Covid samaapt hone ke baad apane ghar mein hava ko kaise keetaanurahit karen?- COVID समाप्त होने के बाद अपने घर में हवा को कैसे कीटाणुरहित करें?
प्रिया की सासु मां क्वारेनटाइन पीरियड से बाहर आई हैं। उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई है पर घर वालो के मन में संशय अभी भी बना हुआ है।प्रिया अब इस सोच में है कि जिस कमरे में सासु मां रह रही थी उसके अलावा पूरे घर को डिसिंफेक्ट कैसे किया जाए? किस तरह खतरे की घंटी को रोका जाए? प्रिया की तरह हममें से बहुत इसी विषय पर चिंतित हैं। आखिर कैसे घर को किटाणु मुक्त रखा जाए जो कोविड की गंभीर समस्या से हमे दूर रख सके।
कोविड महामारी हमारे जीवन में किसी हाहाकार से कम नहीं है। इसका प्रभाव हमें अपनी जीवन शैली और तौर तरीकों में बदलाव लाने के लिए मजबूर करता है। घर से बाहर निकलने तक से घर के अंदर, हमें नियमों का पालन करना पड़ता है ताकि इसके प्रकोप से हम खुद को और अपने प्रियजनों को सुरक्षित रख सकें। घर को साफ सुथरा एवं इस महामारी की चपेट से दूर रखने के लिए हमें कुछ बिन्दुओं को व्यवहार में लाना आवश्यक है।
आइए इस आर्टिकल के माध्यम से हम जानें कि किस प्रकार घर की आबोहवा को डिसिंफेक्ट यानि कीटाणु मुक्त किया जा सकता है, खासकर तब जब कोरोना से छुटकारा पाकर क्वारेंटाइन पीरियड खत्म हुआ हो।
दोस्तों बाहर निकलते वक्त हम जिस प्रकार सैनिटाइजर, ग्लव्स, मास्क आदि पहन कर निकलते हैं, वैसे ही बाहर से घर में प्रवेश करते वक्त या बीमारी से उबरने के बाद हमें, घर की सफाई का उचित ध्यान रखना चाहिए। हम आपको बताते हैं, किस तरह घर को डिसिंफेक्ट और साफ किया जा सकता है :
अगर घर में कोई बीमारी से उबर चुका है तो मरीज़ के रूम को अच्छे से साफ करना चाहिए। सिर्फ झाड़ू या पोछा मारना पर्याप्त नहीं होगा। कीटाणु नाशक का छिड़काव कमरे के हर हिस्से में करना आवश्यक है।
यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल दिन में हमें कम से कम एक बार घर के सबसे ज्यादा टच्ड एरिया को साफ करना चाहिए। बार बार हाथ लगाने से कीटाणु के मौजूद की संभावना बढ़ सकती है।
दोस्तो, सैनिटाइज करने के लिए हम सोडियम हाइपो क्लोराइट का प्रयोग कर सकते हैं।
झाड़ू की बजाए मॉप का प्रयोग भी श्रेयस्कर है।
सफाई करने से पहले हाथों में ग्लव्स अवश्य पहनना चाहिए।
हमें ये भी खयाल रखना चाहिए कि आंखों पर गॉगल्स या सुरक्षा के लिए चश्मे का प्रयोग हो, ताकि छिड़काव के समय आंखों पर कोई नुकसान न हो।
सफाई करते समय इस बात का ध्यान रखें कि कमरे में वेंटिलेशन अच्छे से हो रहा हो। कहा जाता है, रूम में सुबह शाम कम से कम आधे घंटे खिडकी को खुला छोड़ देना चाहिए। एयर सर्कुलेशन से रूम का माहौल सही रहता है।
केमिकल्स का त्वचा पर सीधा संपर्क नहीं होने देना चाहिए।
वातावरण को शुद्ध करने के लिए जिस कीटाणु नाशक का प्रयोग हो रहा हो, उसपर दिए गए निर्देशों को अवश्य पढ़ना चाहिए। आइसो प्रोपायल अल्कोहल और हाइड्रोजन पेरोक्साइड जैसे प्रोडक्ट्स से घर के कीटाणुओं को दूर भगाया जा सकता है।
दोस्तों आइए अब कुछ सामान्य बिंदुओं पर चर्चा करते हैं जो घर की हवा को शुद्ध करने में सहायक होते हैं। इन्हें न केवल कोरोना जैसी भयावह समस्या में बल्कि प्रदूषण से निपटने में उपयोग में लाया जा सकता है।
हिमालयन पिंक सॉल्ट
हमें महंगे एयर प्यूरीफायर की जगह हिमालयन पिंक सॉल्ट का प्रयोग कर सकते हैं। एक हिमालयन पिंक सॉल्ट लैंप का प्रयोग घर की आबोहवा को बेहतरीन बनाता है।
हाउस प्लांट्स
विभिन्न प्रकार के प्लांट्स को घर में रखना घर के आंतरिक वातावरण को तरोताजा रखता है। खासकर जब कोई घर में फेफड़ों से संबंधित रोग से जूझ रहा हो, तब घर में पौधे लगाना लाभकारी होता है। एक स्टडी के अनुसार, अमोनिया, फॉर्मल डी हाइड और बेंजीन जैसे टॉक्सिंस से दूरी बनाए रखने में हाउस प्लांट्स हमारी सहायता करते हैं। घर की व्यवस्था के अनुरूप हम पौधों का चयन कर सकते हैं। कुछ पौधे कम सनलाइट में भी अच्छे तरीके से बढ़ जाते हैं। हमारे पास पर्याप्त विकल्प मौजूद हैं।
