Excision surgery for endometriosis/ एंडोमेट्रियोसिस के लिए एक्सिशन सर्जरी
हर व्यक्ति सुखी स्वस्थ और तंदुरुस्त रहने की कामना करता है जीवन की हर उपलब्धि को पाने का प्रयास करता है जीवन में कुछ बन अपनी पहचान बनाना चाहता है हर सभवं कोशिश कर अपने जीवन को संवारना चाहता है लेकिन सपने बंद आंखों में देखे जाते हैं और नींद खुलने पर टूट जाते हैं उसी प्रकार हम अपने शरीर को स्वस्थ रखने का प्रयास नहीं करेंगे तो एक दिन हम भी सपने की भांति टूट कर बिखर जाएंगे,क्योंकि व्यक्ति तभी सुखी है जब वह स्वस्थ हो और आमतौर पर महिलाएं क्योंकि एंडोमेट्रियोसिस जोकि महिलाओं में एक आम स्वास्थ्य समस्या है और यह शब्द एंडोमेट्रियम से लिया गया है जो कि बच्चेदानी की अस्तर के टिश्यू होते हैं इसे एक गैर कैंसर वाली स्थिति भी कह सकते हैं ऐसे में उनके ऊपर परिवार बच्चे और अकेली महिला के ऊपर दफ्तर की भी जिम्मेदारी का बोझ होता है और ऐसे में अस्त-व्यस्त दिनचर्या असंतुलित आहार उनके स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालती है और जिस कारण नींद की समस्या बेचैनी सहित अनेकों बीमारियों से उनका शरीर ग्रस्त रहेगा और वह अपना जीवन बेहतर तरीके से नहीं जी पाएंगी और ऐसे में बच्चे का भविष्य उज्जवल कैसे बनेगा और वर्तमान में अनेकों बीमारी से ग्रस्त महिला अपने जीवन को कैसे संवार सकेंगी,
लेकिन सबसे पहले यह जानना अति आवश्यक है कि
एंडोमेट्रियोसिस क्या है - एंडोमेट्रियोसिस जोकि महिलाओं में एक आम स्वास्थ्य समस्या है यह शब्द एंडोमेट्रियम से लिया गया है जो कि बच्चेदानी की अस्तर के टिश्यू होते हैं इसे एक गैर कैंसर वाली स्थिति भी कह सकते है और यह एंडोमेट्रियोसिस बीमारी ज्यादातर तब होती है
जब इन टिश्यू के समान टिश्यू बच्चेदानी के बाहर या हमारे शरीर के उन अन्य अंगों में बढ़ने लगते हैं जहां यह सामान्य रूप से नहीं पाए जाते और ज्यादातर एंडोमेट्रियोसिस सबसे ज्यादा इन अंगों में पाया जाता है -
ओवरी (अंडाशय) फैलोपियन ट्यूब, और वह ऊतक जो बच्चेदानी को उसकी जगह पर रखते हैं तथा बच्चेदानी की बाहरी सतह साथ ही अन्य अंगों में भी एंडोमेट्रिओसिस हो सकता है जैसे
• कि योनि, सर्विक्स, वल्वा, आंत्र, ब्लैडर , या रेक्टम इत्यादि,
• तथा कुछ दुर्लभ मामलों में एंडोमेट्रिओसिस शरीर के अन्य भागों में भी हो सकता है, जैसे कि फेफड़े, मस्तिष्क और त्वचा,
• हालांकि भारत में एंडोमेट्रिओसिस बीमारी के शिकार भारत की 1 करोड़ से भी अधिक महिलाएँ होती है और सामान्यतः भारत में हर दस में से किसी एक महिला को यह बीमारी होती है,
व्यक्ति की लापरवाही बीमारी की जड़ को उत्पन्न करती है और शरीर द्वारा दिए गए संकेतो को नजरंदाज करना उस बीमारी को खाद पानी देने का कार्य करता है जैसा कि ज्ञात है इस बीमारी का कोई इलाज संभव नहीं है लेकिन इसको नियंत्रित किया जा सकता है लेकिन यह जानना अति आवश्यक है कि यह किस कारण से होता है तो सर्वप्रथम
