Endometriosis is genetic/ एंडोमेट्रियोसिस आनुवांशिक है
एक संयुक्त परिवार जहां सब मिलजुलकर रहते खाते और हर खुशियां बांटते थे और जीवन गुजारा करते थे और कहा जाता था कि पिता की आदत बेटे में अक्सर आती है चाहे वो चाल ढाल हो खाने पीने की आदत,
बचकानी सी लगती थी अक्सर जो बातें आज लगती सच जब एक बीमारी जो उनके दादा में थी वहीं बीमारी जब पिता और पिता से उनके बेटे में पाई गयी, ऐसी है एक बीमारी जो महिलाओं में पाई जाती है क्या वो भी आनुवांशिक है या उसके कोई और कारण है,
लेकिन सबसे पहले यह जानना आवश्यक है कि आनुवांशिक कहते किसे हैं और एंडोमेट्रियोसिस क्या है इसके कारण और लक्षण क्या हैं क्या वास्तव में एंडोमेट्रियोसिस आनुवांशिक है या सिर्फ एक वहम तो सर्वप्रथम -
आनुवांशिकी क्या है -
आनुवंशिकी जीव विज्ञान की वह शाखा है जिसके अन्तर्गत आनुवंशिकता तथा जीवों की विभिन्नताओं का अध्ययन किया जाता है और किसी जीव की आनुवंशिकता उसके जनकों अर्थात पूर्वजों या माता पिता की जननकोशिकाओं द्वारा प्राप्त रासायनिक सूचनाएँ होती हैं,
हालांकि पैतृक गुणसूत्रों के पुनर्संयोजन के फलस्वरूप एक ही पीढी की संतानें भी भिन्न होती हैं
लेकिन समस्त जीव, चाहे वे जन्तु हों या वनस्पति, अपने पूर्वजों के यथार्थ प्रतिरूप होते हैं और वैज्ञानिक भाषा में जिसे 'समान से समान की उत्पति' का सिद्धान्त कहते हैं हालांकि आनुवंशिकी के अन्तर्गत कतिपय कारकों का
विशेष रूप से अध्ययन किया जाता है
1.• प्रथम कारक आनुवंशिकता है क्योंकि जैसा कि आप जानते हैं किसी जीव की आनुवंशिकता उसके जनकों की जननकोशिकाओं द्वारा प्राप्त रासायनिक सूचनाएँ होती
हैं जैसे कोई प्राणी किस प्रकार परिवर्धित होगा, इसका
निर्धारण उसकी आनुवंशिकता ही करेगी
2.• दूसरा कारक विभेद है जिसे हम किसी प्राणी तथा
उसकी सन्तान में पाते हैं और प्रायः सभी जीव अपने माता पिता या कभी कभी बाबा, दादी या उनसे पूर्व की पीढ़ी के लक्षण प्रदर्शित करते हैं और तो और ऐसा भी सम्भव
है कि उसके कुछ लक्षण सर्वथा नवीन हों क्योंकि इस प्रकार के परिवर्तनों या विभेदों के अनेक कारण होते हैं
अब जानना अति आवश्यक है कि एंडोमेट्रियोसिस क्या है -
एंडोमेट्रियोसिस महिलाओं में होने वाली गर्भाशय से संबंधित एक समस्या है जिसमें गर्भाशय के अंदर के टिशू बढ़कर गर्भाशय के बाहर निकलने और फैलने लगते है और वह फैलोपियन ट्यूब और अंडाशय के बाहरी और अंदरूनी हिस्सों में भी फैलने लगते हैं. जिससे महिलाओं को तेज दर्द होता है. विशेषकर जब मासिक चक्र होता है और तब यह दर्द और बढ़ जाता है. यह ऊतक गर्भाशय के अंदर वाले ऊतक की तरह ही होता है, लेकिन मासिक चक्र के समय यह बाहर नहीं निकल पाता है, जिसके कारण दर्द होने लगता है. इस समस्या के कारण महिलाओं में प्रजनन क्षमता भी कम हो जाती है अतः हम कह सकते हैं कि यह एक प्रकार की दर्दनाक और खतरनाक समस्या है
अब यह जानना अति आवश्यक है कि क्या वास्तव में एंडोमेट्रियोसिस आनुवंशिक हैं
तो जहां तक एंडोमेट्रियोसिस के बारे में माना जाता है कि
