डोमेट्रियोसिस क्या डायरिया का कारण बनता है

   डोमेट्रियोसिस क्या डायरिया का कारण बनता है 






जीवन सुखद तभी है जब आप स्वस्थ और खुशहाल हैं स्वास्थ्य संबंधी बीमारी आपके जीवन में कड़वाहट घोल देती है क्योंकि व्यक्ति हर वक्त बीमारी से जूझता रहता है और अपना संपूर्ण जीवन बीमारी के इलाज में खर्च कर देता है जिस कारण वह जीवन की सुखद अनुभूति से अनभिज्ञ हैं क्योंकि वह अपने संपूर्ण जीवन में बीमारियों से घिरा रहा है ऐसे में कुछ ही पल आनंद का अनुभव किया,

क्या आप जानते हैं ऐसा क्यों होता है क्योंकि हम अपने शरीर का ध्यान उचित ढंग से नहीं करते हमारे शरीर को समय समय पर अच्छा पौष्टिक युक्त आहार, विश्राम और व्यवस्थित दिनचर्या के साथ साथ थोड़ा तन को आराम देना भी आवश्यक है क्योंकि वह हर वक्त काम में व्यस्त रहेगा तो उसका शरीर अत्यन्त दुर्बल और नीरस हो जाएगा धीरे धीरे वह अपनी क्षमताओं को खोने लगेगा और अनेक घातक बीमारियों का शिकार हो जाएगा,

ऐसे ही एक बीमारी डायरिया है और बहुत से बिशेषज्ञ कहते हैं कि एंडोमेट्रियोसिस डायरिया का कारण बनता है अब यह जानना अति आवश्यक है कि यह दोनो बिमारी क्या है इनके लक्षण और कारण साथ ही क्या वास्तव में यह एंडोमेट्रियोसिस डायरिया का कारण बनता है,



तो सर्वप्रथम एंडोमेट्रियोसिस क्या है - एंडोमेट्रियोसिस जोकि महिलाओं में एक आम स्वास्थ्य समस्या है यह शब्द एंडोमेट्रियम से लिया गया है जो कि बच्चेदानी की अस्तर के टिश्यू होते हैं इसे एक गैर कैंसर वाली स्थिति भी कह सकते है और यह एंडोमेट्रियोसिस बीमारी ज्यादातर तब होती है

जब इन टिश्यू के समान टिश्यू बच्चेदानी के बाहर या हमारे शरीर के उन अन्य अंगों में बढ़ने लगते हैं जहां यह सामान्य रूप से नहीं पाए जाते और ज्यादातर एंडोमेट्रियोसिस सबसे ज्यादा इन अंगों में पाया जाता है -

ओवरी (अंडाशय) फैलोपियन ट्यूब, और वह ऊतक जो बच्चेदानी को उसकी जगह पर रखते हैं तथा बच्चेदानी की बाहरी सतह साथ ही अन्य अंगों में भी एंडोमेट्रिओसिस हो सकता है जैसे

  • कि योनि, सर्विक्स, वल्वा, आंत्र, ब्लैडर , या रेक्टम इत्यादि,
  • तथा कुछ दुर्लभ मामलों में एंडोमेट्रिओसिस शरीर के अन्य भागों में भी हो सकता है, जैसे कि फेफड़े, मस्तिष्क और त्वचा इत्यादि,


एंडोमेट्रियोसिस बीमारी होने के कारण - कोई भी बीमारी यूं अचानक नहीं होती उसके कुछ कारण अवश्य होते हैं जैसे -

  • रेट्रोग्रेड पीरियड्स - यह भी एक कारण है जिससे यह बीमारी होने का खतरा रहता है इसमे मासिक धर्म के रक्त वाली एंडोमेट्रिअल कोशिकाएं फैलोपियन ट्यूबों के माध्यम से शरीर के बाहर जाने की जगह पेल्विक कैविटी में चली जाती हैं और ये विस्थापित एंडोमेट्रिअल कोशिकाएं पेल्विक के अंगों की सतहों और उनकी दीवारों पर चिपक जाती हैं जहां वे प्रत्येक मासिक धर्म चक्र के दौरान अधिक मोटी हो जाती हैं और जिसके कारण अधिक रक्तस्राव होता हैं.

