My first child is 10 years old Is it ok to go for another or is it too late?| मेरा पहला बच्चा 10 साल का है क्या दूसरे बच्चे के लिए जाना ठीक है या बहुत देर हो चुकी है?

 My first child is 10 years old Is it ok to go for another or is it too late? |मेरा पहला बच्चा 10 साल का है क्या दूसरे बच्चे के लिए जाना ठीक है या बहुत देर हो चुकी है?

My first child is 10 years old Is it ok to go for another or is it too late? |मेरा पहला बच्चा 10 साल का है क्या दूसरे बच्चे के लिए जाना ठीक है या बहुत देर हो चुकी है?_ ichhori.com


शादी के बाद प्रेगनेंसी एक स्त्री के जीवन का सबसे अहम हिस्सा होता है मातृत्व और उससे जुड़े एहसास स्त्री के सबसे महत्वपूर्ण और खूबसूरत लम्हों में से होते हैं, जब शारीरिक बदलाव के साथ साथ मानसिक तौर  पर भी बदलाव शुरू होने लगते हैं अजन्मे बच्चे के प्रति स्नेह प्रेम और ममता की कोंपलें अचानक ही फूट ने लगती है इन सारी सुखद अनुभूति यों के साथ साथ बहुत सी बातों का भी ध्यान रखना पड़ता है, मसलन खान पान, स्वास्थ्य और आने वाले बच्चे के स्वास्थ्य और भविष्य निर्माण के लिए एक रूपरेखा तैयार करना। जिसमें बच्चों के बीच कितने वक्त का अंतराल हो जिससे माँ और बच्चे दोनो के स्वास्थ्य पर कोई दुष्प्रभाव न पड़े

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन यानी WHO का कहना है कि पहले और दूसरे बच्चे के जन्म में कम से कम 24 महीने का अंतर होना बेहद जरूरी होता है. क्योंकि 24 महीनों में महिला की सेहत में पूरी तरह से सुधार आ जाता है. अगर आप 24 महीने से पहले ही दूसरे बच्चे को जन्म देना चाहते हैं तो कम से कम दो बच्चों के जन्म में 18 महीने का अंतर जरूर रखें

वो जो महिलाएं 30 की उम्र में पहले बच्चे को जन्म देती हैं उनके पास इतनी आज़ादी नहीं होती कि वे अपने 2 बच्चों के बीच अच्छा खासा एज गैप रख पाए क्योंकि उनके लिए उनकी बढ़ती उम्र फर्टिलिटी से जुड़ी समस्याएं उत्पन्न कर सकती है। ऐसे में स्वास्थ्य के लिहाज से देखें तो जब तक कोई महिला एक प्रेग्नेंसी और डिलीवरी से पूरी तरह से उबर नहीं जाती उसे दूसरे बच्चे के बारे में बिलकुल नहीं सोचना चाहिए। खासकर तब जब आपके शरीर में आयरन या हीमॉग्लोबिन की कमी हो। क्योंकि भारत मे हर साल हजारों औरतों अनीमिया की वजह से प्रसूति के समय ही दम तोड़ देतीं हैं, बहुत सी स्टडीज में यह बात साबित हो चुकी है कि अगर पहली डिलीवरी के 6 महीने के अंदर महिला दूसरी बार प्रेग्नेंट हो जाती है तो ऐसे बच्चे में जन्म के वक्त वजन कम होना, समय से पहले डिलीवरी का ख़तरा जैसी आशंकाएं बढ़ जाती हैं।

 अक्सर कम अंतराल में गर्भवती होने के कारण हो सकता है कि आपका शरीर अभी पहली प्रेगनेंसी के आफ्टर इफेक्ट से पूरी तरह से उबरा न हो और आप दूसरी बार गर्भवती हो गई हैं तो इस कारण लेबर और डिलीवरी के दौरान होने वाली जटिलताएं और समय से पहले डिलीवरी या प्री-टर्म बर्थ का खतरा अधिक होता है।

जब आप गर्भवती हों उस दौरान अपने पहले बच्चे की देखभाल जो खुद अभी बहुत छोटा है, एक मुश्किल और थकाने वाला काम हो सकता है। खासकर तब जब आपके शरीर में कैल्शियम और आयरन की मात्रा आपकी पिछली प्रेगनेंसी की तुलना में कम हो।

आपको घर में अधिक उपकरणों या सामान की जरूरत हो सकती है क्योंकि आपका पहला बच्चा अभी इतना बड़ा नहीं हुआ कि आप उसका झूला, बिस्तर, प्रैम या गाड़ी अपने दूसरे बच्चे के लिए इस्तेमाल कर पाए।

