Why does stomach ache during period?| पीरियड के दौरान पेट में दर्द क्यों होता है?
शरीर के भीतर होने वाली किसी भी प्रक्रिया का असर शरीर पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जरूर होता है| ऐसे में यदि महिलाओं के शरीर का महत्वपूर्ण अंग गर्भाशय में उथल-पुथल मची हो तो दर्द होना लाजमी है| पीरियड्स के दौरान यूट्रस में से एग निकलकर बाहर निषेचित हो जाता है, इस प्रक्रिया के कारण आपको कई बार पीरियड्स में अत्यधिक पसीना, चक्कर, कमजोरी ,किसी काम को करने की इच्छा ना होना, ब्रेस्ट में तनाव पीठ, या पेट में लगातार दर्द उसके साथ ही छोटी-छोटी बातों पर मूड बदलना आदि परेशानियां हो सकती है|
पिरियड किसी भी स्वस्थ महिला के जीवन का अहम हिस्सा होता है| पीरियड की स्थिति हर महिला के लिए अलग-अलग होती है |किसी को किसी भी प्रकार के दर्द की अनुभूति नहीं होती, तो किसी को हल्का फुल्का पेट दर्द और कमर दर्द, तो किसी को पेट या कमर में असहनीय दर्द होता है| दर्द की स्थिति भी इतनी ज्यादा होती है कि कई बार पीरियड्स के 3 दिन भी मुश्किल भरे हो जाते हैं |किसी किसी महिला को तो पेट और पीठ में ही नहीं बल्कि जांघ पर, पिंडली पर दर्द के साथ-साथ पैरों की नसों में खिंचाव भी होता है |किसी महिला को पीरियड के दौरान कितना दर्द होगा यह उसकी शारीरिक और मानसिक स्थिति पर निर्भर करता है|
जी हां सही पडा आपने किसी महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान कितना दर्द होगा यह कई बार उसकी मानसिक स्थिति पर भी हो सकता है| मगर कई बार जो असहनीय दर्द और परेशानी होती है उसके पीछे कोई बीमारी या शारीरिक विकार भी हो सकता है| लिहाजा यह जानना जरूरी है कि पीरियड के दर्द कितने प्रकार के होते हैं और पीरियड्स के दौरान दर्द क्यों होता है-
पीरियड के दर्द के प्रकार-
पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द को डॉक्टर उनकी स्थिति के हिसाब से दो भागों में बांटते हैं-
1- प्राइमरी डिसमैनोरिया- पीरियड के दौरान पेट के निचले हिस्से में जो दर्द होता है ,वह एग के रिलीज होने के कारण होता है |इसका किसी शारीरिक बीमारी से कोई संबंध नहीं होता है |इस तरह का दर्द पीरियड शुरू होने पर होता है और दो-तीन दिन बाद खुद ही बंद हो जाता है| यह दर्द पेट के निचले हिस्से के अलावा जांघो और पिंडलियों में भी होता है|
2- सेकेंडरी डिसमैनोरिया- कई बार महिलाओं के गर्भाशय में फाइब्राइट्स ,पेल्वीक इन्फ्लेमेटरी डिजीज जैसी कोई बीमारी हो जाती है, तो पीरियड्स के दौरान तेज दर्द होता है और इस तरह का दर्द पीरियड शुरू होने के एक हफ्ते पहले बढ़ जाता है |किसी बीमारी के कारण यदि पीरियड के दौरान दर्द होता है तो उसे सेकेंडरी डिसमैनोरिया कहते हैं|
पीरियड के दौरान दर्द क्यों होता है-
अक्सर महिलाओं को पीरियड के दौरान शरीर में बनने वाले हारमोन प्रोस्टाग्लैंडइन के कारण दर्द की ज्यादा अनुभूति होती है| यह हारमोन गर्भाशय के संकुचन को बढ़ाता है| यह हार्मोन जितना ज्यादा रिलीज होता है उतना ज्यादा गर्भाशय का संकुचन बढ़ता है |गर्भाशय के संकुचन के कारण दर्द कम या ज्यादा महसूस होता है| जितना ज्यादा संकुचन होता है उतना जरूर दर्द होता है| इसके अलावा भी और कोई कारण है जिनके कारण पीरियड्स मे दर्द होता है|
1- एंड्रॉमेट्रोओसिस- यदि गर्भाशय के बाहर कोई उत्तक या सिस्ट होता है जो हानिकारक नहीं होता है ,मगर कई बार इसकी उपस्थिति पीरियड के दौरान दर्द का कारण बन जाती है|
2- फाइब्रॉयड्स या गठान- गर्भाशय के अंदर होने वाली ऐसी गठान जो कैंसर के कारण नहीं होती ,बल्कि किसी और कारण से होती है उसके कारण भी कई बार पीरियड के दौरान दर्द होता है|
3- यूरिन इन्फेक्शन या प्रजनन अंगों में इन्फेक्शन होने के कारण भी कई बार पीरियड के दौरान काफी दर्द होता है|
4- आईयूडी या फिर copper-t के कारण भी कई बार पीरियड के दौरान दर्द होता है|
5- गर्भाशय का द्वार संकुचित होना भी पीरियड के दर्द का कारण बन जाता है|60
पीरियड्स के दौरान दर्द बडाने वाले कारक-