  • पेरिटोनियल कोशिकाओं का परिवर्तन - हालांकि एंडोमेट्रियोसिस का यह एक कारण हो सकता है क्योंकि यौवन के दौरान पेट के अंदरूनी भाग को रेखांकित करने वाली पेरिटोनियल कोशिकाओं का एंडोमेट्रिअल कोशिकाओं में परिवर्तन भी एंडोमेट्रियोसिस का एक कारण हो सकता है,
  • परिवारिक इतिहास - कभी कभी जन्मजात बीमारी या यदि किसी सदस्य को कोई बीमारी होती है तो वो परिवार के दूसरे सदस्य में होना पारिवारिक इतिहास कहलाता है और  इसलिए अपने चिकित्सक से सलाह करनी चाहिए अगर आपके परिवार में से किसी को एंडोमेट्रियोसिस है .
  • गर्भावस्था का इतिहास-ऐसा कहा जाता है कि गर्भावस्था एंडोमेट्रियोसिस से महिला को बचाती है लेकिन कहीं भी स्पष्ट तथ्य नहीं है क्योंकि यह उन महिलाओं में भी हो सकता है जो पहले गर्भवती हो चुकी हैं,
  • मासिक धर्म का इतिहास -. हालांकि स्पष्ट कारण नहीं है पर यदि आपके परिवार में किसी को मासिक धर्म से सम्बंधित समस्याएं हैं (जैसे कम या ज़्यादा समय के लिए मासिक धर्म होना, भारी मासिक धर्म होना या कम उम्र में मासिक धर्म शुरू हो जाना) तो आपको चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए क्योंकि इससे आपको उस बीमारी का खतरा न होकर ऑस्टियोपोरोसिस होने का जोखिम बढ़ सकता है,


अब यह जानना अति आवश्यक है कि डायरिया क्या है -


डायरिया क्या है -  डायरिया जिसको दस्त के रूप में भी जाना जाता है यह एक बीमारी है जो सामान्य की तुलना में अधिक शिथिल या अधिक मल पास करती है जिसे पेट का फ्लू भी कहा जाता है और यह माइक्रोबियल संक्रमण के कारण पेट या आंत की सूजन के अलावा कुछ भी नहीं होता है

हालांकि सामान्य परिस्थितियों में, दस्त केवल विशेष चिकित्सा उपचार की आवश्यकता के बिना 2-4 दिनों तक रहता है लेकिन गंभीर दस्त जीवन के लिए खतरा उत्पन्न कर देता  हैं खासकर जब आप एंडोमेट्रियोसिस बीमारी से ग्रस्त हो,

हालांकि इसके पीछे प्रमुख कारण शरीर द्वारा अधिक

निर्जलीकरण हो सकता है, क्योंकि इस गति से गुजरने के

कारण व्यक्ति का शरीर तरल पदार्थ खो देता है और कुपोषित लोग, शिशुओं, छोटे बच्चों, कुपोषित और कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोगों में इस तरह के खतरनाक संक्रमण का शिकार होने का खतरा अधिक रहता है और 5 साल से कम उम्र के बच्चों में डायरिया मौत का दूसरा प्रमुख कारण होता है,


डायारिया के लक्षण में शामिल हैं -

1. पानी का मल
2. पेट में ऐंठन जो एक और बीमारी एंडोमेट्रियोसिस बीमारी से संबंधित है
3. मतली और उल्टी
4. बुखार
5. निर्जलीकरण
6. भूख में कमी

डायरिया का कारण क्या है?

डायरिया हालांकि इन्फेक्शन दूषित पानी और भोजन के अंतर्ग्रहण से होता है और कभी कभी गंदे हाथों से संदूषण या मल पदार्थ के संपर्क मे आने से कुछ सामान्य रोगाणु जो गैस्ट्रो-आंत्रशोथ का कारण बनते हैं और बाद में दस्त होते हैं-

  1. बैक्टीरिया
  2. वायरस
  3. पैरासाइट

डायरिया एक ऐसा रोग है जो कुछ सामान्य से साधारण

उपाय करने से ठीक हो जाता है,


एंडोमेट्रियोसिस क्या है और इसके कारण जानने के बाद डायरिया क्या है और इसके लक्षण और कारण जानने के बाद यह जानना अति आवश्यक है कि