जब आपके दोनों ही बच्चे छोटे होंगे तो आपका ध्यान और फोकस भी बंटा रहेगा और जब आपके पास 2 साल से भी कम उम्र के दो बच्चे हों तो दोनों बच्चों के साथ एक समान मातृ-शिशु संबंध बनाना चुनौती पूर्ण हो सकता है।इसलिए दूसरे बच्चे के बारे में तभी सोचें जब आप शारीरिक ,मानसिक और आर्थिक रूप से पूरी तरह तैयार हों कि आप अपने पहले बच्चे और खुद का ख्याल रखते हुए दूसरे बच्चे की भी उचित देखभाल कर लेगी और आर्थिक रूप से भी औचक परिस्थितियों के लिए तैयार रहेंगी

हालांकि कई बार ये भी देखने में आता है कि अगर 2 बच्चों के बीच उम्र का ज्यादा अंतर हो यानी 5-6 साल से ज्यादा का गैप हो तो दोनों बच्चों के बीच नज़दीकियों में कमी देखने को मिलती है। कई बार बड़े बच्चे को लगता है कि छोटे भाई या बहन के घर में आने से उसका प्यार कम हो जाएगा या घर में उसका महत्व कम हो जाएगा और इसलिए वह आने वाले बच्चे के प्रति नाराज़गी या ना खुशी भी दिखाता है। कभी कभी उसका व्यवहार आक्रामक हो सकता है, ईर्ष्या की भावना उसके मन मे घर कर जाती है, अभी वो ये स्वीकार करने की स्थिति में नहीं होता कि कोई उसे प्यार न करके उसके छोटे भाई बहन पर प्यार लुटाने में असहजता और असुरक्षा की भावना घर कर जाती है

 इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए बेहतर यही होगा कि आप पहली प्रेग्नेंसी के बाद दूसरे बच्चे की प्लानिंग करने से पहले कम से कम 6 महीने से लेकर 1 साल तक इंतजार करें। ऐसा करने से आप दूसरे बच्चे को भी हेल्दी लाइफ दे पाएंगी और आपके अपने शरीर को भी पहली प्रेग्नेंसी और डिलीवरी से उबरने का पूरा वक्त मिल जाएगा।

अगर स्वास्थ्य कारणों से पहले बच्चे के बाद प्रेग्नेंसी में दिक्कत आ रही है या कामकाजी महिलाओं के लिए पहले बच्चे के बाद दूसरे बच्चे के लिए समय ही नहीं मिल रहा है जब तक कि आपका पहला बच्चा 10 साल का हो जाए तब आपको लगता है कि आपको दूसरे बच्चे की ज़रूरत है या आप शारीरिक  और आर्थिक रूप से इसके लिए तैयार है, पर मन मे ये संदेह है कि 10 साल बाद दूसरे बच्चे के लिए सोचना कैसा है तो

बिल्कुल भी परेशान होने की ज़रूरत नहीं है आप आराम से दूसरे बच्चे की तैयारी कर सकती हैं तब तक आपका पहला बच्चा भी काफी हद तक समझदार और आत्मनिर्भर हो चुका होता है कि वो परिस्थितियों को समझ सके और अपने बहुत सारे काम वो खुद कर सकता है जैसे होम वर्क, नहाना, खाना, खेलना वगैरह तो आपको उसके बारे में ज़्यादा परेशान होने और फ़िक्र करने की ज़रूरत नहीं होगी, पहले बच्चे के प्रोम और खिलौने वगैरह की पूरी तैयारी आपके पास होगी और आप शारीरिक रूप से भी सक्षम होगी माँ बनने के लिए।

अब स्वास्थ्य विभाग ने भी ये माना है कि पहला बच्चा शादी के तीन साल बाद और दूसरा तब हो जब पहला दस साल का हो जाए। ये  फैमिली प्लानिंग का नया फार्मूला जो यूपी को जनसंख्या विस्फोट से बचाने के लिए तैयार किया गया है और इस पर काम भी चल रहा है इस तरह माँ और आने वाले बच्चे की हर ज़रूरत और पोषण का भी ख्याल रखा जा सकता है प्रसव में होने वाली परेशानियों को नियंत्रित किया जा सकता है और पहले बच्चे के भविष्य और स्वास्थ्य का भी ख्याल रखा जा सकता है

यह ठीक है कि पहले दस साल या लगभग दस साल की उम्र के बाद दूसरा बच्चा हो सकता है, लेकिन उसके बाद परिवार का यह निर्णय होता है कि अब दूसरा बच्चा हो, क्योंकि प्रत्येक और हर दंपति अलग-अलग सोच रखते हैं और अलग-अलग आर्थिक स्थिति रखते हैं। हालांकि, यह एक दूसरे बच्चे के लिए अत्यधिक अनुशंसित है केवल तभी जब मां इसके लिए तैयार हो क्योंकि अंत में यह वह है जो जन्म देने वाला है और कोई नहीं।

लेकिन जब आपके पास दूसरा बच्चा हो, तो सुनिश्चित करें कि आपका पूरा परिवार और पहला बच्चा उसका स्वागत करने के लिए तैयार है क्योंकि दूसरा बच्चा पैदा होते ही ध्यान बट जाएगा। और एक ही समय में माता और पिता दोनों बच्चों को संभालना मुश्किल हो सकता है।

 



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