कि कुछ महिलाओं में आनुवंशिक प्रवृतियां पाई गईं अर्थात कई अध्ययनों ने पारिवारिक पैटर्न और एंडोमेट्रियोसिस की जांच की है और एक पुराना अध्ययन 1999 से एक नैदानिक उपकरण के रूप में लैप्रोस्कोपी का उपयोग किया और 144 महिलाओं में एंडोमेट्रियोसिस की व्यापकता का विश्लेषण किया गया तो एंडोमेट्रियोसिस की एक बढ़ी हुई घटना पहले, दूसरे और तीसरे दर्जे के रिश्तेदारों में मौजूद थी, जिनमें बहनों, माताओं, मौसी और चचेरे भाई शामिल थी अर्थात जो बीमारी चचेरी बहनों में थी वहीं बीमारी उन महिलाओं में पाई गई,
और तो और पूरे देश के आइसलैंड के 2002 से एक बड़े,
जनसंख्या-आधारित अध्ययन में, 11 शताब्दियों के वंशावली डेटाबेस का उपयोग करते हुए करीबी और दूर के दोनों रिश्तेदारों के बीच एंडोमेट्रियोसिस के लिए एक बढ़ा जोखिम भी पाया गया
हालांकि एंडोमेट्रियोसिस वाली महिलाओं में बीमारी के
करीबी रिश्तेदार अर्थात परिवार का कोई सदस्य पहले इस बीमारी से ग्रस्त हो, होने की संभावना अधिक है और
एंडोमेट्रियोसिस एक जटिल स्थिति है और आनुवंशिकता
से अतिरिक्त कई कारक भी महिला मे इसे विकसित करने के जोखिम को बढ़ते है
हालांकि शोधकर्ताओं ने अनुमान लगाया कि कई जीन, साथ ही पर्यावरणीय कारक इसमें महत्वपूर्णभूमिका निभाते हैं
और 2020 का अध्ययन एंडोमेट्रियोसिस से संबंधित एक नया संभावित आनुवंशिक उत्परिवर्तन पाया गया
है जो ARID1A उत्परिवर्तन रोग के अधिक गंभीर रूपों से जुड़ा हुआ है और शोधकर्ता इस उत्परिवर्तन को लक्षित करने के लिए आनुवंशिक उपचारों का अध्ययन भी कर रहे हैं,
जिनमें शामिल हैं:
1• शराब का सेवन
2• बढ़ी उम्र
3• जीवनशैली और पर्यावरणीय कारक , जैसे तनाव, प्रदूषण के संपर्क में आना और हार्मोन- विघटनकारी रसायनों के संपर्क में आना आदि कारक और
.कुछ कारक स्वयं वंशानुगत होते हैं जहां तक संभव है कि
एंडोमेट्रियोसिस का खतरा उम्र के साथ बढ़ता जाता
है और यह जीवनशैली और पर्यावरणीय कारकों के संचयी
प्रभावों से उपजा हो सकता है या, यह होता है कि एंडोमेट्रियोसिस से जुड़े जीन उम्र के साथ बदलते हैं,
हालांकि एपिजेनेटिक जोखिम कारकों के संपर्क में आए बिना बीमारी का विकास नहीं करता है लेकिन जिन लोगों के परिवार के सदस्य एंडोमेट्रियोसिस से पीड़ित हैं, उन्हें किसी भी लक्षण का अनुभव होने पर चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए जैसे कि गंभीर मासिक धर्म में ऐंठन क्योंकि डॉक्टर दर्द और अवसाद जैसे लक्षणों को कम करते हुए तत्काल प्रभाव को कम करने में मदद करते है तथा
बांझपन का अनुभव करने की संभावना को कम करने
में भी मदद करते है और जीवनशैली में बदलाव से भी मदद मिलती है और स्वस्थ वजन बनाए रखने और सही खाने की योजना निर्धारित करने के लिए अपने डॉक्टर के
साथ काम करने से मदद मिलती है और तो औरअधिक मात्रा में शराब पीने से भी जोखिम बढ़ जाता है,
एंडोमेट्रियोसिस का एक निश्चित कारण नही है, लेकिन यह आनुवंशिकी और पर्यावरण के परस्पर क्रिया के परिणामस्वरूप हो सकता है और पारिवारिक इतिहास होने से कुछ मामलों में जोखिम बढ़ जाता है, हालांकि
