What are some health issues for women who drink daily?/ रोजाना शराब पीने वाली महिलाओं के लिए स्वास्थ्य संबंधी कुछ समस्याएं क्या हैं?
जीवन एक इन्द्रधनुष की तरह है जिस प्रकार रंगों के संगम से एक प्यारा सा इन्द्रधनुष बनता है उसी प्रकार जीवन में खुशियों के दुख के रंग रूपी दिन आते है जिनमें प्यार की साथ रूपी के रंग भर जीवन को इन्द्रधनुष की भांति सुंदर बनाना होता है लेकिन बदलती सोच बदलता परिवेश बदलते ढंग जीवन को सजीवता की जगह नीरसता की ओर धकेल रहे हैं क्योंकि आज लाखों महिलाएं या पुरुष गलत आदतों के शिकार हो रहे है जहां भारतीय संस्कृति लोगों को परम्पराओं से जोड़ती थी वहीं पाश्चात्य संस्कृति व्यक्ति को परम्पराओं से विमुख करती है,
धुनिक काल में महिलाओं को आधुनिक चकाचौंध गलत आदतें जैसे कार्ड्स या शराब पीना जैसी आदतों का आदी बना दिया है जिसका सीधा दुष्प्रभाव उनके परिवार के साथ साथ उनके स्वास्थ्य पर पड़ता है लेकिन फिर भी आधे से ज्यादा महिलाएं इसकी आदी है जहां भारतीय संस्कृति में महिला इनके नाम लेने को भी पाप समझती थी वहीं आज पाश्चात्य सभ्यता के अंधानुकरण ने महिलाओं की सोच को परिवर्तित कर दिया है और वह चाहे कोई पार्टी हो या न हो शराब को अपनी दिनचर्या का एक हिस्सा बना लिया है,
लेकिन क्या वह जानती है यह इनके स्वास्थ्य पर किस प्रकार हानिकारक प्रभाव छोडती है तो सबसे पहले यह जानना अति आवश्यक है कि महिलाओं पर इसका क्या असर होता है तो
महिलाओ के शरीर का फैट अल्कोहल को बचाए रखता है जबकि शरीर में मौजूद पानी उसके असर को कम करता है, ऐसे में प्राकृतिक तौर पर शरीर में ज़्यादा फैट और कम पानी के चलते महिलाओं पर अल्कोहल का नाटकीय असर होता है,
अतः
मैसाच्यूटएस में एडिक्शन साइकोलॉजिस्ट डॉन सुगरमैन कहते है कि "महिलाओं पर शराब के असर की आशंका अधिक के साथ साथ ही शराब पीने वाली महिलाओं को पुरुषों की तुलना में ज़्यादा समस्याएं होती है."
जिसे टेलीस्कोपिंग कहते हैं अर्थात महिलाएं पुरुषों की तुलना में देरी से शराब पीना शुरू करती हैं फिर भी जल्दी ही उसके लत की चपेट में आ जाती हैं.
