महिलाओं में ऐसी 10 आश्चर्यजनक चीजें जो उनके हड्डियों के स्वास्थ्य को प्रभावित करती है

 10 surprising things in women that affect their bone healthमहिलाओं में ऐसी 10 आश्चर्यजनक चीजें जो उनके हड्डियों के स्वास्थ्य को प्रभावित करती है


10 surprising things in women that affect their bone healthमहिलाओं में ऐसी 10 आश्चर्यजनक चीजें जो उनके हड्डियों के स्वास्थ्य को प्रभावित करती है_ ichhori.com

स्त्री जो घर की गृह लक्ष्मी होती है जोकि परिवार की जिम्मेदारियों में बंधी बच्चों की देखभाल से लेकर बड़ों की सेवा तक घर की चारदीवारी में कैद बच्चे और हर परिवार के सदस्यों की सेहत का ध्यान रखते रखते खुद की सेहत का ध्यान रखना भूल जाती है और पोषक आहार कैल्शियम की कमी के कारण उनकी हड्डियां कमजोर हो जाती है और शीघ्र ही उनका शरीर अपनी प्रतिरोधक क्षमता को खो देता है जिसका अनुमान उनको वृद्धावस्था में चलता है,

        इसलिए तो कहते हैं पहला सुख निरोगी काया

स्वास्थ्य ठीक है तो आप स्वस्थ और आपका तन स्वस्थ आपमे  काम करने की फुर्ती और हड्डियां मजबूत तथा प्रतिरोधक क्षमता अधिक जिससे आपको बीमारियों से लडने में सहायता मिलती है और बिशेषज्ञ के अनुसार महिलाओं को अपने स्वास्थ्य का अधिक ध्यान रखना होता है क्योंकि वह संतान को नवजीवन प्रदान करती है, जीवन तभी सुंदर है जब तक आप स्वस्थ हो और बिशेषकर महिलाएं क्योंकि पुरूष हो या बच्चे या बूढ़े उनकी पूरी दिनचर्या गृहणी के इर्द गिर्द घूमती रहती है हर वक्त उनकी चीजों का खाने का ध्यान वही रखती है और ऐसे में जब वह स्वयं अपना ध्यान नहीं रखेगी तो कैसे काम चलेगा, सामान्यत यह सभी जानते हैं कि  कैल्शियम हड्डियों के लिए अच्छा होता है लेकिन इसके साथ ही कुछ अन्य चीजें हैं जो महिलाएं में हड्डियों के स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकती हैं क्योंकि महिलाओं के कंकाल पुरुषों की तुलना में छोटे होते है और गर्भावस्था, स्तनपान और रजोनिवृत्ति यह सभी हड्डियों के घनत्व को प्रभावित करते हैं साथ ही हमारी जीवनशैली आहार, कुछ दवाएं और स्वास्थ्य स्थितियां भी हड्डियों के स्वास्थ्य में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है सही मायनों में देखा जाए तो महिलाओं की हड्डियों को तोड़ा जा रहा है और उन्हें  एक बोन टर्नओवर नामक प्रक्रिया में लगातार स्थापित किया जा रहा है इसलिए सबसे  जरूरी है कि आप अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें क्योंकि 10 ऐसी आश्चर्यजनक चीजें हैं जो आपकी हड्डियों के स्वास्थ्य को प्रभावित करती है उनमें सर्वप्रथम

1. शारीरिक गतिविधि -  चलना, नियमित व्यायाम  हड्डियों के घनत्व को बनाए रखने और सुधारने में  महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं

और खासतौर पर महिलाओं को वेट बेयरिंग एक्सरसाइज करने की सलाह दी जाती है और इसका अर्थ है कि अपने वजन को वहन करते हुए अपने शरीर को हिलाना और  ब्रिस्क वॉकिंग, डांसिंग या स्किपिंग इनके बेहतरीन उदाहरण हैं जिनसे आप हर दिन अपने शरीर को हिला सकती है जिससे आपका ब्लड सर्कुलेशन चलता रहे क्योंक अक्सर सर्दियों में खून जम जाता है और शरीर में दर्द की संभावना होने लगती है और गठिया रोग वाली महिलाओं को यह समस्या अधिक प्रभावित करती है इसलिए ज्यादा देर बैठना उनकी हड्डियों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है,

