं । जैसे कि कुछ
ओवेरियन सिस्ट ट्रीटमेंट है
-
- बर्थ कंट्रोल पिल्स- यदि स्थिति ऐसी हो कि बार-बार सिस्ट बन रहे है, तो डॉक्टर ओवुलेशन को रोकने और नए सिस्ट को बनने से रोकने के लिए गर्भनिरोधक दवाइयों की सलाह देते है।
- लेप्रोस्कोपी सर्जरी- इस लेप्रोस्कोपी सर्जरी से सिस्ट को हटाया और निकाला जाता है। तथा डॉक्टर इस सर्जरी को कराने की सलाह तब देते हैIजब आपकी गांठ छोटी हो। तो ऐसी स्थिति में डॉक्टर नाभि के पास एक छोटा सा चीरा लगाते है और लेप्रोस्कोप की मदद से सिस्ट को बाहर निकाल लेते है।
- लेपरोटॉमी सर्जरी- लेकिन स्थिति विपरीत हो और सिस्ट का आकर बड़ा हो, तो डॉक्टर इस सर्जरी की सलाह देते हैं इसके माध्यम से नाभि के पास एक बढ़ा चीरा लगाकर सिस्ट को बाहर निकाल दिया जाता है। और यदि स्थिति ऐसी हो कि सिस्ट की वजह से गर्भाशय या अंडाशय में कैंसर फैलने का खतरा हो तो गर्भाशय और अंडाशय की सर्जरी कर इन्हें भी निकाल दिया जाता है।