पीरियड्स के दिन वैसे ही मुश्किल से भरे होते हैं| ऐसे में कुछ आदत या काम उन दिनों के दर्द और तकलीफ को ज्यादा बढ़ा देते हैं |इसलिए पीरियड के दौरान जरूरी है कि अपना बेहतर तरीके से ख्याल रखें| कुछ काम जो आपको पीरियड के दौरान नहीं करना चाहिए-
1- नींद की कमी- वैसे तो आम दिनों में भी भरपूर नींद लेनी चाहिए ,क्योंकि रात में ली गई भरपूर नींद हमारे शरीर के सभी हारमोंस को ठीक है रखती है| जैसे-जैसे नींद की कमी होती तो आपके शरीर का इम्यून सिस्टम भी बिगड़ सकता है| महिलाओं में तो स्थिति और गंभीर होती हैं |हारमोंस बिगड़ने के कारण पीरियड अनियमित और कई बार लंबे समय तक चलने वाले हो सकते हैं| इसलिए पीरियड्स के दौरान ही नहीं आम दिनों में भी भरपूर नींद लेनी चाहिए|
2- कॉफी का सेवन- अक्सर समाज में यह बहस चलती है ,कि पीरियड के दौरान कॉफी पी जाए या नहीं पी जाए |इसके लिए अमेरिका में एक शोध किया गया |उस शोध के अनुसार पीरियड के दिनों में कॉफी पीने से महिलाओं को कई ज्यादा तकलीफ का सामना करना पड़ता है| इसी पीरियड के दौरान कॉफी का सेवन नहीं किया जाना चाहिए|
3 मीठे का उपभोग- पीरियड के दौरान प्रेगनेंसी की ही तरह कई बार क्रिविंग और मुड स्विंग होती है| सबसे ज्यादा हमें मीठा और चॉकलेट खाने की तलब लगती है |मगर मीठे का ज्यादा सेवन हमारे शरीर में इंसुलिन की मात्रा बढ़ा सकता है और बढ़ा हुआ इंसुलिन एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का बैलेंस बिगाड़ देता है| इस कारण आपको ज्यादा चिड़चिड़ापन और गुस्सा और आता है|
4- स्मोकिंग एंड ड्रिंकिंग- स्मोकिंग और ड्रिंकिंग का महिलाओं के प्रजनन सिस्टम पर बहुत बुरा असर पड़ता है |लगातार अल्कोहल का सेवन करना ना केवल आपके शरीर में पानी की मात्रा को कम कर देता है, बल्कि शरीर में मैग्नीशियम के अवशोषण पर भी रोक लगा देता है| कम मैग्नीशियम के कारण किसी भी तरह के दर्द में बढ़ोतरी होती है, ऐसे में पीरियड के दौरान ड्रिंक करने पर ड्रिंकिंग के लक्षण हैंगओवर और सिर दर्द पीरियड्स के दर्द के साथ मिलकर आप की परेशानी को बढ़ा देते हैं| वही एक सर्वे में धूम्रपान करने वाली महिलाओं ने स्वीकार किया कि पीरियड के दौरान स्मोकिंग करने से उनके पीरियड्स के दर्द में बढ़ोतरी हुई|
5- लगातार स्ट्रेस लेना- यदि आप लगातार स्ट्रेस की स्तिथि में रहते हैं ,तो आप का किसी भी काम को करने में मन नहीं लगता है और जरा सी भी तकलीफ हम ज्यादा परेशान करती हैं |इसलिए पीरियड के दौरान स्ट्रेस लेना और ज्यादा तकलीफ का सबब बन जाता है|
पीरियड्स के दर्द से राहत पाने के उपाय-
यदि पीरियड्स के दौरान आपको बिना किसी बिमारी विशेष के ज्यादा दर्द होता है, तो ऐसे में आप कुछ घरेलू उपाय अपनाकर पीरियड के दर्द को काफी हद तक कम कर सकते हैं|
• गरम पानी की सिकाई- कोई सारी शोधों में यह बात साबित हो चुकी है कि गर्म पानी की सिकाई करने से कई सारे दर्द से निजात पाया जा सकता है |यदि आपको पीरियड के दौरान दर्द होता है तो हॉट वाटर बैग या फिर कांच की बोतल में गर्म पानी भरकर पेट और कमर के निचले हिस्से में करीब 10 से 15 मिनट तक सिकाई करें| यह सिकाई दर्द की गोली की तरह ही असर कर कर पीरियड के दर्द को कम करेगा|
• पिपरमेंट के तेल की मसाज- नारियल के तेल में कुछ बूंदे पिपरमेंट के तेल की मिलाकर पेट या कमर के निचले हिस्से में जहां पर दर्द हो उस हिस्से की मसाज करने से दर्द में काफी आराम मिलता है|
• ग्रीन टी का सेवन करें- पीरियड्स के दौरान रेगुलर चाय पीने की बजाय आप ग्रीन टी का सेवन करें |इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट काफी हद तक पीरियड के दर्द को दूर करने में मददगार होते हैं|
• हेल्दी डाइट लें- पीरियड के दर्द को कम करने के लिए स्वस्थ और संतुलित आहार का सेवन करना चाहिए |पीरियड के दौरान कम नमक और शक्कर का उपयोग स्वास्थ्य की दृष्टि से काफी फायदेमंद होता है| इसके अलावा आप अधिक से अधिक मात्रा में पानी और जूस का सेवन कर कर अपने शरीर को हाइड्रेट रखने की कोशिश करें |अपनी रेगुलर एक्सरसाइज और योगा जरूर करें, ताकि आप पीरियड के दौरान होने वाले तनाव से बच सके |इस दौरान स्मोकिंग, ड्रिंकिंग और कैफीन के सेवन से खुद को दूर रखें ताकि आपकी तकलीफ और ज्यादा ना बडे|