HPV and cancer HPV types and risk factors/ एचपीवी और कैंसर एचपीवी प्रकार और जोखिम कारक

HPV and cancer HPV types and risk factors/ एचपीवी और कैंसर एचपीवी प्रकार और जोखिम कारक 

HPV and cancer HPV types and risk factors/ एचपीवी और कैंसर एचपीवी प्रकार और जोखिम कारक _ichhori.com


बीमारी पहले से मौजूद कई विकार नहीं है अपितु हमारी लापरवाही से उत्पन्न एक रोग  है व्यक्ति जीवनभर कमाता है और निरोगी काया की कल्पना करता है और खुद की लापरवाही से शरीर में विकार को बढ़ावा देता है हमारा शरीर हमें बीमारी के लक्षणों के संकेत देकर सावधान करता है लेकिन हमारी नासमझी और अस्त व्यस्त जिंदगी में पैसों की चकाचौंध के आगे हम अपने स्वास्थ्य के प्रति लापरवाह हो जाते हैं और जिसका परिणाम अति घातक सिद्ध होता है,
   व्यक्ति की वास्तविक पूंजी उसका स्वस्थ और खुशहाल जीवन होता है पर व्यक्ति उसके विपरीत सोचता है और बेहतर जीवन की ख्वाहिशों को पूरा करते करते अपने जीवन के साथ खिलवाड़ करता जाता है जैसे कि वर्तमान में दिखाई दे रहा है कि आज संपूर्ण विश्व में महामारी का आतंक फैला हुआ है फिर भी लोग बेपरवाह हो गये है और खुलेआम घूम रहे हैं जहां सरकार लोगों की जानें बचाने में लगी हुई है वहीं जनता खुद वो खुद मौत के घाट उतरने का काम कर रही है चाहे बीमारी छोटी हो या बडी हमारी लापरवाही और सावधानी ही है जो उसे बढ़ा या रोक सकती है क्योंकि ऐसी ही एक बीमारी एचपीवी कैंसर है,
    मस्सा शरीर की त्वचा की आम समस्या है जो शरीर पर कहीं भी दिखाई देते हैं लेकिन ये आमतौर पर हाथों और    पैरों पर पाए जाते हैं मस्सा कहीं भी समूह में या अकेले या किसी न किसी रूखी त्वचा पर निकल जाते हैं तो कभी कभी एक काला धब्बा इसके मध्य में दिखाई देता है और बिशेषज्ञो का कहना है कि मानव पैपिलोमा वायरस जिसे एचपीवी कहते है मस्से का कारण बनता है यह वायरस किसी अन्य व्यक्ति से भी आ सकता है या फिर शरीर में किसी कट या खरोंच के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के शरीर के दूसरे हिस्सों में फैल सकता है मस्से कई प्रकार के होते हैं  जैसे सामान्य मस्सा, फ्लैट मस्सा और प्लांटर मस्सा अधिकांश मस्से 6 महीने से 2 साल के भीतर
  गायब हो जाते हैं, लेकिन अब यह जानना अति आवश्यक है कि
  यह कैसे और किस प्रकार हमारे शरीर को प्रभावित करता है और क्या इसके लक्षण और जोखिम कारक है हमे इनके बारे में पता होना अति आवश्यक है क्योंकि जब तक बीमारी क्या है और यह किस प्रकार हमारे शरीर के लिए घातक है उसका पता नहीं होगा तब तक उसका इलाज संभव नहीं है इसलिए सबसे पहले यह जानना अति आवश्यक है कि यह एचपीवी कैंसर क्या है तो सर्वप्रथम -
एचपीवी कैंसर या संक्रमण - एचपीवी अर्थात ह्यूमन पेपिलोमा वायरस सबसे सामान्य यौन संचारित संक्रमण है  यह कभी भी चाहे वो पुरूष हो या स्त्री उनके जीवनकाल में
किसी भी समय उनके संपर्क में आ सकता है,
हालांकि जब किसी व्यक्ति में एचपीवी संक्रमण शुरू होता है, तो उसके हाथ, पैर और जननांगों पर मस्से बनने लगते हैं अर्थात सही मायनों में  एचपीवी एक ऐसा वायरस होता है जो यौन संभोग के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति की त्वचा में फैलता है,
एचपीवी संक्रमण क्या है यह जानने के बाद अति आवश्यक है कि ऐसे कौनसे कारण है जिनके कारण यह संक्रमण हमें प्रभावित करता है,
क्योंकि बीमारी कभी कह के नहीं आती पर आने से पहले कुछ संकेत अवश्य देती है फर्क सिर्फ इतना है कि हम उस पर कितना ध्यान देते हैं इसलिए इसके कारणों के बारे मे जानना अति आवश्यक है कि यह एचपीवी संक्रमण क्यों होता है इसके निम्नलिखित कारण है -
1. एचपी एक वायरस होता है और जब यह हमारे शरीर में किसी कट या खरोंच के माध्यम से अंदर चला जाता है तब हमें एचपीवी संक्रमण होने का खतरा होता है,

