भारत में महिलाओं के लिए विभिन्न सरकारी पहल -
हमारा भारत देश तकनीकी शिक्षा, तकनीकी पद्धतियों, अविष्कारों का भंडार है और हर क्षेत्र में सशक्त है साथ ही शक्तिशाली देशों की श्रेणी में आ गया है तथा भारत देश में उच्च तकनीकी शिक्षा में बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है लेकिन फिर भी हमारा भारत देश अन्य देशों की तुलना में पिछड़ा हुआ भारत देश कहलाता है,
क्योंकि तकनीकी पद्धति को अपनाने, नये नये अविष्कारों के विकास,और औघोगीकण के नये नये तरीकों में भारत देश भले अग्रणी हो लेकिन हमारा देश महिलाओं के प्रति जागरूक नहीं है उनकी अवहेलना करता है समाज के किसी भी कार्यक्रम में भाग लेने की उन्हें अनुमति नहीं होती और न ही वो शिक्षित हैं,सशक्त व सक्षम है,
जिस कारण हमारा देश विकसित देश होते हुए भी विकासशील देशों से भी पिछड़ा हुआ है क्योंकि यहां की महिलाएं न शिक्षित हैं न ही जागरूक न किसी भी काम को करने में सशक्त,
जिस कारण हमारे देश की बुनियाद ही विकसित नहीं है इसी दिशा में भारत सरकार विभिन्न योजनाओं की पहल कर रही है और महिलाओं को शिक्षित करने के लिए उन्हें हर क्षेत्र में सशक्त व सक्षम बनाने के लिए,अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करने के लिए, लड़कों के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने के लिए,और साथ ही जागरूक करने की कोशिश कर रही है ताकि महिलाएं अपनी जिम्मेदारियों को समझें,अपने पैऱो पर खड़ी हो,सशक्त बने, हर क्षेत्र में अपनी भूमिका निभाएं,
इस दिशा में भारत सरकार अनेकों योजनाओं को क्रियान्वित कर रही है और अनेक योजनाओं को क्रियान्वित करने की ओर अग्रसर है जैसे -
- "बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना" -
- हमारे देश के प्रधानमंत्री द्वारा भारत देश में लड़कियों की दयनीय स्थिति और समाज की लड़कियों के प्रति नकारात्मक सोच को देखते हुए देश की बेटियों का भविष्य उज्जवल बनाने के लिए 22 जनवरी 2015 को इस योजना को शुरू किया गया था जिसमें इस योजना का मुख्य उद्देश्य
जहां हमारे समाज में महिलाओं को मत देने का अधिकार नहीं होता उस प्रकिया को बदलना है अर्थात पक्षपाती लिंग
चुनाव की प्रक्रिया का उन्मूलन करना, तथा साथ ही हमारे देश की बालिकाओं के अस्तित्व की सुरक्षा करना और उनका भविष्य उज्जवल बनाना और सुनिश्चित करना, बालिकाओं को शिक्षित करना, और हमारे देश में लड़कियों के ऊपर होने वाले शोषण से उन्हें छुटकारा दिला पाना, तथा शिक्षा के माध्यम से लड़किया हर क्षेत्र चाहे वो सामाजिक और वित्तीय हो उनको स्वतंत्र बनाना है. और साथ ही बच्चियों को शिक्षा के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में उन्हें आगे बढ़ाने एवं उनकी भागीदारी को सुनिश्चित करना इस योजना का मुख्य लक्ष्य रहा है,
केंद्र सरकार भी समय-समय पर महिलाओं के समग्र विकास के लिए तरह-तरह की योजनाएं लाती है और शायद इसी का परिणाम है कि आज समाज में महिलाओं की भूमिकाओं में कई तरह के बदलाव देखने को मिल रहे है और आज शायद ही कोई ऐसा क्षेत्र होगा, जहां महिलाओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज न कराई हो, ऐसे ही भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही एक ओर योजना -
- "सुरक्षित मातृत्व आश्वासन सुमन योजना" - भारत सरकार द्वारा महिलाओं के लिए एक ओर पहल जोकि प्रसव के समय गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं की सुरक्षा को देखते हुए सुरक्षित मातृत्व आश्वासन योजना की शुरूआत की गई है. जिसके तहत गर्भवती महिलाओ को प्रसव के 6 महीने बाद और बीमार नवजात शिशुओं को निशुल्क स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ दिया जाता है. अतः इस योजना के अंतर्गत अस्पतालों या प्रशिक्षित नर्स की निगरानी में प्रसव सुनिश्चित किया जाता है. प्रसव के दौरान होने वाला सारा खर्च सरकार द्वारा उठाया जाता है और प्रसव के बाद 6 महीने तक मां और बच्चे को निशुल्क दवाइयां भी उपलब्ध कराई जाती है और इस योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित मातृत्व की गारंटी भी दी जाती है,
