What are the symptoms of Menopause?| मोनोपॉज के लक्षण क्या है-
महिलाओं को जन्म से लेकर अंतिम समय तक कई सारे शारीरिक और मानसिक बदलाव से गुजरना होता है |पहली बार मासिक धर्म हो या फिर प्रेगनेंसी पीसीओडी की प्रॉब्लम है या पीओसी की |सभी तकलीफे शरीर के साथ-साथ मानसिक रूप से भी परेशान करती है| मगर सबसे ज्यादा तकलीफदेह समय मोनोपॉज का है|
मोनोपॉज वह समय होता है जब मासिक धर्म अपने अंतिम चरण में होते हैं |यदि आपके पीरियड्स यानी कि मासिक धर्म गत 12 महीने से नहीं हुए तो आप मोनोपॉज की स्तिथि मे पहुंच गए हैं| यह स्थिति अनुमानित रूप से 43 से 50 साल की महिलाओ मे होती है| हर महिला के लिए यह समय अलग अलग हो सकता है और इसके लक्षण भी अलग-अलग हो सकते हैं|
मोनोपॉज 3 चरण में होता है
* पेरिमेनोपॉज
* मोनोपॉज
* पोस्ट मोनोपॉज
महिला के शरीर में जब एस्ट्रोजन का स्तर कम होने लगता है ,तो यह मोनोपॉज का शुरुआती लक्षण माना जाता है |ऐसा आमतौर पर मोनोपॉज के शुरू होने के 3 से 5 साल पहले होता है |इसे प्रिमोनोपॉज पीरियड या पेरिमेनोपॉज भी कहा जाता है |कई बार लोग मोनोपॉज और पेरिमेनोपॉज पीरियड में कंफ्यूज हो जाते हैं |मोनोपॉज कभी भी अचानक से नहीं होता है धीरे-धीरे उस स्थिति में पहुंचने का जो समय होता है उस स्थिति को पेरिमेनोपॉज कहते हैं |पेरिमेनोपॉज पीरियड के सबसे आम लक्षण हॉट प्लेश ,रात में पसीना आना और योनि में सूखापन है |इसके अलावा किसी महिलाओं को स्तन में कोमलता, अत्यधिक हैवी या अत्यधिक हल्के पीरियड्स ,आंखों और मुंह पर थकान ,इसके अलावा प्रीमेंस्ट्रूअल सिंड्रोम का भी सामना करना पड़ता है|
किसी किसी महिलाओं को मोनोपॉज होने के 4 साल पहले यह लक्षण दिखाई देते हैं ,तो किसी किसी को 1 साल पहले ही उसके लक्षण नजर आते हैं और किसी किसी को तो पेरिमोनोपोज के लक्षण नजर ही नहीं आते हैं| सीधे मोनोपॉज होता है| इन लक्षणों का दिखना महिला की शारीरिक स्थिति पर निर्भर करता है |क्योंकि मोनोपॉज आने के पहले शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन का निष्कासन धीरे-धीरे कम होने लगता है |यही हार्मोन पीरियड को रेगुलर करने में और प्रेगनेंसी कंसीव करने में मदद करते हैं| मगर जैसे-जैसे इनका बनना कम होता है महिलाओं के पीरियड आने बंद हो जाते हैं और वे प्रेगनेंसी कंसीव नहीं कर पाती है| इस ड्यूरेशन में कई बार महिलाओं को अनियमित पीरियड का सामना भी करना पड़ता है|
जैसे-जैसे मोनोपॉज पीरियड करीब आता है पेरिमेनोपॉज के सिम्टम्स कम होने लगते हैं ,मगर यदि समय के साथ पेरिमेनोपॉज के सिम्टम्स कम ना हो और यह रोजमर्रा की लाइफ को प्रभावित कर रहे हैं तो आप अपने डॉक्टर की सलाह जरूर ले क्योंकि इनका इलाज संभव है| डॉक्टर हार्मोन थेरेपी के जरिए इस स्थिति को सुधार सकते हैं|
मोनोपॉज- पेरिमेनोपॉज के दौरान जहां पीरियड्स की अनियमितता का सामना करना पड़ता है ,वहीं मोनोपॉज के बाद पीरियड नही आते है| यह वह स्तिथि है जब महिलाएं गर्भवती नहीं हो सकती हैं| क्योंकि महिलाओं के फॉलिकल्स के कारण अंडाशय से एग रिलीज होते है ,मगर फॉलिकल्स कि जब मात्रा कम होने लगती है तो मासिक धर्म अनियमित होने लगता है और जैसे-जैसे फॉलिकल्स का विकास खत्म हो जाता है पीरियड्स आने बंद हो जाते हैं|