2. युवावस्था - मानव के शरीर की चार अवस्थाएं होती है

बाल्यावस्था शैशवास्था युवावस्था और वृद्धावस्था तथा हर इंसान में यौवन के दौरान शरीर में कुछ बदलाव आना स्वाभाविक है लेकिन मस्तिष्क को समायोजित होने में समय लगता है क्योंकि व्यक्ति के सोचने समझने की क्षमता तीव्र होती है तथा  न केवल उनके अंग बड़े और मजबूत होंगे बल्कि उनकी हड्डियों की मोटाई भी बढ़ती है और किशोरावस्था के दौरान व्यक्ति की हड्डियों का लगभग आधा हिस्सा जमा हो जाता है और इस समय पुरुष हो या महिला हर किसी इंसान को हड्डियों के विकास के लिए कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए

3. गर्भावस्था और स्तनपान -

महिलाएं संतान को नवजीवन प्रदान करती है इसलिए उनमें कैल्शियम और सभी पोषक आहार की पर्याप्त मात्रा होनी चाहिए क्योंकि नवजात बच्चे को बहुत अधिक कैल्शियम की आवश्यकता होती है  और जब माँ को पर्याप्त कैल्शियम नहीं मिलता है, तो उसका बच्चा माँ की हड्डियों से कैल्शियम लेने लगता है जिसका सीधा असर महिलाओं की हड्डियों पर पड़ता है हालांकि गर्भावस्था के दौरान शरीर हड्डियों की सुरक्षा के लिए बदलाव करता है और आप अन्य महिलाओं की तुलना में भोजन से कैल्शियम को अवशोषित करने में सक्षम होंगी जो गर्भवती नहीं है तथा अधिक एस्ट्रोजन का उत्पादन करेंगी जो हड्डियों की रक्षा करने में मदद करता है

तथा आपको  गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान अपनी हड्डियों के विकास के लिए  प्रत्येक दिन कम से कम दो से तीन बार डेयरी उत्पादों या उच्च कैल्शियम खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए क्योंकि कैल्शियम आपके नवजात बच्चे की हड्डियों के विकास के लिए भी महत्वपूर्ण है और यह इसीलिए भी महत्वपूर्ण है जब आप स्तनपान करा रही हैं, तो आप उच्च कैल्शियम वाले खाद्य पदार्थों के साथ एक स्वस्थ, विविध आहार लेना चाहिए क्योंकि यह आपके स्तन के दूध को पोषक तत्व बनाने में मदद करेगा क्योंकि दूध पिलाने के दौरान हड्डियों को नुकसान हो सकता है जो कि बच्चे की कैल्शियम की बढ़ती जरूरत के कारण होता है,

4.रजोनिवृत्ति - यह भी महिलाओं के हड्डियों के स्वास्थ्य को प्रभावित करने का महत्वपूर्ण तत्व है क्योंकि रजोनिवृत्ति केवल मासिक धर्म के रुकने तक नही है बल्कि शरीर में कई परिवर्तनों के कारण रजोनिवृत्ति तब होती है जब एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन का उत्पादन धीमा होने लगता है, जो महिलाओं की हड्डियों के स्वास्थ्य को प्रभावित करता है क्योंकि एस्ट्रोज हड्डियों के स्वास्थ्य में एक भूमिका निभाता है और रजोनिवृत्ति के दौरान आपके एस्ट्रोजन का स्तर तेजी से कम हो जाता है जिसके कारण हड्डियां कैल्शियम और अन्य खनिजों को बहुत तेज दर से खो देती है

5. धूम्रपान और शराब -

सभी को ज्ञात है और बिशेषज्ञो का कहना है कि लंबे समय तक धूम्रपान करने से हड्डियों के घनत्व में उल्लेखनीय कमी आ जाती है जिससे फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है और यदि आप महिला है तो आप अन्य महिला की तुलना में डेढ़ साल पहले रजोनिवृत्ति हो सकती है, और इससे ऑस्टियोपोरोसिस के विकास का जोखिम सबसे पहले बढ़ जाता है

और बार-बार और नियमित रूप से उच्च शराब का सेवन मांसपेशियों और हड्डियों को नुकसान पहुंचाने के साथ साथ स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव डालता है,