इतना ही नहीं, महिलाओं में लीवर और हृदय संबंधी रोगों की चपेट में आने की आशंका पुरूषों की तुलना में भी ज़्यादा होती है और तो और शराब के ओवरडोज़ के बाद अस्पताल के इमरजेंसी में पहुंचने वाले महिलाओं की संख्या भी दिन प्रतिदिन बढ़ रही है.लेकिन समस्या इतनी नहीं है बल्कि वास्तविकता ये है कि महिलाओं पर शराब का असर पुरुषों की तुलना में अलग अंदाज़ में होता है और
वैज्ञानिकों के मुताबिक महिलाओं के शरीर से बेहद सीमित
मात्रा में एल्कोहल डिहाइड्रोगेनेज इंजाएम निकलता है, यह लीवर से निकलता है और शरीर में अल्कोहल को तोड़ने का काम करता है,
अतः यह जानना अति आवश्यक है कि रोजाना शराब के सेवन से महिलाओं में क्या स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होती हैं -
बात यह नहीं है कि महिलाओं को ही शराब पीने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होती हैं क्योंकि पुरूषों को भी जोखिम समस्याओं का सामना करना होता है,
लेकिन रोजाना इसकी लत महिलाओं पर हानिकारक प्रभाव डालती है जो निम्न हैं -
1. दिल की बीमारी - अधिकतर महिलाएं शौक में शराब को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना लेती है लेकिन वह इस बात से अनजान होती है शराब का प्रतिदिन सेवन उनके स्वास्थ्य के लिए अत्याधिक खतरनाक होता है क्योंकि डॉक्टर कहते हैं कि लंबे समय तक शराब का सेवन हृदय रोग का एक
प्रमुख कारण बनता है और पुरुषों की तुलना में महिलाएं जो प्रतिदिन शराब का सेवन करती है वह हृदय रोग के प्रति अधिक संवेदनशील होती हैं चाहे वो प्रतिदिन भले ही पुरुषों की तुलना में कम शराब का सेवन करती हो,
2 मस्तिष्क क्षति - जो महिलाएं प्रतिदिन शराब का सेवन और जो कभी कभी शराब का सेवन करती थी उनकी जांच की गई और अनुमानित विवरणों के अनुसार शराब का दुरुपयोग पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक तेजी से मस्तिष्क क्षति पैदा करता है चाहे वो प्रतिदिन सेवन करती हो या कभी कभी,
3.स्तन कैंसर - शराब पीने और स्तन कैंसर के विकास के बीच एक गहरा संबंध है,अध्ययनों से पता चलता है कि जो महिलाएं प्रतिदिन शराब का सेवन करती हैं, उनमें स्तन कैंसर विकसित होने की संभावना 5 से 9 प्रतिशत अधिक होती है, जो बिल्कुल भी नहीं पीती उनकी तुलना मैं,
4. शराब और गर्भावस्था - जैसा कि आपको पता है कि
गर्भावस्था के दौरान कोई भी शराब पीना हानिकारक हो सकता है प्रसव पूर्व शराब के संपर्क में आने से नवजात बच्चों में शारीरिक, संज्ञानात्मक और व्यवहार संबंधी समस्याएं हो सकती हैं,तथा कोई भी भ्रूण अल्कोहल स्पेक्ट्रम विकार का घटक हो सकता है इसलिए महिलाओं को शराब का सेवन नहीं करना चाहिए,
अब प्रतिदिन शराब पीने से क्या क्या बीमारी होती है यह जानने के बाद यह जानना अति आवश्यक है कि महिलाओं को अधिक जोखिम का सामना क्यों करना पड़ता है
तो अध्ययनों से पता चलता है कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं को शराब से संबंधित समस्याएं अधिक और जल्दी तथा कई कारणों से शुरू होती हैं हालांकि 3 औसतन, महिलाओं का वजन पुरुषों से कम होता है और शराब मुख्य रूप से शरीर के पानी में रहती है, और पाउंड के लिए पाउंड महिलाओं के शरीर में पुरुषों की तुलना में कम पानी होता है इसका मतलब कि एक महिला और एक समान वजन के पुरुष के समान मात्रा में शराब पीने के बाद, महिला के रक्त में अल्कोहल की मात्रा अधिक हो जाएगी, जिससे उसे नुकसान होने का अधिक खतरा होगा,
और बिशेषज्ञ बताते हैं कि समय के साथ अत्यधिक शराब के सेवन से बीमारियों और अन्य गंभीर समस्याओं का विकास होता है, और जिनमें निम्न शामिल हैं -
1. उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, स्ट्रोक, यकृत रोग और
पाचन संबंधी समस्याएं शराब के नियमित सेवन करने से हो सकती है इसके साथ साथ स्तन, मुंह, गले, अन्नप्रणाली, आवाज बॉक्स,यकृत, बृहदान्त्र और मलाशय का कैंसर इत्यादि बीमारी का खतरा भी,
2. शराब के नियमित सेवन करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता के कमजोरी से उत्पन्न अनेकों बीमारी होने की संभावना बढ़ जाती है,
3.मनोभ्रंश और कम उम्र की किशोरी जो नियमित शराब का सेवन करती है उनका मस्तिष्क सही तरीके से कार्य नहीं करता जिस कारण खराब स्कूल प्रदर्शन सहित सीखने में कठिनाई और स्मृति समस्याएं होने का खतरा रहता है,
4. अवसाद और चिंता सहित मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं भी आम है,
5 सामाजिक समस्याएं अर्थात वह अपना आधे से ज्यादा रूपया शराब के लिए खर्च कर देती है और ऐसे में उनके परिवार बच्चों को अनेक कठिनाई का सामना करना पड़ता है साथ ही नौकरी से संबंधित समस्याएं और बेरोजगारी भी इसमे शामिल हैं
हां अगर वह अधिक शराब न पीए तो महिलाएं अल्पकालिक और दीर्घकालिक स्वास्थ्य जोखिमों को कम कर सकती हैं और यह बात ध्यान देने योग्य है कि कुछ महिलाओं को शराब से पूरी तरह बचना चाहिए और उनमें वह महिलाएं शामिल हैं:
जो गर्भवती है या गर्भ धारण करने की कोशिश कर रही है
या 21 साल से कम उम्र की कोई भी महिला या कोई भी व्यक्ति जो ऐसी दवाएं लेता हो जो शराब के साथ नकारात्मक प्रभाव डालती हो जैसे
• शामक दवाएं, नींद की गोलियां, दर्द निवारक
और चिंता-विरोधी दवाएं इत्यादि,
तथा यह सभी जानते हैं कि शराब पीना बंद करके कैंसर का खतरा 30% तक कम किया जा सकता हैं और वोदका जो दुनिया का सबसे लोकप्रिय एल्कोहॉल है जिसकी प्रति वर्ष पांच बिलियन लीटर की खपत होती है और तो और शराब का उपयोग डिमेंशिया अर्थात मनोभ्रंश का एक कारण है,
हां यह बात अवश्य है कि लिमिटेड मात्रा में शराब पीना दिल की सेहत के लिए अच्छा है जैसे रेड वाइन में रेस्वेराट्रोल होता है जो कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने, रक्त वाहिका की क्षति को रोकने और खून के थक्कों को रोकता है,
इसलिए हर वस्तु हर खाघ पदार्थ के सेवन की एक सीमा होती है और उसी मात्रा में हमें उसका सेवन करना चाहिए क्योंकि किसी वस्तु की अति हमारे स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव डाल सकती है।
धुनिक काल में महिलाओं को आधुनिक चकाचौंध गलत आदतें जैसे कार्ड्स या शराब पीना जैसी आदतों का आदी बना दिया है जिसका सीधा दुष्प्रभाव उनके परिवार के साथ साथ उनके स्वास्थ्य पर पड़ता है लेकिन फिर भी आधे से ज्यादा महिलाएं इसकी आदी है जहां भारतीय संस्कृति में महिला इनके नाम लेने को भी पाप समझती थी वहीं आज पाश्चात्य सभ्यता के अंधानुकरण ने महिलाओं की सोच को परिवर्तित कर दिया है और वह चाहे कोई पार्टी हो या न हो शराब को अपनी दिनचर्या का एक हिस्सा बना लिया है,
लेकिन क्या वह जानती है यह इनके स्वास्थ्य पर किस प्रकार हानिकारक प्रभाव छोडती है तो सबसे पहले यह जानना अति आवश्यक है कि महिलाओं पर इसका क्या असर होता है तो
महिलाओ के शरीर का फैट अल्कोहल को बचाए रखता है जबकि शरीर में मौजूद पानी उसके असर को कम करता है, ऐसे में प्राकृतिक तौर पर शरीर में ज़्यादा फैट और कम पानी के चलते महिलाओं पर अल्कोहल का नाटकीय असर होता है,
अतः
मैसाच्यूटएस में एडिक्शन साइकोलॉजिस्ट डॉन सुगरमैन कहते है कि "महिलाओं पर शराब के असर की आशंका अधिक के साथ साथ ही शराब पीने वाली महिलाओं को पुरुषों की तुलना में ज़्यादा समस्याएं होती है."
