How to get your partner out of depression?- अपने पार्टनर को डिप्रेशन से कैसे निकाले?
जिंदगी की किसी न किसी पड़ाव पर स्वयं को उदास और हताश महसूस करना और असफलता, संघर्ष और किसी अपने से बिछड़ जाने के कारण दुखी होना बहुत ही आम और सामान्य बात है| परंतु अगर यह अप्रसन्नता ,दुख, लाचारी, निराशा जैसी भावनाएं कुछ दिनों से लेकर कुछ महीनों तक बनी रहे और व्यक्ति सामान्य रूप से अपनी डेली रूटीन लाइफ को फॉलो करने में असमर्थ रहे तब यह डिप्रेशन नामक खतरे की घंटी हो सकती है |
आजकल तरह-तरह की लाइफस्टाइल संबंधी समस्याओं की वजह से युवाओं में तनाव और चिंता की समस्या बढ़ती जा रही| मगर जब यह तनाव डिप्रेशन का रूप ले लेता है ,तो उस समय डिप्रेशन के शिकार व्यक्ति को किसी ऐसे व्यक्ति की आवश्यकता होती है जो उसे प्रेम करे| और उसे इस तरह के तनाव से बाहर आने में मदद करें |
यदि आपके हस्बैंड /बॉयफ्रेंड या पत्नी /प्रेमिका अवसाद से पीड़ित है तो आपका फर्ज बनता है कि उन्हें मेंटली सपोर्ट कर उन्हें इस समस्या से बाहर आने में मदद करें |क्योंकि डिप्रेशन का शिकार व्यक्ति रिश्तो को नकारात्मक रूप से देखता है| अपने प्रिय जनों के सामने भी खुद को असहाय और भयभीत महसूस करता है |अपनी उदासी ,निराशा और क्रोध के चलते वह समाज और परिवार से दूर होता चला जाता है|
कैसे जाने कि आपके पार्टनर को डिप्रेशन है-
- लगातार उदासी, अशांति और निराशा की भावना मन में बने रहना
- भूख में बदलाव( या तो अत्यधिक खाना या खाना कम कर देना)
- नींद का पैटर्न बदलना
- ऐसी गतिविधियां जो वह पहले बहुत शौक से करता था उसमें अचानक से अरुचि हो जाना |
- थोड़े से समय के कार्य को करने पर ही शरीर और दिमाग को थका हुआ महसूस करना |
यदि आपका पार्टनर भी इनमें से किसी समस्या से जूझ रहा हो तो हो सकता है कि वह डिप्रेशन का शिकार है |मगर डिप्रेशन के मरीजों के साथ एक समस्या यह होती है कि वह आसानी से मानने को तैयार नहीं होते हैं कि उन्हें डिप्रेशन की प्रॉब्लम हो सकती है| ऐसे में आपका उनके साथ होना महत्वपूर्ण हो जाता है |आप उन्हें प्यार से समझा सकते हैं कि बिना इलाज के उनका दोबारा सामान हो पाना कठिन हो जाएगा |कई बार डिप्रेशन की शिकार लोग यह सोचकर भी डॉक्टर के पास जाने से हिचकते हैं कि यदि उनकी बीमारी का किसी को पता चलेगा तो कोई उनके बारे में क्या सोचेगा? उन्हें विश्वास में लेकर आप उनका इलाज शुरू करवा सकते हैं|
डॉक्टरों के अनुसार-" डिप्रेशन से जूझ रहे व्यक्ति को डेट करने के लिए आपको बहुत धैर्यवान होना पड़ेगा| डिप्रेशन क्या है ?यह आपके पार्टनर के मन पर क्या असर डालता है ?यह जानना सबसे ज्यादा जरूरी है| उनकी कुछ जरूरतों का ध्यान रखकर आप उन्हें डिप्रेशन से बाहर आने में मदद कर सकते हैं|
यदि आपका पार्टनर डिप्रेशन में है तो यह स्थिति ना सिर्फ उसके लिए बल्कि आपके लिए भी उतनी ही चिंताजनक है हो सकता है कि आप खुद को काफी असहाय और असहज महसूस करें आपको यह समझ ही नहीं आये कि आप उसकी मदद किस तरह कर सकते हैं यह डिप्रेशन ना केवल उन्हें मानसिक रूप से परेशान करता है बल्कि यह आपके रिश्ते पर भी असर डालता है दरअसल डिप्रेशन के शिकार व्यक्ति को कोई भी चीज खुशी नहीं देती है और यही कारण है कि उस में सकारात्मकता का संचार करना बहुत मुश्किल काम होता है यदि आपका पार्टनर भी इस कठिन दौर से गुजर रहा है तो आपका फर्ज है कि आप उसकी ताकत बनकर उन्हें इस मुश्किल दौर से बाहर निकाले
- उनके मन की बात को जाने -डिप्रेशन का शिकार व्यक्ति किसी से भी अपने मन की बात आसानी से नहीं करता है |आप मौका मिलने पर उनसे बातें करें| कोशिश करें कि वह अपने मन की बात कर कर अपने दिल को हल्का कर सके| जब वो खुलकर कुछ बोलेंगे तो इससे उन्हें अच्छा लगेगा| साथ ही आपको उनकी मनोदशा के बारे में पता चलेगा तो इससे आप उनकी परेशानी को दूर करने में उनकी मदद कर सकते हैं |हो सकता है कि बातचीत के दौरान वह आपसे कोई नकारात्मक बात कह दे उस दौरान आपको भी गुस्सा आ सकता है ,लेकिन आपको बिल्कुल भी अपने मनोभावों को अपने पार्टनर के सामने प्रदर्शित नहीं होने देना है|