क्या एंडोमेट्रियोसिस वास्तव में डायरिया का कारण बनता है -


जैसा कि एंडोमेट्रियोसिस के लक्षणों में दस्त होना एक स्वाभाविक समस्या है और तो और इसके साथ कुछ और लक्षण भी शामिल हैं और साथ ही

एंडोमेट्रियोसिस दर्द बेहद दर्दनाक पीरियड क्रैम्प की भांति

महसूस होता है और यह दर्द गर्भाशय के आसपास के क्षेत्र तक सीमित नहीं है अपितु पेट में तेज दर्द के अलावा, साइटिक दर्द, मलाशय में दर्द और मल त्याग के दौरान दर्द का अनुभव के साथ ही पीरियड्स के साथ महिलाओं को

डायरिया होने का खतरा भी होता है और आप अपने पैरों में या संभोग के दौरान भी दर्द महसूस करते हैं,


अतः एंडोमेट्रियोसिस के लक्षणों मे शामिल हैं:


1) चिड़चिड़ा आंत्र
2)पेशाब करने में कठिनाई
3) दस्त जिसे डायरिया भी कहा जाता है,
4) दर्दनाक मल त्याग


साथ ही इस तरह के एंडोमेट्रियोसिस दर्द तेज और आग्रहपूर्ण महसूस होते हैं, महिलाए अपनी जीवनशैली की आदतें जैसे  कि प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों में उच्च आहार इसे भी खराब महसूस करती है,

हालांकि एंडोमेट्रियोसिस का प्राथमिक लक्षण पैल्विक दर्द है, जो अक्सर मासिक धर्म से जुड़ा है और हालांकि  कुछ महिलाएं मासिक धर्म के दौरान ऐंठन का अनुभव करती हैं,

एंडोमेट्रियोसिस वाली महिलाएं आमतौर पर मासिक धर्म के दर्द का अनुभव करती हैं जो सामान्य से कहीं अधिक खराब होता है और दर्द भी समय के साथ बढ़ सकता है अतः

और तो और एंडोमेट्रियोसिस के सामान्य लक्षणों में शामिल

हैं:

1. दर्दनाक अवधि  - जैसा कि पहले बताया गया है कि पैल्विक दर्द और ऐंठन मासिक धर्म से पहले शुरू हो जाते हैं और कई दिनों तक बढ़ जाते हैं तथा इसके साथ महिलाएं पीठ के निचले हिस्से और पेट में दर्द भी महसूस करती है,

क्योंकि मासिक धर्म के दौरान कभी-कभी ऐसा दर्द होता है कि महिला इसे बर्दाश्त नहीं कर पाती और यह असनीय हो जाता है और कई बार तो यह दर्द पूरे महीने तक बना  रहता है इसके अलावा पीठ में दर्द, कंधों में दर्द और  जांघों में भी तेज दर्द होता है तथा डायरिया, कब्ज, सूजन और यूरीन में खून निकलने जैसे लक्षण भी इसी से जुड़े होते हैं अतः हम कह सकते हैं कि एंडोमेट्रियोसिस बीमारी डायरिया से संबंधित है,

2. संभोग के साथ दर्द - एंडोमेट्रियोसिस जैसी बीमारी में सेक्स के दौरान या बाद में दर्द होना आम समस्या है,

3. अत्यधिक रक्तस्राव - कभी-कभी महिलाओं को इस बीमारी के अंतर्गत भारी मासिक धर्म या मासिक धर्म के बीच रक्तस्राव का अनुभव होता है,

4. बांझपन - कभी-कभी जो महिलाएं मां नहीं बन पाती या बांझपन के लिए उपचार चाहने वालों में एंडोमेट्रियोसिस का सबसे पहले निदान किया जाता है क्योंकि एंडोमेट्रियोसिस बांझपन का कारण है,

5. अन्य लक्षण - कभी कभी एंडोमेट्रियोसिस बीमारी के ग्रस्त महिलाओं को थकान, दस्त, कब्ज, सूजन या मतली का अनुभव होता है और खासकर मासिक धर्म के दौरान,


इस कारण हम कह सकते हैं कि एंडोमेट्रियोसिस बीमारी डायरिया का कारण बनती है


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