1.रेट्रोग्रेड पीरियड्स -
यह भी एक कारण है जिससे यह बीमारी होने का खतरा रहता है इसमे मासिक धर्म के रक्त वाली एंडोमेट्रिअल कोशिकाएं फैलोपियन ट्यूबों के माध्यम से शरीर के बाहर जाने की जगह पेल्विक कैविटी में चली जाती हैं और ये विस्थापित एंडोमेट्रिअल कोशिकाएं पेल्विक के अंगों की सतहों और उनकी दीवारों पर चिपक जाती हैं जहां वे प्रत्येक मासिक धर्म चक्र के दौरान अधिक मोटी
हो जाती हैं और जिसके कारण अधिक रक्तस्राव होता हैं,
हो जाती हैं और जिसके कारण अधिक रक्तस्राव होता हैं,
2. पेरिटोनियल कोशिकाओं का परिवर्तन -
हालांकि एंडोमेट्रियोसिस का यह एक कारण हो सकता है क्योंकि यौवन के दौरान पेट के अंदरूनी भाग को रेखांकित करने वाली पेरिटोनियल कोशिकाओं का एंडोमेट्रिअल कोशिकाओं में परिवर्तन भी एंडोमेट्रियोसिस का एक कारण हो सकता है,3. परिवारिक इतिहास -
कभी कभी जन्मजात बीमारी या यदि किसी सदस्य को कोई बीमारी होती है तो वो परिवार के दूसरे सदस्य में होना पारिवारिक इतिहास कहलाता है और इसलिए अपने चिकित्सक से सलाह करनी चाहिए अगर आपके परिवार में से किसी को एंडोमेट्रियोसिस है .
एंडोमेट्रियोसिस के लक्षण -
एंडोमेट्रियोसिस के निम्नलिखित लक्षण हैं जिनसे हम अंदाजा लगा सकते हैं कि हम इस बीमारी के शिकार हैं
जैसे पीरियड्स में दर्द ज्यादा होना या फिर कभी कभी
बिना पीरियड्स के श्रोणि के हिस्से में दर्द होना या सेक्स में दर्द होना, बाँझपन, थकान इनके आलावा एंडोमेट्रियोसिस में कुछ चक्रीय लक्षण
चक्रीय लक्षण अर्थात यह वह लक्षण होते हैं जो पीरियड्स से कुछ दिनों पहले शुरू होते हैं और कुछ दिनों बाद गायब हो जाते हैं या कभी कभी केवल पीरियड्स के दौरान ही होते हैं और यह लक्षण मासिक धर्म बंद होने के बाद अगले महीने फिर से प्रकट हो जाते हैं साथ ही
आंत्र समस्याएं जैसे समय-समय पर सूजन, दस्त या
कब्ज, शौच में दर्द, मूत्र में खून आना, गुदा से खून आना
कंधे का दर्द इत्यादि लक्षण आपको महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें,
हालांकि एंडोमेट्रियोसीस के इलाज के लिए जिन दवाओं का या जिन थेरेपी का उपयोग किया जाता है उसका एक घातक परिणाम यह है कि आप संतानोत्पत्ति नहीं कर सकते अर्थात डिलीवरी का कोई इतिहास नहीं और कभी कभी इसके जोखिम कारक इतने खतरनाक होते हैं कि कम उम्र में मासिक धर्म की शुरुआत तो कभी कभी रजोनिवृत्ति जो अधिक उम्र में या कम मासिक धर्म चक्र तो भारी मासिक धर्म रक्तस्राव जो 7 दिनों से अधिक समय तक रहता है,
3. शरीर में एस्ट्रोजन का उच्च स्तर
4. प्रजनन पथ विकार।
5.चिकित्सीय स्थितियां जो पीरियड्स के दौरान शरीर
से रक्त के प्रवाह को रोकती हैं इत्यादि जोखिम कारक है जो एंडोमेट्रियोसिस के विकास के जोखिम कारक को बढ़ा सकते हैं।