मोनोपॉज के लक्षण- मोनोपॉज के सबसे आम लक्षणों में शरीर में हर वक्त गर्माहट रहने के साथ-साथ हॉट फ्लेश का अनुभव होना, वैजाइना में सूखापन और दर्द रहना ,नींद ना आने की प्रॉब्लम होना, यूरिनरी ट्रैक्ट इनफेक्शन के साथ बार बार यूरिन पास करने की इच्छा होना ,अचानक से मेटाबॉलिज्म कम होने के कारण वजन बढ़ना ,डिप्रेशन ,बालों और त्वचा की कई सारी परेशानियां सामने आने लगती हैं |इसके अलावा सबसे ज्यादा प्रॉब्लम शरीर में कैल्शियम की कमी होता है| कैल्शियम की कमी के कारण हड्डियां कमजोर हो जाती है और महिलाओं को ओस्टियोपोरोसिस की प्रॉब्लम हो जाती है| इस कारण कई बार अचानक से फ्रैक्चर हो जाने का खतरा भी बढ़ जाता है| इसके अलावा पीरियड के दौरान बनने वाले एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन दोनों तरह के हार्मोन महिलाओं की सेहत के लिए बहुत जरूरी माने जाते हैं| मोनोपॉज के दौरान इन हार्मोन का बनना बंद हो जाता है| इससे महिलाओं में हाई बीपी और हार्ट संबंधित परेशानियां भी आ सकती है|
मोनोपॉज और प्रीमोनोपॉज के लक्षण 4 से 5 सालों तक चलते हैं |इस दौरान कभी महावारी आती है और कभी नहीं |मगर मोनोपॉज वह स्थिति होती है जब आप की अंतिम महावारी की अवधि 12 महीने को पार नहीं कर जाती है |यदि लगातार 12 महीने तक पीरियड ना आए तो यह स्थिति मोनोपॉज कहलाती हैं|
पोस्ट मोनोपॉज- मोनोपॉज की स्थिति आने के बाद भी कई बार पोस्टमेनोपजल लक्षण कई वर्षों तक रह सकते हैं |इसमें सबसे खास लक्षण जिनका लगभग हर महिला को सामना करना पड़ता है वह तेजी से वजन बढ़ना ,सर दर्द, दिल की धड़कने बड़ रहना बालों का झड़ना, मांसपेशियों और जोड़ों का दर्द| यह सब आपको लंबे समय तक परेशान कर सकते हैं इस दौरान हॉट फ्लैशेस की प्रॉब्लम सबसे ज्यादा होती है|
मोनोपॉज के दौरान आने वाली परेशानी से कैसे निपटे-
लगभग हर महिला की जिंदगी में मोनोपॉज की प्रॉब्लम आती है| इस समस्या के दौरान महिला को कई सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है| वजन बढ़ने से लेकर मूड स्विंग तक महिला पूरी तरह से परेशान रहती है| ऐसे में यह लक्षण महिलाओं की जिंदगी को पूरी तरह से प्रभावित करते हैं| वह पारिवारिक और मानसिक रूप से कुछ भी कर पाने में खुद को असक्षम महसूस करती हैं |
यदि आपका भी मोनोपॉज का समय आ गया है तो आप कुछ सावधानी रखकर अपने इस समय के बुरे अनुभव को कुछ अच्छे अनुभव में बदल सकती हैं|
1- खानपान की आदत बदले- वैसे तो सभी यह मानते हैं कि बढ़ती उम्र के साथ हमें हमारी खानपान की आदतों में जरूरी बदलाव करना अनिवार्य होता है| मगर मोनोपॉज वह समय होता है जब हमें अनिवार्य रूप से हमारी खानपान की आदत को बदलना होता है| इस दौरान हमारा शरीर मसालेदार ,चटपटा ,तला हुआ भोजन ,कैफीन ,किसी भी तरह के नशे को आसानी से नहीं एक्सेप्ट कर पाता है| ऐसे में हमें हमारा भोजन हल्का और कम मसाले वाला ही करना चाहिए |अपने भोजन में सलाद ,अंकुरित अनाज ,फल और ड्राई फ्रूट्स की मात्रा बढ़ाएं| जो आपके शरीर को पोषण देने के साथ-साथ मोनोपॉज के सिंटम से भी लड़ने में भी मदद करेगा| इसके अलावा धूम्रपान और शराब का सेवन भी नहीं करें|
जीए हेल्दी लाइफ़स्टाइल- मोनोपॉज के पहले यदि आप एक्सरसाइज योगा और वाकिंग करते हैं, तो यह बहुत ही अच्छी बात है |मगर यदि आप अभी तक इस ओर ध्यान नहीं दिए हैं तो अब समय आ चुका है कि आप अपनी डे टुडे लाइफ में रोजाना योगा, एक्सरसाइज या फिर वाकिंग को शामिल करें |यह ना सिर्फ केवल आपके बढ़ते वजन को रोकने में मददगार होगा, बल्कि मोनोपॉज के दौरान होने वाली हड्डियों की कमजोरी को भी रोकने में मदद करेगा |साथ ही योगा से आपका माइंड कंसंट्रेट रहने के साथ आपको मूड स्विंग होने की प्रॉब्लम भी नहीं होगी|
मोनोपॉज के लक्षणों से बचने के लिए आप अपनी लाइफ स्टाइल में बदलाव लेकर आए| इसके अलावा यदि प्रिकॉशन लेने के बावजूद भी मोनोपॉज के सिन्टम्स आपको परेशान करते हैं, तो आप अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें|
विनीता मोहता विदिशा