How to strengthen your pelvic floor with Kegels excercise? कीगल्स के अलावा अपने पेल्विक फ्लोर को कैसे मजबूत करें -
कुछ लोग मानते हैं कि महिला पुरूषों से अधिक सहनशील और हिम्मतवाली होती है जो नौ महीने तक अपनी कोख में बच्चे को रख उसको नवजीवन प्रदान करती है बडी कठिनाइयों को झेलकर अपने बच्चों के सुंदर भविष्य के लिए प्रार्थना करती है अक्सर कहा जाता है कि महिलाएं पुरुषों के मुक़ाबले ज़्यादा जीती हैं और बिशेषज्ञ तथा
साइंस की रिसर्च के मुताबिक़ इसकी वजह
महिलाओं की जटिल शारीरिक संरचना है और उसमें भी सबसे ज़्यादा जटिल उनकी कोख यानी प्रजनन अंगों की
संरचना जिसे अंग्रेज़ी में पेल्विक फ्लोर कहा जाता हैं,
और डाक्टर सलाह देते हैं कि महिला हो या पुरुष प्रत्येक व्यक्ति में पेल्विक फ्लोर मजबूत होना चाहिए हां पुरुषों की तुलना में महिलाओं का पेल्विक फ्लोर मज़बूत होना चाहिए क्योंकि पुरूष बच्चों को जन्म नहीं देते इसलिए उनको किसी भी कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ता लेकिन पेल्विक सिस्टम क्या है यह काम कैसे करता है इसके बारे में मुख्य तौर पर किसी को नहीं पता जिसके बारे में जानना हमारे लिए अति आवश्यक है क्योंकि यह हमारे शरीर का अहम हिस्सा है
इसलिए सबसे पहले यह जानना आवश्यक है
कि आखिर क्या है पेल्विक फ़्लोर क्योंकि यह हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है,
हमारा शरीर एक मशीन है जिसके अंग मशीन की भांति उसके घटक है जिस प्रकार कोई भी मशीन तब तक सुचारू रूप से नही चलती जब तक उसके अंजर पिंजर सही न हो और वही बात हमारे शरीर पर लागू होती है क्योंकि जब तक हमारे शरीर का प्रत्येक हिस्सा स्वस्थ नहीं होगा तब तक हमारा शरीर नश्वर की भांति है क्योंकि इसके प्रत्येक अंग इसकी मजबूत ढाल है और इसका मस्तिष्क उनका संचालक कर्ता,
इसलिए सबसे पहले जानते हैं कि
पेल्विक फ्लोर क्या है -
पेल्विक फ्लोर शरीर का वो हिस्सा है, जिसमें ब्लैडर,यूटेरस, वजाइना और रेक्टम होते हैं और ये हिस्सा महिलाओं के शरीर के सबसे अहम अंगों को सहेज कर रखता है उन्हें सही तौर पर काम करने में मदद करता है पेल्विक फ्लोर डिस्फंक्शन होने का सर्वप्रमुख कारण है जब पेल्विक फ्लोर की मांसपेशी जो मूत्राशय और अन्य प्रजनन अंगों को सहारा देने वाली होती है कमजोर होती है और कहते हैं न हमारा शरीर कोई न कोई संकेत अवश्य देता है तो इसके लक्षणों में कब्ज, मल त्याग करने में दबाव और बार बार पेशाब आने का अनुभव होना शामिल हैं और यदि किसी को यह लक्षण शरीर दिखाई दे तो उसे तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए
लेकिन हम देखते हैं कि अक्सर दुनिया भर में लाखों महिलाओं को पेल्विक फ्लोर में कोई ना कोई परेशानी होती है जिसके विभिन्न कारण हो सकते हैं
क्योंकि यह हमारे शरीर की महत्वपूर्ण मांसपेशी जिसका अधिकांश प्रशिक्षक उल्लेख नहीं करते हैं वो है पेल्विक फ्लोर,
लेकिन जिस प्रकार इंजन के हर पार्ट की देख-रेख करनी होती है उसी प्रकार किसी भी मांसपेशी समूह की तरह, आपके श्रोणि तल को मजबूत रहने और ठीक से काम करने के लिए नियमित व्यायाम की आवश्यकता होती है, क्योंकि महिलाओं के लिए श्रोणि तल एक बहुत ही महत्वपूर्ण कार्य करता है यह मांसपेशियों की वह शीट है जो मूत्राशय, गर्भाशय और आंत्र को सहारा देती है
और पेल्विक फ्लोर को ठीक से काम करने,हर अंग को चोट से बचाने जैसे कि पेल्विक ऑर्गन प्रोलैप्स, अनैच्छिक मूत्राशय या आंत्र रिसाव इत्यादि महत्वपूर्ण मांसपेशी समूह को मजबूत और स्वस्थ रखने के पांच तरीके हैं,
जिसमें सबसे पहले केगल आता है लेकिन यह कीगल /केगल एक्सरसाइज आखिर क्या है तो सबसे पहले
कीगल एक्सरसाइज -
कीगल एक्सरसाइज अधिकतर श्रोणि मंजिल अर्थात पेल्विक फ्लोर को मजबूती देने के लिए की जाने वाली एक्सरसाइज है और श्रोणि मंजिल मांसपेशियों और अस्थिबंधों का जाल होता है, जो श्रोणि हड्डियों तक फैला होता है,