- मिथक और तथ्यों के बीच के फर्क को समझें- कई बार डिप्रेशन के शिकार व्यक्ति को जो शारीरिक और मानसिक कमजोरी रहती है, उन्हें हम आलस्य, काम चोरी कहकर उस से निजात पाने की कोशिश करते हैं| उन्हें अपनी बातों से उकसा कर उनसे जबरदस्ती किसी कार्य को करवाने की कोशिश करते हैं, क्योंकि समाज में यह मिथक है कि डिप्रेशन के शिकार व्यक्ति को ज्यादा से ज्यादा समय शारीरिक और मानसिक तौर पर व्यस्त रखना जरूरी है| मगर हकीकत में डिप्रेशन बायोलॉजिकल कारणों से होने वाली मानसिक बीमारी है और किसी अन्य बीमारी की तरह इसका भी इलाज होना जरूरी है |
- ट्रीटमेंट लेना है जरूरी- डिप्रेशन के मरीज को स्वस्थ रखने के लिए सही समय पर सही ट्रीटमेंट मिलना बहुत जरूरी है| आप अपने पार्टनर को उसके ट्रीटमेंट के लिए मोटिवेट करें समय पर उनकी दवाइयों का ध्यान रखकर आप उनकी मदद कर सकते हैं| आपकी यह मदद उन्हें आपके प्यार और आपकी फिक्र महसूस कर आएगा जिससे वे खुद डिप्रेशन से बाहर आने की कोशिश करेंगे| और अपना ट्रीटमेंट बिना किसी झिझक के समय पर पूरा करेंगे|
- उम्मीद को खत्म ना होने दें- डिप्रेशन के शिकार व्यक्ति को लगता है कि अब जीवन में करने को कुछ भी बाकी नहीं है| उन्हें हर समय अकेलापन और बेचैनी महसूस होती है| ऐसे में वे खुद को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करने लगते हैं| ऐसे में उन्हें महसूस करवाए कि उनका जीवन आपके लिए कितना महत्वपूर्ण है| आप लोग साथ साथ मिलकर बहुत कुछ कर सकते हैं |उनका और आपका भविष्य साथ में ही सिक्योर हो सकता है| आप उन्हें उम्मीद देंगे तो उनकी भी उम्मीद जागृत होगी|
- उनके साथ समय व्यतीत करें- जब भी आपको लगे कि आपका पार्टनर चिंताओं से घिरा हुआ है ,तो ऐसे समय में आप उन्हें अपना समय दें |उनसे बैठकर बातें करेंगे, उन्हें कहीं बाहर घुमाने ले जाए |हो सकता है कि आपका पार्टनर इन सब बातों के लिए तैयार न हो मगर आप उन्हें मना कर अपने साथ लेकर जाए ताकि वह थोड़े समय के लिए ही सही अपनी चिंता और फिक्र से थोडा सा दूर हो सके|
जब आपका साथी डिप्रेशन से जूझ रहा होता है तो दूर किनारे पर खड़े रहकर खुद को असहाय महसूस कर आप खुद निराश हो सकते हैं |कई बार अपने साथी के डिप्रेशन के लिए हम स्वयं को जिम्मेदार महसूस करने लगते हैं और खुद को अकेला महसूस करने लगते हैं| मगर अपने साथी को डिप्रेशन में से निकालने के साथ-साथ हमें यह भी कोशिश करना चाहिए कि खुद भी डिप्रेशन में ना जाए |
उनके द्वारा तनाव में कही गई किसी भी बात को खुद पर ना लेकर आप इस बात को समझे की सामने वाला जो बात कह रहा है वह अभी सोचने समझने की सही स्थिति में नहीं है| बस आप सिर्फ उनकी बातों को सुनते रहे और विश्वास दिलाए कि आप उनकी बात को समझ रहे हैं और सब कुछ पहले से कहीं बेहतर होगा|
उनकी ट्रीटमेंट को समय देने के साथ-साथ खुद के लिए भी समय निकालें |क्योंकि खुद के लिए समय निकालना स्वार्थी होना नहीं है बल्कि यह आप दोनों के लिए बेहतर होगा की आप अपने दिमाग और शरीर दोनों को स्वस्थ रखें|
आप स्वयं एक्सरसाइज, अच्छी नींद, आराम, प्रार्थना, मेडिटेशन के साथ- साथ उचित आहार और अपनी हॉबीज को समय दें |क्योंकि जब आपका कोई अपना डिप्रेशन से गुजर रहा है होता है तब आपके दिल में भी डिप्रेशन गुस्सा नाराजगी की भावनाओं का आना बेहद सामान्य बातें है|ऐसे वक्त में आप वाकई बेहद मुश्किल स्थिति में होते हैं, लेकिन यह बहुत महत्वपूर्ण है कि आप ना तो इन भावनाओं को अपने मन में पनपने दें और ना ही उन्हें खुद पर हावी होने दें|