What is the right age to conceive pregnancy?/ प्रेगनेंसी कन्सिव करने की सही उम्र क्या है-
पहले के जमाने में लड़कियां खुद को आत्मनिर्भर बना अपने कैरियर के प्रति इतनी जागरूक नहीं थी, इसलिए सही समय पर उसकी शादी कर दी जाती थी और उसे फैमिली प्लानिंग को लेकर कोई परेशानी नहीं होती थी |मगर अब समय बदल चुका है आज हर लड़की अपने करियर को एक मुकाम देना चाहती है| इसलिए वे फैमिली प्लानिंग को अपनाती है |
उन्हें लगता है एक उम्र आने के बाद ही उन्हें अपने परिवार को बढ़ाने के बारे में सोचना चाहिए |इसके अलावा कई बार पार्टनर अपनी मैरिज लाइफ को एंजॉय करने के चक्कर में अपनी फैमिली बढ़ाना नहीं चाहते हैं, उन्हें लगता है परिवार में नया मेहमान आने के बाद वे दोनों एक दसरे को पूरा समय नहीं दे पाएंगे| ऐसे में वे लोग प्रेगनेंसी को कुछ समय तक टाल देते हैं |लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि बच्चे को जन्म देने का एक सही समय होता है |तब पिता और माता दोनों की शारीरिक स्थिति स्वस्थ बच्चे को जन्म देने के लिए सही होती है |मगर कई बार लंबी फैमिली प्लानिंग के कारण लड़कियां आसानी से कंसीव नहीं कर पाती है या फिर उनका बेबी पूरी तरह से स्वस्थ नहीं होता है |ऐसे में सवाल यह उठता है कि महिलाओं को कौन सी उम्र तक अपने लिए बेबी प्लान कर लेना चाहिए|
यदि एक्सपर्ट्स की राय माने तो 25 वर्ष से 30 वर्ष की उम्र गर्भधारण करने के लिए सबसे अच्छी होती है| क्योंकि इस समय महिलाओं की प्रजनन प्रणाली सबसे सुंदर और व्यवस्थित होती हैं |उनके शरीर में लगातार एग का निर्माण होता रहता है ,वहीं पुरुषों स्पर्म भी इस उम्र में ज्यादा मैच्योर और बेटर होता है| 30 वर्ष की उम्र के बाद शरीर में आने वाले हार्मोनल बदलावो के कारण बढ़ती उम्र में महिलाओं के शरीर में एग का उत्पादन कम होने लगता है |इस कारण उनका फर्टिलिटी लेवल कम होने लगता है|( हालांकि पुरुषों के स्पर्म की क्वालिटी काफी हद तक उनकी जीवनशेली पर निर्भर करती है यदि पुरुष अल्कोहल का सेवन और स्मोकिंग नहीं करते हैं तो उनके स्पर्म की क्वालिटी ठीक रहती है) 30 वर्ष की उम्र के बाद महिलाओं के अंदर मां बनने की क्षमता लगभग एक चौथाई कम होने लगती है |वही 35 से 40 की उम्र के बीच गर्भधारण की संभावना 20 से 25 साल की महिलाओं की तुलना में 50% तक कम हो जाती है| हालांकि यदि 35 वर्ष के बाद आपने प्रेगनेंसी कंसीव की है ,तो इसके लिए आपको लगातार डॉक्टर की निगरानी में रहना होगा| डॉक्टर के अनुसार अधिक उम्र में प्रेगनेंसी लेने में बच्चों पर न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट या डाउन सिंड्रोम जैसी परेशानी आ सकती है ,इसलिए लगातार अल्ट्रासाउंड के जरिए बच्चे में होने वाले जन्म दोष पर लगातार नजर रखी जाती है| इसलिए डॉक्टर सलाह देते हैं कि यदि आप की शादी 25 वर्ष की उम्र में हुई है तो आप शादी के तुरंत बाद अपनी फैमिली को प्लान कर सकते हैं|
गर्भावस्था लगभग 40 सप्ताह की अवधि होती है जिसके दौरान महिला के गर्भ में पल रहे बच्चे का विकास होता है |एक बार जब गर्भावस्था की पुष्टि हो जाती है ,तो किसी भी तरह की जटिलता या गर्भपात जैसे खतरे से बचने के लिए प्रीनेटल केयर बहुत जरूरी होती है |35 वर्ष की उम्र के बाद प्रीनेटल केयर का दायरा काफी बढ़ जाता है |क्योंकि 30 वर्ष की उम्र के बाद प्रेगनेंसी कंसीव करने में कई सारी शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है|
