What is Teen Depression? | किशोर अवसाद क्या है

What is Teen Depression? | किशोर अवसाद क्या है



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बढ़ती उम्र और बढ़ता तनाव व्यक्ति के स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक होता है जिस कारण व्यक्ति का विवेक असंतुलित रहता है और वह अनेक बीमारियों के शिकार हो जाते है क्योंकि वर्तमान समय में बढ़ती तकनीकी शिक्षा और अविष्कार आमलोगों के विकास में जहां लाभदायक है वहीं इसके अनेक दुष्प्रभाव भी है क्योंकि आधुनिकता की चकाचौंध में व्यक्ति काम की व्यस्तता से अधिक तनाव में रहता है और खुद को बेहतर साबित करने की कोशिश में अपने स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करता है और अपने मस्तिष्क पर अनावश्यक दबाव डालता है जिस कारण व्यक्ति आज वर्तमान में डिप्रेशन जैसी बीमारियों के चपेट में
आ जाता है,
    हालांकि आज देश में हजारों की संख्या में व्यक्ति किसी न किसी कारण से तनावग्रस्त रहता है वो चाहे घर गृहस्थी संभालने वाली महिला हो या ऑफिस में काम करने वाले पुरूष हो या पुलिस की भर्ती पहनने वाले पुलिसकर्मी हो या भगवान की उपाधि प्राप्त डॉक्टर सभी अपने काम को लेकर तो बाहरी परेशानी के कारण तनावग्रस्त रहते हैं और अपने जीवन के साथ खिलवाड़ करते हैं जहां डाक्टरों की सलाह व्यक्ति को ज्यादा से ज्यादा तनावमुक्त रखने की होती है वहीं आज डॉक्टर कोरोनावायरस जैसी महामारी के कारण अत्यंत तनावग्रस्त रहते हैं इसलिए कहते है तनाव व्यक्ति को अंदर से खोखला बना देता है और उसके जीवन को पूरी तरह से नश्वर,
    इसलिए कहते हैं हर परिस्थिति में खुद को मजबूत रखो चाहे वो महिला हो या पुरुष तनाव हर व्यक्ति के जीवन में समान प्रभाव डालता है लेकिन हर बीमारी का कारण अलग अलग होता है और हर बीमारी जानलेवा हो यह जरूरी भी नहीं इसलिए आवश्यकता है सावधानी रखने की और सावधान रहने की क्योंकि जिस प्रकार परेशानी बताकर नहीं आती उसी प्रकार बीमारी दरवाजा खोलकर नहीं आती,
     जीवन है तो तनावग्रस्त होना व्यक्ति का स्वभाव जो परिस्थिति अनुसार बदलता रहता है पर वर्तमान में डिप्रेशन जैसी बीमारी अपने पंख पसार रही है जिसके कारण बहुत गंभीर है क्योंकि आमतौर पर देखा गया है कि अवसाद में आत्महत्या जैसे केसों की संख्या अधिक सामने आई है,
    
इसलिए सबसे पहले यह जानना अति आवश्यक है कि अवसाद क्या है और यह किस प्रकार किशोर को प्रभावित करता है और किस वजह से किशोर को अवसाद जैसी बीमारी का शिकार होना पड़ता है क्योंकि हर बीमारी का कारण अवश्य होता है चाहे वो वंशानुगत हो या आनुवंशिक,
     इसलिए सबसे पहले यह जानना अति आवश्यक है कि

अवसाद क्या है - अवसाद एक मानसिक बीमारी है या एक ऐसा विकार है जो लंबे समय तक नाखुश या चिड़चिड़ापन के कारण अत्यंत प्रभावशाली हो जाता है और
जिसमें दैहिक और हानिकारक संकेतों या लक्षणों जैसे थकान,उदासीनता, नींद की समस्या, भूख न लगना इत्यादि शामिल हैं,
और जिसमे किशोर अवसाद एक कमजोरी नहीं है न ही ऐसा कुछ जिसे अपनी इच्छाशक्ति से दूर किया जा सकता है बल्कि यह अधिक घातक बीमारी है साथ ही इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं और इस कारण इसके लिए दीर्घकालिक उपचार की आवश्यकता होती है। और अधिकांश किशोरों के लिए अवसाद के लक्षण दवा और मनोवैज्ञानिक परामर्श जैसे उपचार से कम हो जाते हैं पर हर बीमारी का इलाज संभव हो ऐसा भी जरूरी नहीं होता इसलिए सावधानी बरतना आवश्यक है
लेकिन सर्वप्रथम यह जानना आवश्यक है कि अवसाद के क्या कारण हो सकते हैं तो अनुमानित विवरणों के अनुसार किशोर अवसाद के संकेतों और लक्षणों में किशोरी के पिछले रवैये और व्यवहार में बदलाव शामिल है जो स्कूल या घर पर,सामाजिक गतिविधियों में, या जीवन के अन्य क्षेत्रों में महत्वपूर्ण संकट और समस्याएं पैदा कर सकता है, साथ ही कभी कभी परिणाम इतने घातक होते हैं कि व्यक्ति की जान भी चली जाती है हालांकि अवसाद के लक्षण गंभीरता में भिन्न हो सकते हैं लेकिन किशोरों की भावनाओं और व्यवहार में परिवर्तन आने के निम्मलिखित कारण हो सकते हैं उदाहरण -