एसेंशियल ऑयल
घर की हवा को शुद्ध रखने के लिए एसेंशियल ऑयल का प्रयोग करना भी लाभकारी है। नींबू, लौंग, टी ट्री, ओरिगेनो संबंधित एसेंशियल ऑयल बैक्टीरिया, मोल्ड, फंगस आदि को दूर रखने में कारगर सिद्ध होते हैं।
एसेंशियल ऑइल्स के मिश्रण घर में रखने से घर कीटाणु मुक्त और हवा को शुद्ध रखने में मदद करता है। एसेंशियल ऑयल्स का प्रयोग हम डिटर्जेंट या साबुन में भी कर सकते हैं, जिससे हवा में ताजगी बनी रहे। हल्के गुनगुने पानी में भी एसेंशियल ऑयल डाल कर हम अपने कमरे में रख सकते हैं।
एक्टिवेटेड चारकोल
एक्टिवेटेड चारकोल को एक्टिवेटेड कार्बन के तौर पर भी जाना जाता है। इसमें किसी प्रकार की गंध नही होती है। ये हवा से टॉक्सिक को निकालने में मदद करता है।इसने एडॉप्टिव प्रॉपर्टीज काफी मात्रा में होती है। इसके साथ साथ बैंबो चारकोल भी हवा प्यूरिफाई करता है।
बीजवैक्स कैंडल्स
बीजवैक्स कैंडल नेचुरल प्यूरीफायर्स होते हैं।उनमें हानिकारक तत्व नहीं होते जो हमारे स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। यह पैराफिन कैंडल्स से बेहतर होते हैं क्योंकि पैरासन कैंडल्स में पेट्रोलियम, बेंजीन संबंधित पदार्थ होते हैं जो कि कैंडल्स के द्वारा हवा में घुस जाते हैं ।
बीजवैक्स कैंडल्स एस्थेमेटिक मरीजों के लिए भी काफी लाभकारी हैं। इनमें कोई भी एलर्जी प्रोडक्ट नहीं होता है। घर के पर्यावरण को शुद्ध करने के लिए इन्हें प्रयोग में लाया जा सकता है। घर का वातावरण शुद्ध रखने के लिए हमें हमेशा ऐसे कैंडल्स प्रयोग करना चाहिए जो कि प्रदूषण को रोक सके।
एयर फिल्टर की सफाई
हमें समय-समय पर एयर फिल्टर को साफ करते रहना चाहिए, क्योंकि इसमें ऐसे पार्टिकल्स बैठ जाते हैं जो सांस लेने पर हमारे स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं। यहां भी हमें सतर्कता बरतनी चाहिए। इन्हें समय पर ना साफ करना स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं होता है।
कुछ महत्वपूर्ण बिंदु :
एक्सपोर्ट सलाह देते हैं कि घर के जिन स्थानों पर हम बार-बार जाते हैं उन्हें साफ करते रहना चाहिए। बाहर से आने के बाद घर के जिन हिस्सों में अक्सर आना-जाना रहता है, उन जगहों को हमें दिन में कम से कम एक बार अवश्य साफ करना चाहिए।
इससे सुरक्षा का दायरा बड़ा रहेगा और वातावरण में कीटाणु कम हावी होंगे। आमतौर पर जिन चीजों को हम बार-बार हाथ लगाते हैं जैसे फोन, डोर बेल, बैग या बाहर से लाया हुआ कोई सामान, हमें रेगुलर इंटरवल्स पर उन्हें सैनिटाइज करते रहना चाहिए।
इसके अलावा हमें छोटी मोटी आदतों पर भी ध्यान देना चाहिए। जैसे कि घर के कारपेट पर बहुत सारे टॉक्सिक हो सकते हैं।उन्हें समय-समय पर साफ करना हमारी जिम्मेदारी होनी चाहिए। घर के दरवाजे और जूते रखने के स्थान को भी हमें साफ करना चाहिए। लिविंग एरिया, बैडरूम,किचन आदि जगहों में जूते उतार के जाना लाभकारी होता है।
हमें यह भी सलाह दी जाती है कि प्रयोग में लाई जाने वाली स्प्रे, सैनिटाइजर,केमिकल इत्यादि की एक्सपायरी डेट अवश्य चेक करनी चाहिए और उन पर लिखे निर्देशों का पालन भी करना चाहिए।
आजकल लापरवाही करना कोरोना जैसी गंभीर समस्या से जूझने के लिए हमें मजबूर कर सकती है। चाहे हमने कोरोना का प्रकोप क्यूं ना झेल लिया हो, पर सचेत रहना हमारी सामाजिक जिम्मेदारी भी है। हम घर और घर के बाहर ढिलाई नही कर सकते हैं।
ज्यादातर परिवारों में कोई ना कोई कोरोना वायरस का शिकार रह चुका है। इसलिए हमें अधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता है, ताकि ये कठिन परिस्थिति किसी और सदस्य के साथ परिवार में ना हो। कोरोना के मरीज को जिस कमरे में रखा गया था उस कमरे की सफाई करते वक्त किसी भी वस्तु को खुले हाथों से छूना तर्कसंगत नहीं होगा हमें पूर्ण रूप से सावधानी बरतनी चाहिए।