बीमारी लापरवाही से अधिक घातक और सावधानी से अधिक सरलता से उसका इलाज संभव है इसलिए जब आपका शरीर कुछ संकेत दे जो आपके स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव डालते हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें
हालांकि यह जानना अब आवश्यक हो जाता है कि डॉक्टर द्वारा दिया गया सजेशन एंडोमेट्रियोसिस के लिए एक्सिशन सर्जरी क्या सही है
तो सर्वप्रथम एंडोमेट्रियम वह ऊतक होता है जो गर्भाशय को रेखाबद्ध करता है और जब महिला को एंडोमेट्रियोसिस होता है तो वह ऊतक जो गर्भाशय के अस्तर की तरह दिखता या उसकी भांति कार्य करता है वह शरीर के आसपास के अन्य क्षेत्रों में गर्भाशय के बाहर बढ़ने लगता है
और आमतौर पर ये वृद्धि कैंसर नहीं कहलाती लेकिन
एंडोमेट्रियोसिस गंभीर रक्तस्राव, दर्द और बांझपन का कारण बन जाता है और जिस कारण स्त्री रोग विशेषज्ञ उपचार के विकल्प के रूप में सर्जरी की सिफारिश करता है और सर्जिकल तकनीकों में प्रगति के साथ एंडोमेट्रियोसिस के उपचार के लिए यह सर्जरी अत्यधिक सफल होती है और इस स्थिति के कारण होने वाले दर्द और प्रजनन संबंधी समस्याओं का इलाज वह कर सकती है इसलिए
एंडोमेट्रियोसिस के रोबोटिक असिस्टेड लैप्रोस्कोपिक एक्सिशन का उपयोग एंडोमेट्रियोसिस के निदान और उपचार के लिए किया जाता है और इस सर्जरी के दौरान, डॉक्टर वृद्धि और निशान ऊतक को हटा देते हैं या उन्हें तीव्र गर्मी से नष्ट कर देते हैं उनका ऐसा करने का एकमात्र लक्ष्य
असामान्य वृद्धि के आसपास गर्भाशय के स्वस्थ ऊतक को
नुकसान पहुंचाए बिना एंडोमेट्रियोसिस का इलाज करना होता है,
क्योंकि इसका इलाज संभव नहीं है इसलिए डाक्टर द्वारा दी जाने वाली सलाह को माने क्योंकि यह अत्याधिक खतरनाक भी हो सकती है।
4. गर्भावस्था का इतिहास-
ऐसा कहा जाता है कि गर्भावस्था एंडोमेट्रियोसिस से महिला को बचाती है लेकिन कहीं भी स्पष्ट तथ्य नहीं है क्योंकि यह उन महिलाओं में भी हो सकता है जो पहले गर्भवती हो चुकी हैं,5. मासिक धर्म का इतिहास -
हालांकि स्पष्ट कारण नहीं है पर यदि आपके परिवार में किसी को मासिक धर्म से सम्बंधित समस्याएं हैं (जैसे कम या ज़्यादा समय के लिए मासिक धर्म होना, भारी मासिक धर्म होना या कम उम्र में मासिक धर्म शुरू हो जाना) तो आपको चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए क्योंकि इससे आपको उस बीमारी का खतरा न होकर ऑस्टियोपोरोसिस होने का जोखिम बढ़ सकता है,एंडोमेट्रियोसिस के लक्षण -
एंडोमेट्रियोसिस के निम्नलिखित लक्षण हैं जिनसे हम अंदाजा लगा सकते हैं कि हम इस बीमारी के शिकार हैं
जैसे पीरियड्स में दर्द ज्यादा होना या फिर कभी कभी
बिना पीरियड्स के श्रोणि के हिस्से में दर्द होना या सेक्स में दर्द होना, बाँझपन, थकान इनके आलावा एंडोमेट्रियोसिस में कुछ चक्रीय लक्षण