जिसे टेलीस्कोपिंग कहते हैं अर्थात महिलाएं पुरुषों की तुलना में देरी से शराब पीना शुरू करती हैं फिर भी जल्दी ही उसके लत की चपेट में आ जाती हैं.
इतना ही नहीं, महिलाओं में लीवर और हृदय संबंधी रोगों की चपेट में आने की आशंका पुरूषों की तुलना में भी ज़्यादा होती है और तो और शराब के ओवरडोज़ के बाद अस्पताल के इमरजेंसी में पहुंचने वाले महिलाओं की संख्या भी दिन प्रतिदिन बढ़ रही है.लेकिन समस्या इतनी नहीं है बल्कि वास्तविकता ये है कि महिलाओं पर शराब का असर पुरुषों की तुलना में अलग अंदाज़ में होता है और
वैज्ञानिकों के मुताबिक महिलाओं के शरीर से बेहद सीमित
मात्रा में एल्कोहल डिहाइड्रोगेनेज इंजाएम निकलता है, यह लीवर से निकलता है और शरीर में अल्कोहल को तोड़ने का काम करता है,
अतः यह जानना अति आवश्यक है कि रोजाना शराब के सेवन से महिलाओं में क्या स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होती हैं -
बात यह नहीं है कि महिलाओं को ही शराब पीने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होती हैं क्योंकि पुरूषों को भी जोखिम समस्याओं का सामना करना होता है,
लेकिन रोजाना इसकी लत महिलाओं पर हानिकारक प्रभाव डालती है जो निम्न हैं -
1. दिल की बीमारी - अधिकतर महिलाएं शौक में शराब को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना लेती है लेकिन वह इस बात से अनजान होती है शराब का प्रतिदिन सेवन उनके स्वास्थ्य के लिए अत्याधिक खतरनाक होता है क्योंकि डॉक्टर कहते हैं कि लंबे समय तक शराब का सेवन हृदय रोग का एक
प्रमुख कारण बनता है और पुरुषों की तुलना में महिलाएं जो प्रतिदिन शराब का सेवन करती है वह हृदय रोग के प्रति अधिक संवेदनशील होती हैं चाहे वो प्रतिदिन भले ही पुरुषों की तुलना में कम शराब का सेवन करती हो,
2 मस्तिष्क क्षति - जो महिलाएं प्रतिदिन शराब का सेवन और जो कभी कभी शराब का सेवन करती थी उनकी जांच की गई और अनुमानित विवरणों के अनुसार शराब का दुरुपयोग पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक तेजी से मस्तिष्क क्षति पैदा करता है चाहे वो प्रतिदिन सेवन करती हो या कभी कभी,
3.स्तन कैंसर - शराब पीने और स्तन कैंसर के विकास के बीच एक गहरा संबंध है,अध्ययनों से पता चलता है कि जो महिलाएं प्रतिदिन शराब का सेवन करती हैं, उनमें स्तन कैंसर विकसित होने की संभावना 5 से 9 प्रतिशत अधिक होती है, जो बिल्कुल भी नहीं पीती उनकी तुलना मैं,
4. शराब और गर्भावस्था - जैसा कि आपको पता है कि
गर्भावस्था के दौरान कोई भी शराब पीना हानिकारक हो सकता है प्रसव पूर्व शराब के संपर्क में आने से नवजात बच्चों में शारीरिक, संज्ञानात्मक और व्यवहार संबंधी समस्याएं हो सकती हैं,तथा कोई भी भ्रूण अल्कोहल स्पेक्ट्रम विकार का घटक हो सकता है इसलिए महिलाओं को शराब का सेवन नहीं करना चाहिए,
अब प्रतिदिन शराब पीने से क्या क्या बीमारी होती है यह जानने के बाद यह जानना अति आवश्यक है कि महिलाओं को अधिक जोखिम का सामना क्यों करना पड़ता है