6. बुढ़ापा -

     बुढापा एक ऐसी अवस्था है जहां आपकी हड्डिया कमजोर होने लगती है और हमारे कार्य करने की क्षमता कम और थकान अधिक होने लगती है और यह स्वाभाविक भी है क्योंकि पहले जैसे खाघ पदार्थ और पर्याप्त तत्व आज वर्तमान में उपलब्ध नहीं है न ही शरीर में कैल्शियम और विटामिन डी की भरपूर मात्रा जिसके कारण धीरे धीरे जैसी हमारी उम्र बढ़ती है हड्डियों में सुकडापन या कमजोर होने लगती है क्योंकि आज भाग-दौड़ भरी जिंदगी में किसी के पास अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने तक का समय नहीं है जिसका प्रभाव किशोरावस्था में नहीं बल्कि वृद्धावस्था में दिखाई देता है जब  हम माईथेनिया ग्रेविस जैसी बीमारियों के शिकार हो जाते हैं,

7. आहार और विटामिन -

  स्वस्थ आहार और स्वस्थ वजन को बनाए रखने स्वस्थ हड्डियों को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं इसलिए बिशेषज्ञ कहते है  सिर्फ कैल्शियम और डेयरी खाई पदार्थों को नहीं बल्कि सभी खाद्य समूहों के भोजन को शामिल करना चाहिए, लेकिन एक सवाल यह भी उपस्थित होता है कि हमारे शरीर को कितनी कैल्शियम की आवश्यकता होती है और आखिर क्यो  हम रोजाना भोजन करते हैं व्यायाम करते हैं और अपनी सेहत का भी ध्यान रखते हैं फिर भी ऐसा इसलिए क्योंकि हमारे भोज्य पदार्थों मैं वो शुद्धता वो तत्व नहीं है जिनसे हमारे शरीर को पोषक आहार की प्राप्ति हो,

8. थायराइड की समस्या -

अधिकतर पुरुषों की तुलना में महिलाओं में थायराइड की समस्या अधिक आम है और बिशेषज्ञ कहते हैं कि थायराइड हार्मोन की उच्च सांद्रता हड्डी के गठन की तुलना में अधिक हड्डी टूटने का कारण बन सकती है, जो हड्डियों के घनत्व को प्रभावित करती है और ऑस्टियोपोरोसिस का कारण बन जाती है और इसके इलाज के जो दवाईयां  जैसे कि ओरोक्सिन और यूट्रोक्सिग हड्डियों के स्वास्थ्य पर भी प्रभाव डालती हैं यह भी एक कारण है जो महिलाओं के हड्डियों के स्वास्थ्य को प्रभावित करता है,

9 दवा और उपचार -  अधिकतर हमारे शरीर में जो समस्याएं उत्पन्न होती है उसका कारण हमारा असंतुलित आहार हो जरूरी नहीं क्योंकि कभी कभी हमारे इलाज के लिए जो दवाईयां चलायी जाती है वो भी हमारे हड्डियों के स्वास्थ्य को प्रभावित करती है जैसे स्तन कैंसर प्रोस्टेट कैंसर, मिर्गी या एंटीडिप्रेसेंट दवाएं या लंबे समय तक कॉर्टिकोस्टेरॉइड थेरेपी का प्रयोग, हड्डियों के निर्माण और घनत्व को कम कर सकता है इसलिए अपने डॉक्टर से संपर्क करने के पश्चात ही कोई दवाई ले और छोड़ें क्योंकि कितनी बार हमारी लापरवाही हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो जाती है,

10. आपका विटामिन डी स्तर - आज अधिकतर लोगों की मसल्स कमजोर होने के कारण अधिक बढ़ रहे हैं क्योंकि हमारे शरीर को जितनी विटामिन डी की आवश्यकता है वह इसका पोषण नहीं कर पा रही हे जिसके कारण हमारे शरीर की हड्डियां कमजोर होती जा रही है यह भी एक कारण है जो हड्डियों के स्वास्थ्य को प्रभावित करता है, इत्यादि कारण है जो अधिकांश महिलाओं के हड्डियों के स्वास्थ्य को प्रभावित करती है क्योंकि घर की जिम्मेदारी और काम का दबाव का सीधा असर उनके स्वास्थ्य पर जल्द ही दिखाई देने लगता है और उसका आभास उनको वृद्धावस्था में चलता है जहां सिर्फ उनका शरीर एक पार्थिव शरीर की तरह रह जाता है।











 

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