1- कई सारी शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है- हमने अक्सर हमारे बड़े बुजुर्गों के मुंह से सुना है कि सही समय पर शादी और बच्चा होना बहुत जरूरी होता है |क्योंकि वह अच्छी तरह से जानते थे कि 30 वर्ष की उम्र के बाद गर्भधारण करने में कई सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है |जैसे कम उम्र की महिला यदि मां बनती है तो उसके और उसके होने वाले बच्चे दोनों के लिए तकलीफ का सबब होता है ,वैसे ही अधिक उम्र में प्रेगनेंसी कंसीव करना भी मां और बच्चे दोनों के लिए खतरनाक स्थिति बनाता है|
2-- नार्मल डिलीवरी के चांसेस कम होना- 30 वर्ष की उम्र के बाद महिलाओं के नॉर्मल डिलीवरी के चांसेस बहुत ही कम हो जाते हैं| क्योंकि महिलाओं की शारीरिक क्षमता नॉर्मल डिलीवरी के दर्द को सहने की नहीं होती है| ऐसे में डिलीवरी ऑपरेशन के जरिए होती हैं |वही 35 साल की उम्र के बाद गर्भधारण करने वाली महिलाओ मे लगभग 90% महिला ऑपरेशन के जरिए ही बच्चे को जन्म देती है ,क्योंकि अधिक उम्र में गर्भधारण करने वाली महिलाओं के भ्रूण का विकास नॉर्मल तरीके से नहीं होता है या तो भ्रूण बहुत छोटा होता है या बहुत बड़ा |ऐसे में डॉक्टर के पास सीजेरीयन के अलावा कोई ऑप्शन नहीं रहता है|
3- हो जाती है डायबिटीज और ब्लड प्रेशर की शिकायत- 30 से 40 वर्ष की उम्र में गर्भावस्था धारण करने वाली अधिकांश महिलाओं को डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर के जैसी स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है |बढ़ती उम्र में होने वाले हार्मोन चेंजिंग हमारा शरीर आसानी से एक्सेप्ट नहीं कर पाता है और यह बदलाव बीमारी के रूप में सामने आता है| प्रेगनेंसी के दौरान हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज जैसी बीमारियां माता और गर्भस्थ शिशु दोनों के लिए ही खतरनाक रहती है|
4- मिसकैरेज के चांसेस बढ़ जाते हैं- बढ़ती उम्र में प्रेगनेंसी कंसीव करने से हाई ब्लड प्रेशर डायबिटीज की संभावनाएं बढ़ने से एक और जहां बच्चे का जन्म सर्जरी से ही होता है |वहीं दूसरी तरफ गर्भपात होने की आशंका बढ़ जाती है|
5- कंसीव करने में प्रॉब्लम- बढ़ती उम्र में महिलाओं के एग फर्टिलिटी कम होने के कारण महिलाओं के प्रेग्नेंट होने के चांसेस कम होने लगते हैं |ऐसे में महिलाओं को आईवीएफ ओर सेरोगेसी जैसे ऑप्शन की ओर जाना पड़ता है| ऐसे में महिलाओं को मां बनने का सुख कम ही मिल पाता है ,क्योंकि इन ऑप्शन के क्षेत्र के सफल होने की कोई गारंटी नहीं होती है|
6- मानसिक परेशानियों का सामना- अधिक उम्र में मां बनने पर महिला फिजिकल रूप से पूरी तरह से सक्षम नहीं रहती है| ऐसे में डिलीवरी के बाद उसे कई सारी मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है| पोस्टपार्टम पीरियड की सबसे ज्यादा खतरनाक स्थिति अधिक उम्र में मां बनने वाली महिलाओं को ही होती है|
मानसिक रूप से खुद को तैयार करें-
मां बनने का अनुभव दुनिया का सबसे सुखद अनुभव है |किसी के दबाव में आकर कम उम्र में मां बनने के लिए खुद को तैयार नहीं कर पा रही है, तो जबरन किसी के कहने पर आप मानसिक तनाव में ना आए| नए घर, परिवार और रिलेशन के बीच सामंजस्य बिठाने के बाद यदि आप खुद को पूरी तरह से सक्षम महसूस करें तभी प्रेगनेंसी कंसीव करने के बारे में सोचें| क्योंकि रिसर्च के अनुसार 45 साल की उम्र के बाद भी महिलाएं नॉर्मल तरीके से प्रेग्नेंट हो सकती है| हालांकि नेचुरल प्रेगनेंसी कंसीव करना थोड़ा मुश्किल होता है, मगर नामुमकिन नहीं |यदि आप नेचुरल तरीके से कंसीव ना कर पाए तो आपके लिए आईवीएफ और सरोगेसी के रास्ते खुले हैं |मगर बच्चे की जिम्मेदारी उठाने के लिए खुद को पहले शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार करना अनिवार्य है|