तो अध्ययनों से पता चलता है कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं को शराब से संबंधित समस्याएं अधिक और जल्दी तथा कई कारणों से शुरू होती हैं हालांकि 3 औसतन, महिलाओं का वजन पुरुषों से कम होता है और शराब मुख्य रूप से शरीर के पानी में रहती है, और पाउंड के लिए पाउंड महिलाओं के शरीर में पुरुषों की तुलना में कम पानी होता है इसका मतलब कि एक महिला और एक समान वजन के पुरुष के समान मात्रा में शराब पीने के बाद, महिला के रक्त में अल्कोहल की मात्रा अधिक हो जाएगी, जिससे उसे नुकसान होने का अधिक खतरा होगा,
और बिशेषज्ञ बताते हैं कि समय के साथ अत्यधिक शराब के सेवन से बीमारियों और अन्य गंभीर समस्याओं का विकास होता है, और जिनमें निम्न शामिल हैं -
1. उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, स्ट्रोक, यकृत रोग और
पाचन संबंधी समस्याएं शराब के नियमित सेवन करने से हो सकती है इसके साथ साथ स्तन, मुंह, गले, अन्नप्रणाली, आवाज बॉक्स,यकृत, बृहदान्त्र और मलाशय का कैंसर इत्यादि बीमारी का खतरा भी,
2. शराब के नियमित सेवन करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता के कमजोरी से उत्पन्न अनेकों बीमारी होने की संभावना बढ़ जाती है,
3.मनोभ्रंश और कम उम्र की किशोरी जो नियमित शराब का सेवन करती है उनका मस्तिष्क सही तरीके से कार्य नहीं करता जिस कारण खराब स्कूल प्रदर्शन सहित सीखने में कठिनाई और स्मृति समस्याएं होने का खतरा रहता है,
4. अवसाद और चिंता सहित मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं भी आम है,
5 सामाजिक समस्याएं अर्थात वह अपना आधे से ज्यादा रूपया शराब के लिए खर्च कर देती है और ऐसे में उनके परिवार बच्चों को अनेक कठिनाई का सामना करना पड़ता है साथ ही नौकरी से संबंधित समस्याएं और बेरोजगारी भी इसमे शामिल हैं
हां अगर वह अधिक शराब न पीए तो महिलाएं अल्पकालिक और दीर्घकालिक स्वास्थ्य जोखिमों को कम कर सकती हैं और यह बात ध्यान देने योग्य है कि कुछ महिलाओं को शराब से पूरी तरह बचना चाहिए और उनमें वह महिलाएं शामिल हैं:
जो गर्भवती है या गर्भ धारण करने की कोशिश कर रही है
या 21 साल से कम उम्र की कोई भी महिला या कोई भी व्यक्ति जो ऐसी दवाएं लेता हो जो शराब के साथ नकारात्मक प्रभाव डालती हो जैसे
• शामक दवाएं, नींद की गोलियां, दर्द निवारक
और चिंता-विरोधी दवाएं इत्यादि,
तथा यह सभी जानते हैं कि शराब पीना बंद करके कैंसर का खतरा 30% तक कम किया जा सकता हैं और वोदका जो दुनिया का सबसे लोकप्रिय एल्कोहॉल है जिसकी प्रति वर्ष पांच बिलियन लीटर की खपत होती है और तो और शराब का उपयोग डिमेंशिया अर्थात मनोभ्रंश का एक कारण है,
हां यह बात अवश्य है कि लिमिटेड मात्रा में शराब पीना दिल की सेहत के लिए अच्छा है जैसे रेड वाइन में रेस्वेराट्रोल होता है जो कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने, रक्त वाहिका की क्षति को रोकने और खून के थक्कों को रोकता है,
इसलिए हर वस्तु हर खाघ पदार्थ के सेवन की एक सीमा होती है और उसी मात्रा में हमें उसका सेवन करना चाहिए क्योंकि किसी वस्तु की अति हमारे स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव डाल सकती है।