एंडोमेट्रियोसिस का सटीक कारण ज्ञात नहीं है, लेकिन आनुवंशिकता एक हिस्सा प्रतीत होती है और पर्यावरणीय कारक भी भूमिका निभाते हैं,
और जहां तक है यह स्थिति एक ही एकल परिवार के सदस्यों जैसे बहनों, माताओं और दादी को प्रभावित करती है हालांकि चचेरी बहन जै इस समस्या से ग्रस्त हैं या जिनकी ये हालत है, वे भी अधिक जोखिम में हैं एंडोमेट्रियोसिस मातृ या पैतृक परिवार रेखा के माध्यम से विरासत में मिला हो सकता है और जहां तक है शोधकर्ता वर्तमान में इसके कारणों और जोखिम कारकों के बारे में सिद्धांतों का अध्ययन कर रहे हैं
एंडोमेट्रियोसिस के कुछ संभावित कारणों में शामिल
हैं:
.1.सर्जिकल स्कारिंग से जटिलताएं - यह तब प्रभावी होता है जब एंडोमेट्रियल जैसी कोशिकाएं सर्जिकल प्रक्रिया के दौरान निशान ऊतक से जुड़ जाती हैं, जैसे कि सिजेरियन डिलीवरी, और जिस कारण यह बीमारी होने का खतरा रहता है,
2• रेट्रोवैजिनल माहवारी - पैल्विक गुहा में मासिक धर्म के रक्त का पिछड़ा प्रवाह गर्भाशय के बाहर एंडोमेट्रियल जैसी कोशिकाओं को विस्थापित करता है, जिससे समान कोशिकाएं विकसित हो जाती हैं और यह बीमारी हो सकती है,
3• प्रतिरक्षा प्रणाली विकार - शरीर गर्भाशय के बाहर एंडोमेट्रियल जैसी कोशिकाओं को नहीं पहचान पाता और समाप्त भी नहीं कर पाता है,जिस कारण यह बीमारी होने की संभावना अधिक है,
4. कोशिका परिवर्तन- एंडोमेट्रियोसिस शरीर में कहीं भी हो सकता है यह गर्भाशय के बाहर की कोशिकाओं में आंतरिक परिवर्तन के कारण हो जाता है, जो इन्हें एंडोमेट्रियल जैसी कोशिकाओं में बदलने में सहायक है,
जिस कारण यह बीमारी हो सकती है,
5.सेल परिवहन- एंडोमेट्रियल जैसी कोशिकाएं रक्त प्रणाली, या लसीका प्रणाली के माध्यम से शरीर के अन्य भागों में यात्रा करती हैं जिस कारण यह बीमारी हो सकती है,
क्योंकि हम जानते हैं कि परिवार के सदस्य अक्सर समान वातावरण में रहते हैं, एक परिवार के भीतर एपिजेनेटिक जोखिम कारक साझा किए जा सकते हैं,
अन्य जोखिम कारक
एंडोमेट्रियोसिस वाले व्यक्ति को ऐसी अवधि का अनुभव होता है जो असामान्य रूप से बार-बार होती है और 7 दिनों से अधिक समय तक चलती है और जिसमें प्राथमिक लक्षण पैल्विक दर्द है और साथ साथ पेट या पाचन संबंधी समस्याओं का भी अनुभव होता है, जैसे कि कब्ज, जो मासिक धर्म के साथ मेल खाता है,
एंडोमेट्रियोसिस वाले लोगों में 11 साल की उम्र से पहले
उनकी पहली अवधि होने की संभावना अधिक होती है और बांझपन का अनुभव होने की अधिक संभावना होती है।
संभावित आनुवंशिक कारणो के अतिरिक्त कई कारक
एंडोमेट्रियोसिस के विकास के जोखिम को बढ़ाते हैं,
अतः हम उपयुक्त परिणामों को देखते हुए निष्कर्ष के रूप में कह सकते हैं कि एंडोमेट्रियोसिस आनुवंशिक हो सकता है और पर्यावरणीय कारक भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं लेकिन इसके साथ साथ अन्य कारक भी इसके जोखिम को बढ़ाते हैं जैसे - कोशिका परिवर्तन, सैल परिवहन इत्यादि,
और यदि किसी महिला को यह बीमारी है तो उसे तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए अन्यथा परिणाम अधिक घातक हो सकते हैं जैसे बांझपन की समस्या इत्यादि।