चक्रीय लक्षण अर्थात यह वह लक्षण होते हैं जो पीरियड्स से कुछ दिनों पहले शुरू होते हैं और कुछ दिनों बाद गायब हो जाते हैं या कभी कभी केवल पीरियड्स के दौरान ही होते हैं और यह लक्षण मासिक धर्म बंद होने के बाद अगले महीने फिर से प्रकट हो जाते हैं साथ ही
आंत्र समस्याएं जैसे समय-समय पर सूजन, दस्त या
कब्ज, शौच में दर्द, मूत्र में खून आना, गुदा से खून आना
कंधे का दर्द इत्यादि लक्षण आपको महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें,
हालांकि एंडोमेट्रियोसीस के इलाज के लिए जिन दवाओं का या जिन थेरेपी का उपयोग किया जाता है उसका एक घातक परिणाम यह है कि आप संतानोत्पत्ति नहीं कर सकते अर्थात डिलीवरी का कोई इतिहास नहीं और कभी कभी इसके जोखिम कारक इतने खतरनाक होते हैं कि कम उम्र में मासिक धर्म की शुरुआत तो कभी कभी रजोनिवृत्ति जो अधिक उम्र में या कम मासिक धर्म चक्र तो भारी मासिक धर्म रक्तस्राव जो 7 दिनों से अधिक समय तक रहता है,
3. शरीर में एस्ट्रोजन का उच्च स्तर
4. प्रजनन पथ विकार।
5.चिकित्सीय स्थितियां जो पीरियड्स के दौरान शरीर
से रक्त के प्रवाह को रोकती हैं इत्यादि जोखिम कारक है जो एंडोमेट्रियोसिस के विकास के जोखिम कारक को बढ़ा सकते हैं।
बीमारी लापरवाही से अधिक घातक और सावधानी से अधिक सरलता से उसका इलाज संभव है इसलिए जब आपका शरीर कुछ संकेत दे जो आपके स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव डालते हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें
हालांकि यह जानना अब आवश्यक हो जाता है कि डॉक्टर द्वारा दिया गया सजेशन एंडोमेट्रियोसिस के लिए एक्सिशन सर्जरी क्या सही है
तो सर्वप्रथम एंडोमेट्रियम वह ऊतक होता है जो गर्भाशय को रेखाबद्ध करता है और जब महिला को एंडोमेट्रियोसिस होता है तो वह ऊतक जो गर्भाशय के अस्तर की तरह दिखता या उसकी भांति कार्य करता है वह शरीर के आसपास के अन्य क्षेत्रों में गर्भाशय के बाहर बढ़ने लगता है
और आमतौर पर ये वृद्धि कैंसर नहीं कहलाती लेकिन
एंडोमेट्रियोसिस गंभीर रक्तस्राव, दर्द और बांझपन का कारण बन जाता है और जिस कारण स्त्री रोग विशेषज्ञ उपचार के विकल्प के रूप में सर्जरी की सिफारिश करता है और सर्जिकल तकनीकों में प्रगति के साथ एंडोमेट्रियोसिस के उपचार के लिए यह सर्जरी अत्यधिक सफल होती है और इस स्थिति के कारण होने वाले दर्द और प्रजनन संबंधी समस्याओं का इलाज वह कर सकती है इसलिए
एंडोमेट्रियोसिस के रोबोटिक असिस्टेड लैप्रोस्कोपिक एक्सिशन का उपयोग एंडोमेट्रियोसिस के निदान और उपचार के लिए किया जाता है और इस सर्जरी के दौरान, डॉक्टर वृद्धि और निशान ऊतक को हटा देते हैं या उन्हें तीव्र गर्मी से नष्ट कर देते हैं उनका ऐसा करने का एकमात्र लक्ष्य
असामान्य वृद्धि के आसपास गर्भाशय के स्वस्थ ऊतक को
नुकसान पहुंचाए बिना एंडोमेट्रियोसिस का इलाज करना होता है,
क्योंकि इसका इलाज संभव नहीं है इसलिए डाक्टर द्वारा दी जाने वाली सलाह को माने क्योंकि यह अत्याधिक खतरनाक भी हो सकती है।