और पेल्विक फ्लोर उनही श्रोणि अंगों को सहारा देने का
महत्वपूर्ण काम करता है जिन श्रोणि अंगों में मूत्राशय, मलाशय और गर्भाशय शामिल होते हैं,
और तो और श्रोणि मंजिल मूत्राशय और मलाशय के बाहरी द्वार को भी नियंत्रित करता है और यह योनि दीवार को सहारा देने वाली मांसपेशियों को भी प्रभावित करता है,
कीगल एक्सरसाइज क्या है और यह किस प्रकार हमारे शरीर के लिए आवश्यक है यह जानने के पश्चात पेल्विक फ्लोर को मजबूत और स्वस्थ रखने के कौन कौनसे तरीके हैं उनके बारे में भी जानना अति आवश्यक है तो सबसे पहले -
1.केगल्स एक्सरसाइज -
कोई भी व्यायाम हो उचित ढंग या तरीके से नहीं किया जाए तो वह आपके स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव भी डाल सकता है इसलिए चाहे आप कुछ समय के लिए केगेल व्यायाम करते हो या पहली बार कोशिश कर रहे हो पहले यह सुनिश्चित करो कि आप इस व्यायाम को करते समय सही मांसपेशियों को जोड़ रहे हो,
और इसका सही ढंग है अपने घुटनों और पैरों को
फैलाकर आराम से बैठने की कोशिश करो और आगे की ओर झुक अपनी कोहनियों को अपने घुटनों पर टिकाएं और नियमित रूप से सांस लें और अपने पेट, पैर और नितंब की
मांसपेशियों को आराम दें यह एक्सरसाइज आपके पेल्विक फ्लोर को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी,
2.स्वस्थ वजन बनाए रखना -
बिशेषज्ञो का मानना है कि अधिक वजन पेल्विक फ्लोर में निहित अंगों पर अत्यधिक दबाव डालता है और यदि आप मोटे हो और एक गतिहीन जीवन शैली का नेतृत्व करते हैं, तो आपको असंयम या पेल्विक ऑर्गन प्रोलैप्स का खतरा हो सकता है लेकिन कहते हैं न कोई भी बीमारी बिना किसी कारण से नहीं आती उसी प्रकार हर बीमारी का कोई न कोई इलाज अवश्य होता है आवश्यक है उसको आप कितना इस्तेमाल करते हो,
जैसे कि
1.नियमित व्यायाम,
2. आहार में परिवर्तन,
3.योग
यघपि माना जाता है कि हर रोग का इलाज योग में छुपा है माना कि केगल्स एक्सरसाइज पेल्विक फ्लोर को मजबूत करने की महत्वपूर्ण एक्सरसाइज है और श्रोणि तल एक बड़े मांसपेशी समूह का हिस्सा है जो श्रोणि अंगों को जगह देता है और डायफ्राम,एब्डोमिनल और ऑब्लिक भी पेल्विक हेल्थ से जुड़े हैं, इसलिए पेल्विक ऑर्गन प्रोलैप्स या असंयम को रोकने के लिए मांसपेशियों को सक्रिय रखना महत्वपूर्ण है इसलिए ज्यादातर लोग योग की सलाह देते हैं,
4.बायोफीडबैक -
जब कोई भी तरीका काम न आए और केगल्स और अन्य व्यायामों की कोशिश के बावजूद भी आप अपनी श्रोणि की मांसपेशियों को खोजने और अलग करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, तो बायोफीडबैक थेरेपी पैल्विक मांसपेशियों की ताकत बढ़ाने और मजबूती प्रदान करने के लिए एक सुरक्षित और प्रभावी तरीका है,
क्योंकि बायोफीडबैक थेरेपी में बायोफीडबैक उपकरण शामिल हैं जो छोटे सेंसर से लेकर योनि और गुदा के अंदर या बाहर स्टिकर तक मांसपेशियों की गतिविधि को मापते हैं और श्रोणि तल के संकुचन का पता लगाता हैं यह केगल्स करते समय महिलाओं द्वारा की जाने वाली सबसे आम त्रुटि को उलटने में भी मदद करता है, जो पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों के बजाय पेट की मांसपेशियों को उलझा रहा होता है,
और जब बायोफीडबैक चिकित्सक द्वारा प्रदान किया जाता है,और बिशेषज्ञ कहते हैं कि
द वूमन सेंटर फॉर एडवांस्ड पेल्विक सर्जरी में निवास करने वाले बायोफीडबैक सर्जरी उन महिलाओं की मदद करने के लिए उपयोगी है जो आकस्मिक मूत्राशय और आंत्र रिसाव से जूझती हैं और श्रोणि तल की ताकत हासिल करने की कोशिश कर रही हैं,
हमारा शरीर हमारी लापरवाही बरतने से ही अनेकों बीमारी का शिकार होता हैं इसलिए अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बने और शरीर में होने वाली छोटी से छोटी गतिविधियों पर ध्यान दें उन्हें नजरंदाज न करें।