- "सुकन्या समृद्धि योजना" - इस सुकन्या समृद्धि योजना को 22 जनवरी 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वाराआरंभ किया गया है इस योजना का उद्देश्य जो परिवार अपनी बच्चियों की पढ़ाई,शादी आदि का खर्चा उठाने में असमर्थ होते हैं उन सभी माता-पिता को अपनी बेटी की पढ़ाई और शादी कराने के लिए इस योजना का लाभ उठा सकते हैं. इस योजना के तहत खाता खोलने के लिए न्यूनतम राशि 250 ए तथा अधिकतम राशि 1.5 लाख रु है. इस योजना के अंतर्गत बेटी के माता-पिता को बेटी का बैंक अकाउंट किसी राष्ट्रीय बैंक या फिर नजदीकी पोस्ट ऑफिस में खुलवाना होता है और यह बैंक अकाउंट बेटी के जन्म से 10 वर्ष की आयु तक खुलवाया जा सकता है. इस योजना के अंतर्गत बेटी के 14 वर्ष होने तक माता-पिता को धनराशि जमा करनी होती है और जब बेटी 18 बर्ष की आयु की हो जाती है तब वह इस राशि को निकाल सकती है,
- "फ्री सिलाई मशीन योजना" - उन सभी शहरी और ग्रामीण महिलाओं व दोनों क्षेत्रों में आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को इस योजना का लाभ दिया जाता है जिसके अंतर्गत केंद्र सरकार द्वारा हर राज्य में 50000 के अधिक महिलाओं को निशुल्क सिलाई मशीन प्रदान करती है इस योजना के जरिये वे सभी महिलाएं फ्री सिलाई मशीन प्राप्त कर अपना और अपने परिवार का भरण पोषण कर सकती हैं लेकिन इस योजना का लाभ केवल 20 से 40 वर्ष की आयु की महिलाएं ही उठा सकती हैं,
- "प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना" - भारत सरकार महिलाओं के विकास और उनकी दयनीय स्थिति को देखते हुए भारत सरकार के पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा चलाई जा रही एक ओर योजना इस योजना का शुभारंभ 1 मई 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा किया गया, अतः यह स्वच्छ ईंधन और बेहतर जीवन के नारे के साथ शुरू की गई योजना एक धुंआरहित ग्रामीण भारत की परिकल्पना करती है और यह वर्ष 2019 तक 5 करोड़ परिवारों तथा विशेषकर गरीबी रेखा से नीचे रह रही महिलाओं को रियायती दर पर एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध कराने का लक्ष्य भी रखती है. और इस योजना से महिलाओं में स्वास्थ्य संबंधी विकार जैसे वायु प्रदूषण से राहत एवं वनों की कटाई को रोकने में मदद मिलती है जिससे महिलाओं के स्वास्थ्य के साथ साथ ही पर्यावरण की रक्षा भी होगी यह भारत सरकार द्वारा चलाई गई एक अनूठा कदम है,
- "कौशल्या योजना" - यह कौशल्या योजना राज्य सरकार द्वारा वित्तपोषित योजना है जिसके अंतर्गत रोजगार उन्मुखी राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप महिलाओं हेतु कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालन करना इसका प्रमुख उद्देश्य रहा है जिसका उद्देश्य महिलाओं को गैर-परम्परागत क्षेत्रों में कौशल प्रदान कर महिलाओं की भागीदारी को सुनिश्चित करना है तथा साथ ही महिलाओं की रोजगार अवसर में वृद्धि करना और प्रशिक्षण उपरांत पारिश्रमिक स्तर में मदद करना इसका प्रमुख उद्देश्य है,
आज हमारे समाज में महिलाओं के साथ बढ़ती आक्रामक गतिविधियों और बलात्कार आदि को देखते हुए बलात्कार पीड़िता को सुरक्षात्मक न्याय की योजना के तहत वित्तीय सहायता तथा अन्य सहायक सेवायों की एक योजना को मूर्त रूप दिया गया है। हालांकि बलात्कार से उत्पन्न मानसिक तथा शारीरिक हानि को किसी भी आर्थिक सहायता द्वारा पूरित नहीं किया जा सकता, पर इस योजना का उद्देश्य ऐसी पीड़ितों को मदद देना है ताकि वे अपने सदमे से बाहर आकर अपनी तत्काल एवं लंबे समय की जरूरतों की पूर्ति कर सकें, इसी दिशा में इस योजना का क्रियांवयन वर्ष 1995 में राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा किया गया था, उसके बाद इस मुद्दे पर भारत सरकार के उचित प्राधिकार में विचार किया गया,
अतः सरकार द्वारा महिलाओं के विकास और उनकी सुरक्षा कि दृष्टि से समय समय पर नयी योजनाएं क्रियान्वित की गई है और की जा रही है।