भावनात्मक परिवर्तन -

व्यक्ति का स्वभाव बड़ा चंचल प्रवृत्ति का होता है जहां भावनाओ में बहकर व्यक्ति अक्सर कठिन फैसला ले लेता है तो कभी कभी भावनाओं में बहकर गलत फैसला जिसके कारण वह हमेशा उलझा उलझा सा रहता है और यही कारण है कि यही तनाव और अवसाद  व्यक्ति के स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव छोड़ देते है इसलिए सलाह दी जाती है कि भावनात्मक परिवर्तनों के प्रति सतर्कता बरतें और यदि आपके भीतर  उदासी की भावना या छोटी-छोटी बातों पर भी निराशा या क्रोध की भावना जागृत हो और खुद को निराशाजनक या खाली महसूस करने लगो और स्वभाव चिड़चिड़ा तथा सामान्य गतिविधियों में रुचि या आनंद की हानि होने लगे,
कम आत्म सम्मान की भावना विकसित हो और मन में
बेकार या अपराधबोध की भावना पैदा हो तथा
पिछली विफलताओं या अतिरंजित आत्म-दोष या
स्वीकृति या विफलता के प्रति अत्यधिक संवेदनशीलता, और अत्यधिक आश्वासन की आवश्यकता सोचने, ध्यान केंद्रित करने, निर्णय लेने और चीजों को याद रखने में परेशानी इत्यादि परिवर्तन होने लगे और कभी कभी
मृत्यु या आत्महत्या के बार-बार विचार आना आदि कारण भावनात्मक परिवर्तन में शामिल हैं जो अवसाद के कारण हो सकते हैं,


2. व्यवहार परिवर्तन - व्यक्ति के विकास के लिए न केवल शारीरिक क्षमता और योग्यता की आवश्यकता नहीं होती वरन वह मानसिक रूप से भी स्वस्थ हो और व्यवहार में नम्रता भी अतिआवश्यक है क्योंकि व्यक्ति का व्यक्तित्व उसके भविष्य की नींव को मजबूत बनाता है और उसके जीवन को बेहतर और यदि किसी कारण या समस्या से व्यक्ति के व्यवहार में परिवर्तन आने लगे तो वह अवसाद डिप्रेशन जैसी बीमारियों से ग्रस्त हो सकता है और व्यवहार परिवर्तन के निम्मलिखित कारण है जैसे -
सर्वप्रथम थकान और ऊर्जा की हानि कभी कभी अनिद्रा या बहुत अधिक सोना भूख में परिवर्तन  जैसे भूख में कमी और वजन कम होना या भोजन और वजन बढ़ाने की इच्छा में वृद्धि
शराब या नशीली दवाओं का प्रयोग धीमी सोच, बोलना या  शरीर में दर्द और सिरदर्द की बार-बार शिकायतें, सामाजिक अलगाव
स्कूल का खराब प्रदर्शन या स्कूल से बार-बार अनुपस्थित होना आदि परिवर्तन शामिल है,

हालांकि स्पष्ट कारण ज्ञात नहीं है फिर भी कुछ कारण ऐसे हैं जो बताते हैं कि अवसाद का कारण क्या है

1. मस्तिष्क रसायन शास्त्र - न्यूरोट्रांसमीटर स्वाभाविक रूप से मस्तिष्क के रसायन होते हैं जो हमारे मस्तिष्क
और शरीर के अन्य हिस्सों में सिग्नल ले जाते हैं और जब ये रसायन असामान्य या खराब होते हैं, तो तंत्रिका रिसेप्टर्स और तंत्रिका तंत्र का कार्य बदल जाता है जिस कारण हम अवसाद के शिकार हो जाते है

2. हार्मोन - यह भी अवसाद होने का महत्वपूर्ण कारण हो सकता है क्योंकि शरीर के हार्मोन के संतुलन में परिवर्तन अवसाद पैदा करने में शामिल हो सकता है,

3. विरासत के लक्षण - अक्सर अवसाद उन लोगों में अधिक आम है जिनको रक्त संबंधी- जैसे माता-पिता या
दादा-दादी को भी यह स्थिति होती हो

4. बचपन का आघात - अक्सर बचपन के दौरान हुई दर्दनाक घटनाएँ, जैसे शारीरिक या भावनात्मक शोषण, या माता-पिता की मृत्यु, मस्तिष्क में हानिकारक परिवर्तन का कारण बन सकती हैं जो व्यक्ति को डिप्रेशन में डाल सकती है,

5.शराब, निकोटीन या अन्य नशीले पदार्थों का सेवन या कभी कभी पारिवारिक इतिहास या यूं कहूं परिवार में चल रहे तनाव या अन्य लोगों के साथ कोई परेशानी या समस्याएं भी किशोर के अवसाद का कारण बन
सकती हैं जैसे  माता-पिता, दादा-दादी या अन्य रक्त संबंधी अवसाद,
द्विध्रुवी विकार या शराब के उपयोग की समस्याओं के
साथ होने के कारण परिवार के किसी सदस्य का होना जो आत्महत्या से मर गया एक बेकार परिवार और पारिवारिक संघर्ष होना
•या फिर कुछ ऐसा जिसका प्रभाव सीधे आपके जीवन पर पड़ा हो जैसे माता-पिता का तलाक, माता-पिता की
सैन्य सेवा या किसी प्रियजन की मृत्यु इत्यादि कारण किशोर अवसाद के कारण हो सकते हैं,
जिस प्रकार हर समस्या का समाधान होता है उसी प्रकार हर बीमारी का इलाज होता है या तो उसके दुष्प्रभाव को रोकने के उपाय, बस फर्क इतना है हम उनका किस तरह उपयोग करते हैं माना इस बीमारी के ठीक होने का अनुमान नहीं होता पर इसको काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता इसके लिए आवश्यक है आप डॉक्टर की सलाह लें लापरवाही नहीं बरते और अपने चिकित्सक इलाज को नियमानुसार फोलो करें और तनावमुक्त रहने की कोशिश करें क्योंकि अवसाद की जड़ तनाव है और इसका इलाज तनावमुक्त जीवन।



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