2. एचपीवीवायरस  मुख्य रूप से एक त्वचा से दूसरी त्वचा के संपर्क में आने से फैलता है
3. एचपीवी संक्रमण होने का एक कारण यह भी है कि जननांग एचपीवी संक्रमण कभी कभी यौन संभोग, सेक्स व त्वचा से त्वचा के संपर्क में आ जाने से भी हो सकता है
4. तथा कुछ प्रकार के एचपीवी संक्रमण मुंह के आसपास या ऊपरी श्वसन में घाव पैदा करता है जोकि ओरल सेक्स के कारण होता है,
5. एचपीवी से संक्रमित  गर्भवती महिला अपने नवजात शिशु को जन्म देते समय उसमें वायरस का संचार कर सकती है और जिस वजह से वायरस के संपर्क में आए शिशु के श्वसन तंत्र या जननांगों में यह एचपीवी संक्रमण हो जाता है,
एचपीवी के लक्षण व संकेत -
ज्यादातर देखा जाता है कि हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली एचपीवी संक्रमण को खत्म कर देती है और इससे पहले कोई मस्सा बनता या दिखाई देता है और कभी कभी
तो मस्से का आकार और दिखावट भिन्न प्रकार के होते हैं, जो एचपीवी के प्रकार पर निर्भर करते हैं  जोकि निम्नलिखित  हैं -
1. जननांग मस्सा  - यह एचपीवी वायरस का एक प्रकार है  जो बहुत ही कम बेचैनी या दर्द का कारण बनता है  इसमें खुजली की समस्या भी हो सकती है और कभी कभी यह
जननांग के मस्से  परेशानी जनक होते हैं हालांकि
ये खतरनाक नहीं होते है और इनका इलाज किया जा सकता है जननांग के मस्से यघपि यौन संचारित संक्रमणों में से होते हैं और ये पुरूषों की तुलना में महिलाओं में ज्यादा विकसित होते हैं लेकिन बिशेषज्ञ यह भी कहते हैं कि इस संबंधित वायरस से ग्रसित प्रत्येक व्यक्ति में मस्से विकसित होना जरूरी नहीं है हालांकि ज्यादातर लोगों मे यह वायरस समय के साथ निकल जाता है और बहुत ही कम मामलों में
जननांग के मस्से अधिक गंभीर दीर्घकालीक स्वास्थ्य समस्या को पैदा कर सकते है
जननांग मस्से मुख्य रूप से जननांग क्षेत्रों के नरम ऊतकों
को प्रभावित करते हैं और यह मस्से पुरूषों के अंडकोश की
थैली, गुदा या लिंग के आस-पास दिखाई देते हैं और
महिलाओं में अधिकतर वल्वा गर्भाशय ग्रीवा, योनि या गुदा के आस पास दिखाई देते हैं और यह जनंनांग मस्से देखने मे मांस के रंग के छोटे-छोटे उभार होते हैं, जो उपर से
फूलगोभी की तरह दिखाई देते हैं,
2. सामान्य मस्सा - यह भी एचपीवी वायरस का एक प्रकार है जो खुरदराऔर त्वचा की सतह से उपर उठा हुआ मस्सा होता है जो आम तौर पर हाथों, उंगलियों और कोहनी पर
होता है और ज्यादातर मामलो में यह मस्सा अपनी दिखावट के कारण ही पैदा करता है
3.तलवे का मस्सा - यह भी एचपीवी वायरस का एक प्रकार है जो कठोर,रुखा और दानेदार होता है, जो पैर के तलवे के उस हिस्सों पर होता है, जहां शरीर का सबसे ज्यादा भार होता है और बिशेषज्ञ कहते हैं कि इस मस्से के कारण अधिक बेचैनी और दर्द होता है,
4• स्पाट मस्सा  - यह भी एचपीवी वायरस का एक प्रकार है जो सामान्य त्वचा से उपर की उभरा एक मस्सा होता है जो नियमित त्वचा के रंग की तुलना में थोड़ा सा उपर उठा हुआ
एक गहरा घाव होता है,
कोई भी बीमारी घातक नहीं होती पर हो सकती है जब हम उसको गंभीर नहीं समझते और उसके प्रति सावधानी नहीं बरतते हैं तो वह हमारे स्वास्थ्य के लिए घातक भी सिद्ध हो सकती है इसलिए इसके लक्षण संकेत और प्रकार के बारे में जानने के पश्चात इसके उपचार और जोखिम कारक के बारे में जानना भी अति आवश्यक है
1.मुंह और ऊपरी श्वसन तंत्र में घाव -  एचपीवी
संक्रमण का एक जोखिम कारक यह भी है इसके कारण जीभ, टॉन्सिल, कोमल तालू या गला और नाक के भीतर घाव हो जाते हैं
2. कैंसर - इसका दूसरा जोखिम कारक सर्वाइकल कैंसर है और इसके बिशेषज्ञ मानते हैं कि इसके ज्यादातर मामले एचपीवी की दो विशिष्ट किस्मों के कारण होते हैं और ये दोनों प्रकार के वायरस जननांगों, गुदा, मुंह और ऊपरी श्वसन तंत्र के कैंसर पैदा कर देते हैं,
     हालांकि दवाई हर इलाज का बेहतर उपाय है लेकिन कभी कभी घरेलू उपाय भी बीमारी को ठीक करने में सक्षम होते हैं जैसे कि लहसुन, अरंडी का तेल, सेब का सिरका, ऐलोवेरा, टी ट्री ऑयल, गर्म पानी, ब्रेकिंग सोडा इत्यादि भी मस्से को ठीक करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
 
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